दानीटोला के नर्सिंग कालेज का यूथ कांग्रेस व एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया घेराव, मृत छात्रा कामिनी के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने की मांग
बालोद। भिलाई स्थित रस्तोगी कॉलेज में नर्सिंग की छात्रा कामिनी चुरेन्द्र फूड प्वाइजनिंग की शिकार हो गई थी। जिनकी इलाज के दौरान राजनांदगांव अस्पताल में मौत हो गई। उक्त छात्रा बालोद जिले के लोहारा ब्लॉक के जेवर तला की रहने वाली थी। इस घटना से लोगों में आक्रोश है वह इसलिए क्योंकि कालेज प्रबंधन इस मौत के लिए नैतिक जिम्मेदारी तक नहीं ले रहा है और अपनी गलती नहीं स्वीकार कर रहा है। तो वही उस कॉलेज में पढ़ने वाले 40 से ज्यादा छात्राएं भी बीमार है। उन्हें घटिया खाना दिया जाता था। इस मामले ने नया मोड़ लेते हुए छात्रा बालोद जिले की थी इसलिए इस पर प्रदर्शन शुरू हो चुका है। गुरुवार को बालोद शहर के युवा कांग्रेस के नेताओं और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष साजन पटेल के नेतृत्व में रस्तोगी कॉलेज के शाखा भारती नर्सिंग कॉलेज दानी टोला का घेराव किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई। गेट पर चढ़कर भी प्रदर्शन किया गया और कालेज प्रबंधन से इस घटना के लिए जिम्मेदारी स्वीकारते हुए 50 लाख मुआवजा राशि मृत छात्रा के परिवार को देने की मांग की गई। तो वही फूड प्वाइजनिंग की शिकार छात्राओं को भी पांच- पांच लाख देने की मांग की गई। प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने कालेज प्रबंधन को 1 हफ्ते का अल्टीमेटम भी दिया है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है यानी परिवार को 50 लाख मुआवजा नहीं दिया जाता है तो आगे और उग्र आंदोलन की बात कही गई है। अंततः अब भिलाई के रस्तोगी कालेज में जिले के ग्राम जेवरतला की रहने वाली नर्सिंग की छात्रा कामिनी चुरेन्द्र की फूड प्वाइजनिंग से हुई मौत का मामला गरमाने लगा है। कालेज प्रबंधक पर कड़ी कार्यवाही की मांग की जा रही। बड़ी संख्या में पहुंचे यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई ने कॉलेज के गेट पर जमकर हंगामा किया।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है। जिसमें कहा गया हैं कि मृतका के परिजनों को कॉलेज प्रबंधन 50 लाख का मुआवजा दे। वही जो छात्राएं हॉस्पिटल में एडमिट है उन्हें भी मुआवजा राशि दी जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो फिर से यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी।
क्या था मामला
छात्रा के पिता बसंत का कहना है कि उन्हें मालूम नहीं था कि बेटी फूड पॉइजनिंग की शिकार हुई है। उनके घर आने के बाद जानकारी हुई। 29 जुलाई को बेटी ने फोन किया था और बताया था कि उल्टी दस्त हो रही है। जिसके बाद हम उसे कॉलेज से घर ले आए थे। 30 को अचानक फिर तबीयत बिगड़ी। जिसके बाद मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में भर्ती कराए थे। जहां 31 जुलाई को दोपहर करीब 3:00 बजे उसकी मौत हो गई।
घटिया खाना देने का आरोप
ज्ञात हो कि 40 से ज्यादा छात्राएं हाईटेक अस्पताल भिलाई में भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है। मामले की जानकारी सामने आने के बाद कॉलेज प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। दुर्ग के कलेक्टर सहित पूरा प्रशासनिक अमला और जनप्रतिनिधि भी मामले में अलर्ट हो गए हैं। तो वहीं जांच के आदेश भी दिए गए हैं। तो यह मौत का मामला बालोद जिले से जुड़ा होने के कारण तुल पकड़ता दिखाई दे रहा है। अस्पताल में भर्ती छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें घटिया खाना दिया जाता था। बता दें कि मृतिका कामिनी अपने पिता बसंत की तीन बेटियों में मंझली बेटी थी।
मौत का खाना दे रही कालेज प्रबंधन
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे यूथ कांग्रेस के शहर अध्यक्ष साजन पटेल ने कहा कि रस्तोगी कॉलेज प्रबंधन छात्राओं को मौत का खाना परोस रही है। वहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है तो उनकी शाखा कालेजों में भी यही रवैया है। इसलिए उन्होंने तय किया है कि अगर एक हफ्ते बाद भी हमारी मांगों पर सुनवाई नहीं होती है तो कॉलेज का दुबारा घेराव करते हुए उग्र प्रदर्शन करेंगे तो साथ ही संबंधित शाखाओं में जाकर वहां की भोजन व अन्य व्यवस्थाओं की जांच भी करेंगे।
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