चिटफंड कम्पनी के फरार 8 डायरेक्टर्स को पकड़ने ओडिसा पहुंची थी बालोद पुलिस, पता चला 1 डायरेक्टर मर चुका, 1 गिरफ्तार,6 फरार, पढ़िए पैसों की धोखेबाजी की कहानी,,,,

माईक्रो लिजिंग एवं फन्डिंग लिमिटेड/ माईक्रो फायनेंस लिमिटेड चिटफंड कंपनी के सभी डारेक्टर वर्ष 2016 से थे फरार,1 डारेक्टर की 25 नवम्बर 2013 को हो चुकी मृत्यु

बालोद। बालोद पुलिस ने चिटफंड कंपनी के 2016 के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सफलता हासिल की है। 2016 से उक्त कंपनी के 8 डायरेक्टर फरार थे। इसमें से पहली बार एक डायरेक्टर पकड़ में आया तो एक डायरेक्टर की मृत्यु हो चुकी है। 6 डायरेक्टर को जल्द पकड़ने की प्लानिंग के साथ बालोद पुलिस तैयारी कर रही है। मामले का खुलासा प्रेसवार्ता में शुक्रवार को किया गया। थाना प्रभारी बालोद मनीष शर्मा व उनकी टीम ने इस मामले में कड़ी मेहनत करते हुए डायरेक्टर को पकड़ने में सफलता पाई तो वही यह भी जानकारी सामने आई कि इन आरोपियों की तलाश छत्तीसगढ़ के और भी कई जिलों के पुलिस को है। इतना ही नही दूसरे राज्यों में भी इन आरोपियों द्वारा ठगी की गई है। उक्त कंपनी की संपत्ति लगभग ₹400 करोड़ आंकी गई है। वही बालोद जिले में इनके द्वारा 9 लाख से ज्यादा की ठगी की गई थी।

माईक्रो लिजिंग एवं फन्डिंग लिमिटेड/ माईक्रो फायनेंस लिमिटेड चिटफंड कंपनी के विरूद्व बालोद थाने का पहला डायरेक्टर भंज नगर जिला गंजाम (उड़िसा) से गिरफ्तार किया गया। करीबन 51 निवेशको से करीबन 9,65,447 रूपये की ठगी का मामला है। उक्त कंपनी के फरार आरोपीयों को विभिन्न प्रदेश की पुलिस के द्वारा पकड़ने का प्रयास किया जा रहा था।चिटफंड कम्पनी पर पुलिस अधीक्षक बालोद सदानंद कुमार द्वारा आरोपियो के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद प्रज्ञा मेश्राम के मार्गदर्शन, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद प्रतीक चतुर्वेदी के पर्यवेक्षण एवं थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक मनीष शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम तैयार किया गया था। जिसने मामले का पर्दाफाश किया।

इन्होंने की थी ठगी की शिकायत

प्रार्थी दीपक कुमार साहू पिता बसौहाराम साहू उम्र 40 साल निवासी आमापारा बालोद ने शिकायत दर्ज कराई थी। 23 नवम्बर 2016 को माईक्रो लिजिंग एवं फन्डिंग लिमिटेड/माईक्रो फायनेंस लिमिटेड चिटफंड कंपनी में राशि जमा करने के बदले अधिक ब्याज देकर दोगुना रकम देने का लालच देकर करीबन 51 निवेशको से राशि जमा करवाया गया था एवं मैच्युरिटी पूर्ण होने के बाद भी निवेशकों को रकम अदा नहीं गया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर दिनांक 23 नवम्बर 2016 को आरोपी डायरेक्टर 01.दुर्गाप्रसाद मिश्रा, 02.उपेन्द्रनाथ मिश्रा, 03.कालीप्रसाद मिश्रा, 04.बैकुण्ठनाथ पटनायक, 05.श्रीमति बनाजा पटनायक, 06.बिजैय रावत्रे, 07.श्रीमति मिनाती समल, 08.दुर्गाप्रसाद सड़गी के विरूद्ध थाना बालोद में अपराध क्रमांक – 609/2016 धारा 420, 34, 467, 468, 471, 406 भादवि, 3,4,5 ईनामी चिटफंड एवं धन परिचालन स्कीम पाबंदी अधिनियम व धारा 10 छत्तीसगढ़ निक्षेपको का हितो का संरक्षण अधिनियम 2005 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। उक्त प्रकरण में आरोपियो की गिरफ्तारी हेतु एस.डी.ओ.पी. बालोद प्रतीक चतुर्वेदी के हमराह थाना बालोद से सउनि धरम भुआर्य, आरक्षक क्रमांक 563 भोपसिंह साहू, आरक्षक क्रमांक 145 मुकेश मरकाम का एक विशेष टीम तैयार कर कटक – भुनेष्वर(उड़िसा) टीम रवाना किया गया था। टीम द्वारा कटक – भुनेष्वर, भंजननगर (उड़िसा) पर जमीनी स्तर पर कॉफी मेहनत व लगन से आरोपी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर वहां कैम्प कर प्रकरण के आरोपी दुर्गाप्रसाद सड़गी उर्फ दुर्गा प्रसन्नो षडंगी पिता स्व.श्री लिंगराज षडंगी उम्र 75 साल निवासी मालास्ट्रीट भंजननगर पोस्ट व थाना भंजननगर जिला गंजाम(उड़िसा)को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर लिया गया।
प्रकरण के विवेचना दौरान ज्ञात हुआ कि माईक्रो लिजिंग एवं फन्डिंग लिमिटेड/माईक्रो फायनेंस लिमिटेड चिटफंड कंपनी के डारेक्टर बिजैय कुमार रावत्रे पिता नेतरंदन रावत्रे निवासी प्लॉट नम्बर 3-आर 9/1 युनिट-4, थाना खैरवैल नगर भुनेष्वर(उड़िसा) का 25 नवम्बर 2013 से मृत्यु हो चुका है। प्रकरण के अन्य 06 डारेक्टर का पता तलाश जारी है।

उक्त चिटफड के डायरेक्टर की गिरफ्तारी में एस.डी.ओ.पी. बालोद प्रतीक चतुर्वेदी, थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक मनीष शर्मा, सउनि धरम भुआर्य, आरक्षक क्रमांक 563 भोपसिंह साहू, आरक्षक क्रमांक 145 मुकेष मरकाम एवं सायबर सेल बालोद की सराहनीय भूमिका रही है।

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