डीए और एचआरए के लिए करेंगे अनिश्चितकालीन आंदोलन 25 जुलाई से, लटकेंगे स्कूलों में ताले
ब्लाक व जिला मुख्यालय में शिव मंदिर में जलाभिषेक कर सोमवार को करेंगे आंदोलन का आगाज
बालोद। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ व नवीन शिक्षक संघ द्वारा निष्पक्ष बैनर व समान भूमिका में 25 जुलाई से महंगाई भत्ता सहित अन्य मुद्दों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। एक तरफ जहां कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा 25 से 29 जुलाई तक 5 दिनों के लिए निश्चितकालीन आंदोलन किया जा रहा है। वही शिक्षकों द्वारा निष्पक्ष बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन का फैसला किया है। यानी 29 तक ही नहीं बल्कि आगे भी आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक कि उनकी मांगों पर पहल नहीं होती है। ऐसे में लगातार हड़ताल से स्कूलों में ताले लटकने की स्थिति पैदा हो सकती हैं। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन बालोद के जिलाध्यक्ष दिलीप साहू, प्रदेश संगठन सचिव प्रदीप साहू, जिला संयोजक रामकिशोर खरांशु, बीरबल देशमुख, जिला उपाध्यक्ष शिव शांडिल्य, वीरेंद्र देवांगन, कामता प्रसाद साहू, संतोष देवांगन,जिला सचिव नरेंद्र साहू, जिला कोषाध्यक्ष पवन कुम्भकार, जिला मीडिया प्रभारी रघुनंदन गंगबोईर ने बताया कि ब्लाक / जिला मुख्यालय में 25 जुलाई को शिव मंदिर में डीए व एचआरए की कामना के साथ जलाभिषेक कर प्रदेश भर के कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षक सामूहिक नेतृत्व व निष्पक्ष बेनर में अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत करेंगे। सामूहिक नेतृत्व व निष्पक्ष बैनर में आंदोलन की घोषणा का व्यापक असर हो रहा है। शासन प्रशासन को अनिश्चितकालीन आंदोलन की सूचना दी जा चुकी है। प्रदेश भर से कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने की सूचना दे रहे है। प्रदेश भर के कर्मचारी, अधिकारी एक मंच में सामूहिक नेतृत्व में आकर 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन में शामिल हो इसीलिए छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे विकास नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास राजपूत द्वारा घोषित अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए किसी बैनर का चयन नही किया गया है। यह आंदोलन सामूहिक नेतृत्व व निष्पक्ष बेनर में होगा। एसोसिएशन के जिला पदाधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां केवल 22 % मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है जो केंद्रीय कर्मचारियों के मिल रहे 34% भत्ता से 12% कम है और कर्मचारियों को अभी भी 6 वें वेतनमान के अनुरूप गृहभाडा़ भत्ता मिल रहा है, जिसके कारण समस्त शासकीय कर्मचारियों को प्रतिमाह लगभग 4000 से 14000 रुपए की आर्थिक क्षति हो रही है। प्रदेश में महंगाई भत्ता व 7 वे वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता की मांग को लेकर समस्त कर्मचारियों में सरकार की हठधर्मिता को लेकर गहरा आक्रोश है।