जनता ध्यान दें- दफ्तरों में होगा सन्नाटा, महंगाई भत्ता बराबरी को लेकर आज सामूहिक हड़ताल, बालोद के बस स्टैंड में प्रदर्शन
बालोद। 1 दिन के लिए बालोद जिले के कई विभागों के दफ्तरों में ताले लटक सकते हैं। दरअसल में 29 जून को सभी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी संयुक्त रूप से हड़ताल कर रहे हैं। उनकी मांग केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने सहित अन्य प्रमुख मांगे शामिल है। इसको लेकर बालोद जिले में भी तैयारी चल रही है। बालोद के बस स्टैंड में संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न संगठन द्वारा समर्थन भी प्रदान किया गया है। सरकारी अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। जिससे सरकारी कामकाज भी प्रभावित होगी। स्वयं अधिकारी वर्ग के लोग भी इस हड़ताल का समर्थन करने हुए पहले से ही कलेक्टर को पत्र लिखकर छुट्टी ले रहे हैं। जो सभी इस आंदोलन में साथ देंगे। इससे पूरे जिले भर के सरकारी दफ्तरों में एक साथ एक दिन छुट्टी जैसी स्थिति बन रही है। इससे लोगों को सरकारी काम करवाने में भी परेशानी हो सकती है। दफ्तर जाएंगे तो वहां सन्नाटा मिल सकता है। केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान पर गृह भाड़ा की गणना को लेकर प्रदेश के लाखों कर्मचारी 29 जून को राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। लंबित महंगाई भत्ते के मांग को लेकर प्रदेश के लगभग सभी शिक्षक संगठन सहित अन्य कर्मचारियों के संगठन भी शामिल होगी। 29 जून को कार्यालयों में सन्नाटा के साथ – साथ प्रदेश के लगभग सभी स्कूलों में भी ताला लटकते नजर आ सकते हैं।
ये है कर्मचारियों की दो सूत्रीय मांग
प्रदेश के लाखों कर्मचारी पिछले तीन – चार वर्षों से लंबित सभी महंगाई भत्ता और सातवे वेतन पर गृहभाड़ा की गणना को लेकर सरकार से लगातार मांग करते आ रहे है। वही राज्य सरकार द्वारा पिछले कई वर्षों से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। मांग पूरा नहीं होने के कारण प्रदेश के लाखों कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन पर है। इसी क्रम में पहले चरण के अंतर्गत 30 मई को पुरे प्रदेश भर में रैली निकलकर राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था। द्वितीय चरण के तहत राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों में जोरदार रैली निकालकर राज्य सरकार से लंबित महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान पर गृहभाड़ा की गणना की मांग करेंगे।
केंद्र एवं अन्य राज्य के कर्मचारियों को 34 फ़ीसदी डीए
ज्ञात हो कि केंद्र की मोदी सरकार अपने कर्मचारियों को 34 फीसदी महंगाई भत्ता दे रही है। वही केंद्र सरकार के द्वारा डीए बढ़ाने का ऐलान करते ही अन्य दर्जनों राज्य केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता देने का ऐलान करती है। लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश में पिछले कई वर्षों से महंगाई भत्ता के मामले में बहुत पीछे है। राज्य के कर्मचारियों को केंद्र से लगभग 40 से 50 फ़ीसदी कम डीए मिल रही है। प्रदेश के कर्मचारियों को मई 2022 से 22 फ़ीसदी डीए दिया जा रहा है। प्रदेश के कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ता का एरियस भी भुगतान नहीं किया जाता ,जिससे लाखों रूपये का नुकसान हुआ है।
चार चरणों में चल रहा आंदोलन
शिक्षक फेडरेशन बालोद के अध्यक्ष तामेश्वर कौशल ने बताया कि इस बार का आंदोलन चार चरणों में आयोजित हो रही है। पहले चरण के आंदोलन के अंतर्गत 30 मई को सभी कर्मचारी अधिकारी अवकाश लेकर ब्लाक , तहसील , जिला आदि जगहों में आंदोलन कर हड़ताल हेतु नोटिस सौंपें थे , उसके बाद दूसरे चरण के अंतर्गत 29 जून को अवकाश लेकर राजधानी रायपुर में और सभी जिलों में महारैली निकाली जाएगी। तीसरे चरण में 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक 5 दिवसीय काम बंद कलम बंद आंदोलन किया जायेगा। उक्त आंदोलन के बाद भी यदि मांग पूरा नहीं होती है तो फिर मांग पूरा होते तक अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा।
राज्य में कर्मचारियों हेतु तीन प्रकार के डीए लागू
प्रदेश में राज्य के कर्मचारियों के साथ भारी भेदभाव करते हुए माह मई 2022 से 22 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाएगा। जबकि बिजली विभाग के कर्मचारियों को जनवरी 2022 से ही 34 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। वही भारतीय सेवाओं के अफसरों को भी 31 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। राज्य के करीब पौने चार लाख कर्मचारियों को उनके अधिकार से वंचित करते हुए सबसे कम डीए दिया जा रहा है। वही कर्मचारी संगठन के अनुसार डीए का एरियस नहीं मिलने से राज्य के कर्मचारियों को 55 हजार से 4 लाख रूपये तक का नुकसान हुआ है।
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