मार्री के व्यापारी की सदमें में हो गई मौत, प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ लामबंद हुए व्यापारी व ग्रामीण
देवरीबंगला। बुधवार को परसाडीह निवासी यमेन्द्र साहू (41 वर्ष) की मौत हो गई। मृतक के पिता नेतराम साहू ने पुलिस थाना देवरी में शिकायत दर्ज कराई है कि विगत कुछ दिनों से देवरी निवासी सतीश सिंह, उसकी पत्नी मधुसिंह, पुष्पलता बघेल व ग्राम पटेल प्रेमलाल साहू द्वारा लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। उसने शिकायत की है कि उसके मृतक पुत्र को उपरोक्त लोगों द्वारा ग्राम मार्री बंगला बस स्टैण्ड में आबंटित गुमटी को लेकर परेशान किया जा रहा था।
बुधवार लगभग 3 से 4 बजे के बीच सतीस सिंह, मधुसिंह व प्रेमलाल उसके इलेक्ट्रानिक दुकान में आकर फिर से यमेन्द्र को गाली-गलौच कर अपमानित करते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी जिसकी शिकायत लेकर वह ग्राम सरपंच अमर सिंह भुआर्य के पास पहुंचा और अपनी पीड़ा बताते हुए बेहोश हो गया। जिसके बाद उसे देवरी अस्पताल लाया गया। जहां से उसे राजनांदगांव जिला अस्पताल पहुचाते समय उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उसने कहा कि उसका लड़का उनलोगों द्वारा दी जा रही प्रताड़ना बर्दाश्त नहीं कर सका और सदमे में उसकी मौत हो गई। हलांकी पोष्टमार्टम से उसकी मौत की असली वजह का खुलासा हो पायेगा। इधर व्यापारी संघ ने भी अपनी दुकान बंद कर उक्त मामले में आक्रोश व्यक्त करते हुए थाना पहुंचकर आरोपियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की। जिसके बाद आरोपी सतीश सिंह, मधुसिंह, प्रेमलाल साहू को तत्काल गिरफ्तार कर शांतिभंग की धाराओं के साथ एसडीएम न्यायालय में पेश किया। वहीं नेतराम साहू की शिकायत पर सतीश सिंह, मधुसिंह, प्रेमलाल साहू व पुष्पलता बघेल पर धारा 294, 506, 34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है। मामले में पोष्टमार्टम रिपोर्ट के पश्चात अन्य कार्यवाही की जायेगी।
ग्रामीणों के अनुसार बस स्टैण्ड में एक विवादित भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा अस्थाई रूप से अतिक्रमण में हटे दुकानदारों को गुमटी का आबंटन किया गया है। जिस पर विवाद होने से प्रकरण न्यायालय में लंबित है लेकिन आरोपियों द्वारा गुमटी धारकों को विगत कई वर्षों से परेशान किया जा रहा है। वर्तमान में विस्थापित भूमि ग्राम पंचायत की आबादी भूमि के रूप में दर्ज है। स्थानीय थाना प्रशासन व ग्राम पंचायत की समझाईश के बाद भी वे लोग शांति व्यवस्था में व्यवधान डालते हुए दुकानदारों को डराने-धमकाने सहित कई तरह के हथकंडा अपना रहे थे। जिसके चलते गांव व स्थानीय बस स्टैण्ड में अशांति का महौल बना हुआ है। स्थानीय ग्राम पंचायत का कहना है कि जबतक उक्त मामला में उच्च न्यायलय या राजस्व न्यायालय से फैसला नहीं आ जाता सभी पक्षों से शांति बनाये रखने कहा गया था।
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