बालोद । सरोज नंद दास प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बालोद के न्यायालय द्वारा आरोपी पति अंजूराम ठाकुर पिता शिवलाल ठाकुर उम्र 40 वर्ष, निवासी डीही पारा तमोरा, थाना-रनचिरई, जिला बालोद (छ.ग.) को धारा 302 भा.द.स. के अपराध में आजीवन कारावास व 500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण अतिरिक्त लोक अभियोजक चित्रांगद देशमुख व बी.पी.साहू के अनुसार 27 दिसम्बर 2020 को पत्नी प्रतिमा की मृत्यु ईलाज के दौरान जिला अस्पताल राजनांदगांव में हो गई, जिसकी सूचना जिला अस्पताल राजनांदगांव द्वारा थाना बसंतपुर राजनांदगांव को भेजी गई, जिस पर थाना बसंतपुर द्वारा मर्ग क. 0/20 दर्ज कर स.उ.नि. ठगिया चंद्रवशी द्वारा प्रतिमा के परिजनों को नोटिस देकर गवाहों के समक्ष प्रतिमा के शव का नक्शा पंचायतनामा तैयार किया गया। थाना बसंतपुर, जिला राजनांदगांव से मृतिका प्रतिमा की मृत्यु की सूचना मर्ग इंटीमेशन थाना रनचिरई लाकर विवेचना में लिया गया। विवचेना के दौरान अभियोजन साक्षियों से पूछताछ की गई और पाया गया कि घटना दिनांक को मृतिका प्रतिमा रसोई में खाना बना रही थी. तभी अभियुक्त अंजूराम अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह कर हत्या करने की नियत से लोहे के घन में लगने वाले लकड़ी के बैठ से प्रतिमा के सिर पर मारा, जिससे प्रतिमा जमीन में गिर गई और छटपटाने लगी। आरोपी अंजूराम डरकर भाग गया। शिवलाल जब दिशा मैदान से तरफ से आया तो देखा कि प्रतिमा बेहोश पड़ी है, तब वह अपनी नतनीन गायत्री को जगाया और आसपास के लोगों को और 108 एम्बूलेंस बुलाकर प्रतिमा को ईलाज के लिये जिला अस्पताल राजनांदगांव ले गये, जहां ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई और उसके बताये अनुसार उसकी निशानदेही पर घर में लगने वाले लकड़ी के बैठ, जिसमें बाल लगा हुआ था, को जप्त कर उसे रासायनिक परीक्षण हेतु भेजकर पी. एम. रिपोर्ट प्राप्त कर अभियुक्त के विरूद्ध प्रथम सूचना पत्र पंजीबद्ध कर विवेचना के दौरान गवाहों का कथन उनके बताये अनुसार दर्ज किया गया। तत्पश्चात् विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण न्यायालय द्वारा प्रकरण में आये साक्ष्य के आधार पर उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।