यह है मौत का रास्ता, निगाहें हटी- दुर्घटना घटी, बारिश के बाद फुलझर धमतरी मार्ग में हुआ जानलेवा गड्ढा
बालोद। लगातार विगत दिनों हुई बारिश के कारण जहां फसलों की दुर्दशा हुई है। सोसाइटी में धान भीगे हैं तो ग्रामीण जनजीवन में आवागमन की व्यवस्था भी चरमरा गई है। सड़कों के हाल बेहाल हो गए हैं। तो पुल पुलिया भी जवाब देने लगे हैं। हालांकि कहीं बाढ़ की स्थिति तो नहीं आई लेकिन हम जिस तस्वीर के बारे में बता रहे हैं यह फुलझर से धमतरी मार्ग की है। जो कि बालोद जिले में ही आता है। फुलझर पैरी से लगा हुआ गांव है। यहां से बिरेतरा हल्दी होते हुए धमतरी जाने का रास्ता है। अधिकतर ग्रामीण इस शार्टकट रास्ते से ही आना-जाना करते हैं। यह मार्ग गुंडरदेही व बालोद ब्लॉक के कई गांव को धमतरी से जोड़ता है। लेकिन इन दिनों इस मार्ग पर जानलेवा गड्ढे हो गए हैं। गड्ढा भी पुल पर ही हुआ है जो आवागमन का मुख्य जरिया है। लगभग 4 से 5 फीट गड्ढा और वह भी चौड़े आकार का हुआ है। जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकता है। अगर जरा सी भी नजर हटी तो दुर्घटना घटी। लगातार बारिश के कारण यह स्थिति बनी है। पुल के अंदर के हिस्से से ही पानी के दबाव के चलते पूरी जमीन ही धसक गई है और मानो रास्ते में ही गुफा द्वार खुल गया हो। ऐसा नजारा यहां दिख रहा है। अगर धोखा हुआ तो राहगीर गाड़ी सहित इस गड्ढे के अंदर समा जाएंगे। इससे उनकी जान भी जा सकती है। पैरी और बिरेतरा के बीच यह पुल फुलझर और बिरेतरा को जोड़ता है। दोनों गांव के ग्रामीण के लिए ये मुख्य रास्ता है।
35 साल पुराना है यह पुल, नया अब तक नहीं बन पाया
ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल लगभग 35 साल पुराना है। कई बार दोनों गांव के लोगों द्वारा और जनप्रतिनिधि द्वारा भी यहां नया पुल बनाने की मांग की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। नतीजा कई बार ज्यादा बारिश की स्थिति में बाढ़ का भी सामना करना पड़ता है और क्या एकमात्र रास्ता भी बंद हो जाता है। अब तो स्थिति यह है कि पुल जवाब देने लगा है। जिस तरह से यहां इतना बड़ा गड्ढा हुआ है, आने वाले दिनों में अगर इसी तरह और बारिश हुई तो पुल टूट कर बहने में भी वक्त नहीं लगेगा। ग्रामीणों द्वारा शासन प्रशासन से इसके जल्द मरम्मत की मांग की जा रही है।
सेमरिया नाले पर है ये वर्षों पुराना पुल
बेमौसम हुए बारिश के कारण ये स्थिति बनी है। ग्राम पंचायत बिरेतरा के बिरेतरा फुलझर, पैरी पहुंच मार्ग पर स्थित सेमरिया नाला पर बना ये पुल टूट गया है। जिससे राहगीरों को आने जाने में बहुत परेशानी हो रही है। कभी भी किसी भी प्रकार की अनहोनी होने की आशंका बनी है। सरपंच, योगेश देशमुख एवं जनपद सदस्य हीरालाल गांधी ने बताया कि पुल को बने लगभग 35 वर्ष हो गया है। जो वर्तमान में बहुत ही जर्जर है तथा लगातार समय-समय पर ग्रामीणों द्वारा नवीन पुल की मांग की जाती रही है। लेकिन आज पर्यन्त तक कोई ध्यान नही दिया गया। अब बारिस के कारण पुल बीच से टूट गया है। जिससे आने जाने वाले राहगीर,स्कूल विद्यार्थी को परेशानिया उठानी पड़ रही है तथा दुर्घटना होने का डर है, जल्द ही मरम्मत की आवश्यकता है।
मरम्मत करने के बजाय फिलहाल संकेतक लगाकर लोगों को दुर्घटना से सचेत किया जा रहा।
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