बालोद का ये मदिरापुर है चर्चा में- पंचायत ने दुकानदारों की मदद से नजर रखने चौक पर लगवाए कैमरे, फिर भी बिक रही शराब, जांच में पहुंचे अफसर व पुलिस तो दुबके लोग, एक धराया
बालोद। ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर (मदिरापुर- यहां के हालातों को देख ये काल्पनिक नाम रखा गया है)में अवैध शराब बेचने वालों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्हें किसी का डर नजर नहीं आता है। ना पुलिस प्रशासन का, ना पंचायत प्रशासन का। पंचायत प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर अवैध शराब बिक्री को रोकने, उन पर नजर रखने के लिए प्रयास किया जाता है। पर प्रयास के सामने अवैध शराब बिक्री करने वालों की होशियारी भारी पड़ता है। पंचायत द्वारा कुछ दुकानदारों की मदद से चौक पर दो-तीन जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। ताकि चोरी की घटनाओं के अलावा चौक पर होने वाले अवैध शराब बिक्री व असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके। लेकिन शराब बेचने वालों के इरादे ऐसे हैं कि कैमरे के नीचे ही खड़े होकर शराब बेचते हैं। डिक्की गिरोह कैमरा के आस-पास ही सक्रिय रहता है। तो कुछ ऐसे हैं जो इस कैमरे के आसपास बने हुए दुकानों को भी शराब बेचने का अड्डा बनाए हुए हैं। शराब बेचने वाले बंद हो चुके एक साइकिल स्टोर के पास बैठ कर भी शराब बेचते हैं तो कुछ चौक पर बाइक में बैठे-बैठे शराब का धंधा करते हैं। सरपंच अरुण साहू ने बताया कि शराब की अवैध बिक्री रोकने के लिए हमने कई बार मांग उठाई है। कलेक्टर और एसपी से ज्ञापन देकर इस संबंध में शिकायत की गई है। पंचों व ग्रामीणों के साथ भी मिलकर हमने इस मुद्दे पर प्रमुखता से मांग रखी थी। तो वही बालोद थाने में भी संबंधित प्रभारियों से कई बार इस संबंध में चर्चा कर मांग कर चुके हैं। पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। पूर्व में 4 से 5 लोग अलग-अलग जगह पर पकड़े भी गए हैं। लेकिन इसके बाद भी शराब का अवैध धंधा थम नहीं रहा है। गांव में लगातार माहौल खराब हो रहा है। ठोस कार्रवाई ना होने से शराब बेचने वाले खुद को और बेखौफ समझते हैं।
शिकायत के बाद तलाशी लेने पहुंचे अफसर और पुलिस, दुबके लोग
वही लगातार मिल रही अवैध शराब बिक्री की शिकायतों के मद्देनजर आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की टीम अलग-अलग समय में गुरुवार को जांच के लिए पहुंची। चौक के आसपास दुकानदारों को टीम के लोगों ने चेतावनी दी कि किसी भी तरह से अवैध बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुछ जगह टीम ने तलाशी भी ली और दुकानदारों को चेताया भी। वही टीम के आते ही शराब बेचने में संलिप्त रहने वाले लोग दुबक गए। कुछ तो गांव छोड़कर भाग गए तो कुछ ने अपने पास रखे स्टॉक को ठिकाने लगा दिया। ताकि टीम तलाशी ले तो कुछ हासिल ना हो। पुलिस और आबकारी विभाग की टीम के इस दबिश से यहां हड़कंप की स्थिति भी रही। शराब बेचने वाले कुछ लोग भूमिगत भी हो गए हैं। वे कुछ दिनों के लिए शराब बेचना बंद किए हैं। लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग भी इस ताक में है कि जैसे ही शराब बिक्री बढ़ी, वैसे ही छापामार कार्रवाई होगी। ग्रामीणों ने मांग की कि समय-समय पर पुलिस और आबकारी विभाग को पेट्रोलिंग करनी चाहिए। ताकि शराब बेचने वाले रंगे हाथ पकड़ में आ सके। सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग के लोगों ने एक व्यक्ति को 14 पव्वा शराब के साथ पकड़ा तो वही कुछ घरों में छापा भी मारा।
पड़ोसी गांव के इलाकों में जाकर बेंच रहे हैं शराब
तो वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शराब बेचने वाले अपना इलाका भी बढ़ाते जा रहे हैं। जगन्नाथपुर के कुछ चौक चौराहे तो इनके ठिकाने थे, अब सांकरा और परसदा रोड भी नए ठिकाने बन रहे हैं। सांकरा के बिजली ऑफिस के सामने और सेवा सहकारी समिति के आगे गौठान के आसपास शराब बिकने लगे हैं। जोकि सांकरा ज सीमा क्षेत्र में भी आता है। सांकरा ज के सरपंच वारुणी शिवेंद्र देशमुख ने बताया कि विगत दिनों यह शिकायत भी प्राप्त हुई थी कि जगन्नाथपुर के कुछ शराब बेचने वाले हमारे गांव क्षेत्र में आकर शराब का धंधा शुरू कर रहे हैं। जब हमने उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो वे भाग गए। अंधेरे का फायदा उठाते हुए परसदा मार्ग में शराब बेची जा रही है। पुलिस प्रशासन को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।
कलेक्टर- एसपी से भी लगाए थे फरियाद
सरपंच अरुण साहू ने बताया कि पूर्व में जनदर्शन में भी हमने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर व एसपी के नाम से ज्ञापन देते हुए पंच प्रतिनिधियों के साथ शराब बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। हिंद सेना के द्वारा भी इस पर हस्ताक्षर अभियान चला गया था और गांव की खासतौर से महिलाओं ने इस अभियान में हिस्सा लेकर प्रशासन से मांग की थी कि शराब की अवैध बिक्री बंद हो। पर उन मांगों और अभियानों का कोई असर नहीं हुआ। बदस्तूर शराब बिक्री जारी है। अब तो आलम और भी ज्यादा खराब हो चला है। रोज 400 से 500 शराब की खाली शीशियां यहां निकल रही है। जो बताती है कि यहां बिक्री किस सीमा तक पहुंच चुकी है। कुछ शराब बेचने वाले कारोबार को कुछ दिनों के लिए बंद किए हैं तो कुछ आदतन बेचने वाले ऐसे हैं जो ठिकाना बदलने के जुगाड़ में लगे हुए हैं।
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