November 22, 2024

ब्रेकिंग- अतिथि व्याख्याता पर लगा प्रताड़ना का आरोप, लोहारा कॉलेज में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा, हुआ घेराव, प्राचार्य ने अतिथि व्याख्याता को हटाया, पढ़िए पूरा मामला

बालोद। डौंडीलोहारा के सरकारी एकलव्य कॉलेज में एक अतिथि व्याख्याता पल्लवी शुक्ला के खिलाफ शनिवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नारेबाजी के साथ एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कॉलेज का घेराव किया और अतिथि व्याख्याता से उनके कृत्य के लिए माफी मांगने की मांग की गई। दरअसल में मामला कॉलेज के छात्रों को प्रताड़ित किए जाने से जुड़ा हुआ है। नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कुछ छात्रों और छात्राओं ने अतिथि व्याख्याता पल्लवी शुक्ला के द्वारा किए जा रहे प्रताड़ना की कहानी बयां की। एक छात्र ने बताया कि विगत दिनों अतिथि व्याख्याता श्रीमती शुक्ला का जन्मदिन था उनके लिए गिफ्ट ना लाने पर उन्होंने एक छात्र को थप्पड़ जड़ दिया था। तो वही हाल ही में एक छात्रा की चरित्र पर टिप्पणी कर दी गई है। जिसको लेकर छात्रा का साथ देते हुए एनएसयूआई ने शनिवार को हंगामा भी किया और इस टिप्पणी के लिए उनसे सार्वजनिक माफी मांगने की बात पर अड़े रहे।

एक दिन पहले ही कॉलेज प्रबंधन और पुलिस प्रशासन को घेराव की सूचना एनएसयूआई के लोगों ने दे दी थी। जिसके चलते पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंची थी। जनभागीदारी अध्यक्ष के सामने जमकर हंगामा हुआ। क्योंकि अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति जनभागीदारी समिति के माध्यम से हुई थी। इधर इस विवादित अतिथि व्याख्याता पल्लवी शुक्ला की शिकायत आने पर कॉलेज प्रबंधन ने उन्हें वहां से हटा दिया और उनकी सेवा समाप्ति के लिए आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय, ब्लॉक 3 द्वितीय एवं तृतीय मंजिल, इंद्रावती भवन, नया रायपुर अटल नगर को पत्र भी लिखा है। प्राचार्य राजू लाल कोसरे द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि अतिथि व्याख्याता हिंदी डॉक्टर पल्लवी शुक्ला की भविष्य में सेवा नहीं ली जाएगी। 22 जुलाई से उन्हें हटाया गया है। प्राचार्य का कहना कि शिकायत निवारण प्रकोष्ठ जांच समिति गठित कर छात्रों द्वारा शुक्ला के खिलाफ शिकायत की गई थी। उसकी जांच कराई गई और जांच प्रतिवेदन के अनुशंसा आधार पर उन्हें हटाया गया। उनके खिलाफ 4 जुलाई को ही शिकायत प्राप्त हुई थी।जब नैक मूल्यांकन ग्रेड हेतु मॉक विजिट दल का निरीक्षण हुआ था। लेकिन तब से अब तक उन्हें हटाया नहीं गया था ।एनएसयूआई द्वारा हंगामा और प्रदर्शन के 1 दिन पहले ही उन्हें हटाया गया। पर इतने में एनएसयूआई के कार्यकर्ता शांत नहीं हुए ।उनके कृत्यों के लिए उन्हें सार्वजनिक माफी मांगने के लिए बुलाने की बात पर अड़े रहे और कॉलेज के बाहर जमकर नारेबाजी और हंगामा किया गया। शिकायत व कार्रवाई के बाद छात्रों ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा देने की भी मांग की है। कुछ छात्र अतिथि व्याख्याता की प्रताड़ना से काफी डरे सहमे हुए हैं। छात्र अतिथि व्याख्याता शुक्ला के कृत्य से मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित थे। इस प्रदर्शन व मामले में कार्रवाई की मांग लेकर लोकेंद्र लक्की सिन्हा, जिला नेतृत्व, डोमेंद्र साहसी , बालोद ब्लॉक के नेतृत्व में देवेंद्र कुमार साहू , राजा, सादिक खान, रजक, देवेश राठौर, साजन पटेल, विनोद टावरी, फिरोज कुरेशी, विक्की अली, भूपत देशमुख, ललित कुमार, अशफाक सिद्दीकी विनोद कुमार, क्षितिज मिश्रा, इंद्रजीत कुमार, ऐश्वर्या साहू, विग्नेश्वरी, मनीष राणा, धनेश साहू, सादिक खान, महेंद्र शास्त्री, जितेंद्र पांडे, शुभम यादव, अविनाश यादव, वैभव शर्मा, शेष यादव, सरोज, कोमा, पूजा साहू, राहुल कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता पहुंचे हुए थे।

आरोप पर यह कहना है पल्लवी शुक्ला का

वही आरोप को निराधार बताते हुए अतिथि व्याख्याता रही डॉ पल्लवी शुक्ला ने कहा कि मुझे प्राचार्य राजू लाल कोसरे द्वारा फंसाया जा रहा है। प्री प्लान के तहत यह सब हुआ है। कुछ एक्स स्टूडेंट जिनका क्रिमिनल रिकॉर्ड भी है, उनके द्वारा छात्रों को बहला कर मेरे खिलाफ तैयार किया गया और इस तरह से झूठी शिकायत व हंगामा हुआ। मेरा पक्ष सुने बगैर मुझे हटाने की कार्रवाई की गई। बच्चों द्वारा जो भी प्रताड़ना का आरोप लगाए गए वह भी निराधार है। श्रीमती शुक्ला ने कहा प्राचार्य राजूलाल कोसरे द्वारा मुझे मेरी नियुक्ति के समय से टारगेट किया जा रहा है।वर्तमान में एकमात्र हिंदी की प्रोफेसर हूं,कॉलेज में। क्योंकि हिंदी विभागाध्यक्ष केआर भुआर्य सर लकवाग्रस्त है। ऐसे में मुझ पर पूरे विभाग के अलावा महाविद्यालय को हिंदी पढ़ाने का दायित्व था। जिसे मेरे द्वारा बखूबी निभाया भी गया। पर पूरा कॉलेज प्रशासन प्राचार्य के रवैये से त्रस्त है। जिसकी शिकायत बकायदा हमारे रेगुलर स्टाफ मयंक मंडावी और पुरषोत्तम भुआर्य द्वारा लिखित में बालोद कलेक्टर को पूर्व में दी जा चुकी है। जिसके चलते प्राचार्य को जवाबतलक भी किया गया था और नैक की टीम में हिंदी विभाग को शुरू से टारगेट किया जा रहा था। चेम्बर में भी कई बार प्रिन्सिपल और IQAC Head ,डॉ याशमीन परवेज के द्वारा चेम्बर में जातिगत गाली और झूठे केस में फंसाने कई धमकी भी रोज रोज की जा रही थी। साथ ही मुझे मेरे पीजी के बच्चों को मोहरा बना के लिखित शिकायत पहले से करा ली गई थी और जनभागीदारी को भी बुला के मेरे खिलाफ काफी दिनों से साजिश चल रही थी । ताकि इनके गले तक लिप्तता को कोई बाहर न ला सके। बच्चों को सही गलत की समझ नही ,मोहरे बना दिए गए,और पूर्व के छात्रों द्वारा जिनके नाम के थाने में कई क्रिमनल रिकॉर्ड है,बकायदा उन्हें चार पैसे दे के खरीदा गया और इस कृत्य को सुनियोजित ढंग से रचा गया। जो कि मेरे व्यक्तिगत नुकसान के साथ साथ मुझे प्रिंसिपल द्वारा जनवरी से टॉर्चर किया जा रहा है। डॉ पल्लवी शुक्ला ने कहा सबके खिलाफ मेरे पास ऑडियो और वीडियो है।झूठी शिकायत करवा के एकतरफा बिना जांच किये मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगा के दंडित करना सीधे मेरे करियर से खिलवाड़ है। अतः ,उच्च शिक्षा और प्रशासन भी सत्यता की जांच कर प्राचार्य को ससपेंड करे।क्योंकि सबकुछ उन्ही के इशारे पर चल रहा है। कॉलेज के फंड में भी बन्दर बांट का सच मुझे मालूम है ,इसलिए मेरे खिलाफ साजिश रच के मुझे और मेरे विभाग को बदनाम किया जा रहा है।

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