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बेलोदा के शिक्षक की मौत, खेत में पत्नी से मोबाइल में कर रहे थे बात और ऊपर से आ गिरी मौत की बिजली

बालोद। बालोद के डौंडी ब्लाक के ग्राम बेलोदा में आकाशीय बिजली गिरने से एक शिक्षक 36 वर्षीय कौशल कुमार कोठरिया की खेत में मौत हो गई। घटना के दौरान वे अपने खेत में हाथियों द्वारा गन्ने की फसल को नुकसान किए जाने की सूचना के चलते देखने के लिए पहुंचे थे। इस बीच बिजली कड़क रही थी जिसकी चपेट में आ गए। चर्चा है कि वह इस दौरान मोबाइल में अपनी पत्नी मोनिका से बात कर रहे थे। आशंका है इसी वजह से आकाशीय बिजली उनकी ओर आकर्षित हुई और यह दर्दनाक घटना हो गई। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि मोबाइल की वजह से उन पर आकाशीय बिजली गिरी या वे सीधे इसकी चपेट में आए। क्योंकि घटना के बाद जब संजीवनी 108 घोटिया की टीम गांव पहुंची तो उन्हें घर पर ले जाया गया था। जहां से फिर 108 की टीम ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया। पर अस्पताल पहुंचते तक उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर ने मौत की पुष्टि की। शिक्षक कौशल कुमार कोठारिया डौंडीलोहारा ब्लाक के ग्राम राघो नवागांव मिडिल स्कूल में पदस्थ थे। अंग्रेजी के शिक्षक के साथ ही विज्ञान भी पढ़ाते थे। मिलनसार व्यक्तित्व के धनी शिक्षक के इस तरह मौत से शिक्षा जगत में शोक का माहौल है। उनके साथ ही शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अफसरों ने भी इस मौत पर श्रद्धांजलि व्यक्त की। बताया जाता है कि मृतक शिक्षक देवरी बंगला में किराए के मकान में रहता था। स्कूल सत्र शुरू होने पर वह पत्नी और बच्चों साथ किराए के मकान में आकर रहते थे । फिर विगत गर्मी छुट्टी में गांव में ही रह रहा था। फिलहाल अभी गांव से ही आना जाना कर रहा था। गाँव में स्वयं खेती किसानी भी संभालते थे. आज सुबह ही अपने साथी शिक्षकों को फोन करके बताया कि खेत में हाथी आए हुए हैं। फसलों को देखने जाना है। इसलिए आज नहीं आ पाऊंगा और वे आज छुट्टी लेकर खेत की ओर गए थे। पर क्या पता था कि वहां उनकी इस तरह से मौत हो जाएगी। उनकी पत्नी का नाम मोनिका है, 2 बच्चे एक पुत्र आदित्य कक्षा दूसरी और पुत्री अंकिता कक्षा पहली में अध्यनरत है।

पिता की हुई पिछले साल मौत

सरपंच जगनुराम मंडावी ने बताया पिछले साल उनके पिता निर्भय राम की भी लकवा ग्रस्त होने के चलते निधन हो गया था। परिवार में शिक्षक कौशल इकलौते पुत्र थे। इस घटना के बाद कोठारिया परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस निधन पर मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक डीएस वासनिक सहित अन्य शिक्षक साथियों मोहन रावटे, संजू यादव, खिलावन कृपाल, ईश्वर, अश्वनी देवांगन, प्रभा साहू आदि ने भी श्रद्धांजलि व्यक्त की।

दिन भर होती रही गरज चमक के साथ बारिश

ज्ञात हो कि गुरुवार 23 जून को जिले में मौसम काफी खराब रहा। कई इलाकों में तेज गरज चमक के साथ रुक रुक कर बारिश होती रही। इस दौरान खेत में काम कर रहे लोग भी दहशत में थे। क्योंकि आमतौर पर खेतों में जब बिजली कड़कती है तो छिपने के लिए जगह नहीं मिल पाती। पेड़ों के नीचे जाना भी ऐसे हालत में खतरनाक साबित होता है। पिछले दिनों डौंडीलोहारा में भी इसी तरह आकाशीय बिजली गिरने से कई बकरियों की मौत हो गई थी। चरवाहा बाल-बाल बचा था।

मौसम वैज्ञानिक ने दी है यह सलाह

आकाशीय बिजली की घटना बारिश में आम बात है। ऐसे में लोगों को सचेत रहना पड़ेगा। इस घटना के संदर्भ में हमने मौसम विज्ञानी रायपुर के एच पी चंद्रा से बात की। उन्होंने कहा कि जब बिजली कड़क रही हो और पास में मोबाइल हो तो ऐसे हालत में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। मोबाइल में जो तरंग निकलती है वह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव होती है। और यही तरंग आकाशीय बिजली में भी होती है। इस वजह से आकाशीय बिजली मोबाइल की ओर आकर्षित होती है। ऐसे हालत में जब गरज चमक हो रही है तो मोबाइल से बात करने से बचना चाहिए। ज्यादा अच्छा है मोबाइल स्विच ऑफ करके रख दे। उन्होंने आकाशीय बिजली की चपेट में आने से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि खेत आदि जगह है तो पेड़ों के नीचे ना जाएं। खुले आकाश के नीचे दोनों एड़ियों को जोड़कर उखड़ू बैठ जाए। मोबाइल आदि से बिल्कुल बात ना करें। मोबाइल टावर, बिजली खंभा या किसी भी तरह के पोल के आसपास भी ना रहे। जिससे बिजली आकर्षित हो।

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