ये प्यार नहीं, कुछ और था? पढ़िए संध्या राजपूत हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी, पड़ोसन को उतारा मौत के घाट, गांव का ही युवक इस तरह हुआ गिरफ्तार?
बालोद। बालोद जिला पुलिस, साइबर सेल व अर्जुन्दा पुलिस ने 22 दिनों की कड़ी मेहनत करते हुए अर्जुंदा थाना क्षेत्र के ग्राम भालूकोना में हुए संध्या राजपूत के हत्याकांड मामले में गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस ने गांव के ही एक युवक विकास कुमार यादव उम्र 20 साल को गिरफ्तार किया है। जिसने अपने से 18 साल बड़ी महिला संध्या राजपूत उम्र 38 साल को मौत के घाट उतारा था। दोनों एक ही मोहल्ले के थे। पड़ोसन को इस तरह मारने के पीछे की कहानी अजीबोगरीब है। यह प्यार नहीं कुछ और था, ऐसा कह सकते हैं। क्योंकि जिस तरीके से आरोपी युवक ने अपनी पड़ोसन की हत्या की थी व भी खतरनाक तरीका है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि महिला उससे आए दिन घर पर मिलने के लिए बुलाती थी। नहीं आने पर उनके घर वालों को बता देने की धमकी देती थी। 2 साल से वह महिला इस युवक से अपनी शारीरिक जरूरत पूरी कर रही थी। क्योंकि वह अपने पति से भी अलग रहती थी। और अपने मूल ग्राम मायके खुरसुनि से भी दूर रहती थी। रोज-रोज महिला द्वारा अपनी शारीरिक जरूरत को पूरी करने के लिए अपने से 18 साल छोटे युवक आरोपी विकास को बुलाया जाता था। जिससे वह तंग आ चुका था। जब वह मना करता था तो महिला उससे कहती थी कि नहीं आए तो तुम्हारे और अपने घरवालों को सब बता दूंगी। फिर क्या था? युवक ने इस किस्से को खत्म करने के ही ठानी और 29 जुलाई की रात को जब वह उससे मिलने पहुंचा तो महिला छत पर लेटी मोबाइल पर किसी से बातचीत कर रही थी। इस बीच आक्रोशित युवक ने कहा कि अब मैं इस तरह तुम्हारे बुलावे पर नहीं आऊंगा। तो महिला दोबारा उसे फंसा देने की धमकी देने लगी। पहले से ही प्लानिंग कर आए युवक ने लकड़ी के मोटे बेठ से महिला के सिर पर प्रहार किया। जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद सब्जी काटने के चाकू से उसका गला रेता। हत्या के बाद आधे घंटे तक युवक वही छत पर ही लाश के बगल में बैठा रहा। जिसके बाद वह बेडरूम से चादर ले आया और लाश को बकायदा ढक कर वहां से चला गया। देर रात को जब वह अपने घर पहुंचा तो उस समय युवक के पिताजी जग रहे थे। लेकिन उन्हें भी आभास नहीं हुआ कि बेटा कुछ करके आया है। दूसरे दिन सुराग छुपाने के लिए युवक निकला। चाकू और लकड़ी के बेठ को गांव के नहर नाली में छिपाया हुआ था तो खून से सने कपड़े को बैग में भरकर वह धमतरी में हेल्पर काम के लिए जाने के दौरान गुंडरदेही में एक जगह जलाया था। उक्त चीजों को पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बरामद भी किया है। युवक से पूछताछ में कई आश्चर्यजनक बातें भी सामने आई। शुरुआत से पुलिस को ऐसा लग रहा था कि इस हत्या में मृतिका के पति का हाथ हो सकता है। क्योंकि पति पूर्व में विभिन्न मामलों में जेल जा चुके थे। उनका अपराधिक रिकॉर्ड था। इसलिए पुलिस पहले उसी को आरोपी मानकर चल रही थी। लेकिन पुख्ता सबूत नहीं मिल रहे थे। लगभग 300 लोगों से पूछताछ के बाद भी कुछ हासिल नहीं हो पा रहा था। ऐसे में पुलिस थक हार चुकी थी। लेकिन उम्मीद की एक रोशनी थी और वह रोशनी नजर आ ही गई।
दो सिम कार्ड चलाता था आरोपी, दूसरे नंबर के जरिए पकड़ाया
घटना की रात को जितने भी मोबाइल सिम कार्ड एक्टिव है उसकी तकनीकी जानकारी निकाली गई। साइबर सेल ने भी इसमें काफी मेहनत की। संबंधित मोबाइल धारकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। इस दौरान एक बार उक्त आरोपी युवक से पूछताछ हो चुकी थी लेकिन पुलिस को उस वक्त पता नहीं था कि वह दो सिम कार्ड चलाता है। पुलिस ने उसके एक नंबर के आधार पर उससे पूछताछ के बुलाया था। लेकिन दूसरा नंबर भी उसी का था यह बात करीब 20 दिन बाद पता चली। और जब उसे दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया। कड़ाई से पुलिस ने जानकारी निकालनी शुरू की तब युवक ने सच्चाई उगली और इस तरह तंग आकर महिला की हत्या की सारी जानकारी बताई।
ऐसे हुआ था मेलजोल
2 साल पहले दोनों के बीच मेलजोल बढ़ा था। उम्र में तो महिला बड़ी ही थी। युवक जब मोहल्ले से गुजरता था तो कुछ काम के बहाने महिला उसे बुलाती थी। घर के कुछ सामान लाने ले जाने के लिए मोबाइल नंबर आदान-प्रदान हुआ था। इस बीच युवक का उसके घर आना जाना बढ़ा और फिर महिला ने उसके साथ अपनी जरूरतें पूरी करनी शुरू कर दी। लेकिन लेकिन युवक को यह रास नहीं आ रहा था। वह महिला से पीछा छुड़ाना चाहती थी लेकिन जब वह मना करता था तो महिला उसे परिवार के लोगों को बताने की धमकी भी दे देती थी। जिससे वह परेशान रहता था। घटना की रात को शराब के नशे में भी था और जब महिला ने उसे फोन किया कि आओ आज मिलने के लिए। तो फिर युवक घर से सब्जी काटने का चाकू और एक लकड़ी का मोटा बेठ लेकर निकला था और इस तरह उसने हत्या को अंजाम दे दिया।
इनकी रही गुत्थी सुलझाने में अहम भूमिका
पुलिस अधीक्षक जिला बालोद जितेंद्र कुमाद यादव के निर्देशन , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर के पर्यवेक्षण व अनुविभागीय अधिकारी गुण्डरदेही सोनसाय मौर्य, उप पुलिस अधीक्षक राजेश बागडे के मार्ग दर्शन पर ग्राम भालुकोन्हा में मृतिका संध्या राजपूत के घर के छत में किये अंधे कत्ल के अज्ञात आरोपी को पकड़ने में प्रभारी साइबर सेल दिलेश्वर चन्द्रवंशी , थाना अर्जुंदा थाना प्रभारी उप निरी0 शिशिर पाण्डेय, थाना प्रभारी सुरेगांव उप निरी0 अमीत तिवारी, थाना प्रभारी रनचिरई उप निरी0 यामन देवांगन , थाना अर्जुंदा सउनि रमेश सिन्हा, प्र0आर0 विकास सिंह, साइबर सेल प्र0आर0 भुनेष्वर मरकाम, प्रेमसिह राजपूत ,रूमलाल चुरेन्द्र ,आर0 राहुल मनहरे, संदीप यादव, पूरन देवांगन ,विपिन गुप्ता, विवेक शाही ,मिथलेष यादव ,आकाष दुबे ,अनिता साहू व थाना अर्जुंदा आर0 भूपत मानिकपुरी, आर0 कमलेष रावटे, तेजराम साहू, भालेष्वर देवांगन ,थाना गुण्डरदेही आर0 दमन वर्मा का विषेष योगदान रहा।
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