हे प्रभु,,,, क्या बालोद जिले के शिक्षा अधिकारी आत्मा को भी पदोन्नति देंगे? पढ़िए रोचक मामला, वरिष्ठता सूची में जिनकी मौत हो चुकी उन शिक्षकों का भी नाम, तो और भी है कई खामियां
बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडी ब्लाक में शिक्षा विभाग की ऐसी बड़ी गलती सामने आई है जो आपको हैरान कर देगी। दरअसल डौंडी ब्लाक में सहायक शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया के पूर्व एक वरिष्ठता सूची जारी की गई है। जिसमें कई त्रुटियां हैं। सबसे बड़ी त्रुटि तो इसमें यह है कि जो शिक्षक पिछले वर्ष कोरोना व अन्य बीमारियों के चलते दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, यानी जिनकी मौत हो चुकी है। उनका नाम भी इस सूची में शामिल है। कहा जाए तो पुरानी सूची को उठाकर ही जारी कर दिया गया है। जिसमें कोई सुधार या संशोधन ही नहीं हुआ है। इस वरिष्ठता सूची पर 18 जनवरी तक दावा आपत्ति भी मांगी गई है। शनिवार को सूची जारी हुई और लगातार छुट्टी है। ऐसे में सहायक शिक्षकों को दावा आपत्ति करने के लिए भी पर्याप्त समय नहीं मिला है। 17 जनवरी को भी छेरछेरा की छुट्टी है। कुल मिलाकर त्रुटिपूर्ण जारी सूची से ब्लाक के शिक्षकों में जमकर आक्रोश है। तो वहीं सहायक शिक्षक संघ इसका विरोध भी कर रहा है। सूची जारी होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मामले की तह तक जाते हुए जब हमने भी लिस्ट की पड़ताल की तो इसमें 4 से 5 शिक्षकों के नाम सामने आ गए जिनकी मौत हो चुकी है। जो डौंडी ब्लाक में पदस्थ थे। सूची से उनका नाम हटा ही नहीं है। उन्हें भी वरिष्ठता सूची में शामिल रखा गया है। ना ही कोई जानकारी अपडेट हुई है। शिक्षकों की योग्यता संशोधन नहीं हुआ है। पुरानी योग्यताओं को शामिल कर लिया गया है। बीईओ द्वारा सूची डीईओ को भेजी गई है। जिसके बाद डीईओ कार्यालय से सूची दावा आपत्ति के लिए प्रकाशित कर दी गई है। अब जहां से शुरुआती गलती हुई वहां के अधिकारी इस मामले से बचकर गोलमोल जवाब दे रहे हैं।
बीईओ ने कहा त्रुटि सुधार लेंगे,,,,
मामले में डौंडी ब्लाक के बीईओ कमल मेश्राम का कहना है कि हो सकता है कुछ लोगों का नाम सूची में नहीं कटा होगा जिनकी मौत हो गई होगी। उसे हम सुधार लेंगे। जिला शिक्षा विभाग को रिमार्क करके जिनकी मौत हो चुकी है उनकी अलग से जानकारी भेजी जाएगी। तो वही दावा आपत्ति को लेकर कम समय दिए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि सहायक शिक्षकों को इस संबंध में डीईओ से चर्चा करनी चाहिए। अगर डीईओ से दावा आपत्ति का समय बढ़ाने को लेकर आदेश आता है तो हम समय बढ़ा देंगे। इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
देखिए कुछ प्रमाण, जो शिक्षक दुनिया में नहीं पर लिस्ट में उनका नाम है ,,,
लिस्ट को ध्यान से देखो तो कुछ ऐसे शिक्षकों के नाम सामने आ जाएंगे जिनकी मौत हो चुकी है। पर लिस्ट में बकायदा शिक्षा विभाग के अफसरों ने उनका नाम डाला है। लिस्ट में नौवें नंबर पर राधे लाल गोयल, 34 नंबर पर कमलेश रावटे, 44 नंबर पर कुलेश्वर सिंह ठाकुर, 125 नंबर पर रति राम नेताम का नाम शामिल है। उक्त चारों शिक्षकों की मौत हो चुकी है। पर इसके बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा उन शिक्षकों का नाम सूची में शामिल किया जाना समझ से परे है। यानी कह सकते हैं कि जो शिक्षा विभाग ज्ञान का केंद्र होना चाहिए वहां भी दीया तले अंधेरा है।
सहायक शिक्षक संघ में नाराजगी, त्रुटियां उदासीनता व लापरवाही को उजागर करती है,,,,,
बालोद जिले के इकलौते आदिवासी विकासखण्ड -डौंडी में शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शालाओ में पदस्थ सहायक शिक्षकों की पदोन्नति प्रधानपाठक एवम शिक्षक पद पर होनी है। इस विषय पर विगत दिनों लोकशिक्षण संचालनालय से विभाग को सहायक शिक्षकों के पदोन्नति के विषय मे निर्देश प्राप्त हुए थे। जिसमें 31 जनवरी तक पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश है और पदोन्नति हेतु जुलाई 2018 में संविलियन प्राप्त सहायक शिक्षकों को पात्र माना गया है। इसी विषय पर सभी शिक्षको को बीते दिनों विगत तीन वर्ष के गोपनीय चरित्रावली व अचल संपत्ति विवरण मंगाया गया। शिक्षकों ने पूरे उत्साह से नियत समय में उक्त प्रतिवेदन जमा किये लेकिन जिन सहायक शिक्षकों का पदोन्नति होना है उनकी वरिष्ठता सूची बीते दिनों जिले से प्रकाशित की गई। जिसमे बहुत सारी त्रुटिया आलाअधिकारियों व सम्बंधित लिपिक की उदासीनता व लापरवाही को उजागर कर रही है। विकास खण्ड डौंडी के सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों व समस्त सहायक शिक्षकों ने बताया कि वरिष्ठता सूची वर्षों पुराने है जिसमें मृत व अन्य स्थान्तरित शिक्षकों के नाम आज भी विद्यमान है। कई शिक्षकों की योग्यता आज तक जोड़ी नही गई है। इसके साथ साथ वरिष्ठता क्रम में भी भारी विसंगति है। और इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी त्रुटि यह की जारी वरिष्ठता सूची में आवश्यक सुधार व दावा आपत्ति के लिए शिक्षकों को जरा भी समय नही दिया गया है।इस विसंगति पूर्ण पदोन्नति से समस्त सहायक शिक्षक आक्रोशित व निराश है।
संगठन के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र हरमुख, उपाध्यक्ष एलेन्द्र यादव सचिव अश्वनी सिन्हा ब्लाक अध्यक्ष डौंडी प्रहलाद कौसमार्य उपाध्यक्ष बसन्तमणी साहू सचिव अनिल देवांगन,नकुल अलेन्द्र,बिसरू राम यादव सहित विकासखण्ड डौंडी के समस्त सहायक शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है की जारी वरीष्ठता सूची में दावा आपत्ति के लिए पर्याप्त समय दिया जाय व त्रुटिपूर्ण सूची को तत्काल सुधार कराई जाए। व सबसे अहम यह की इस पदोन्नति प्रक्रिया के लिए निश्चित समय सारणी जारी कर पदोन्नति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाय जिससे समस्त पात्र शिक्षको को लाभ व सन्तुष्टि मिल सके।
ये भी एक त्रुटि:-
जो ट्रांसफर से आए हैं उनकी वरिष्ठता उनके प्रथम नियुक्ति को मानी गई है। जबकि वह स्थानांतरित विकासखण्ड में कनिष्ठ माना जाएगा।इससे स्थानीय भर्ती हुए शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो रहे हैं।
कलेक्टर ने दिए है जांच के आदेश,देखिए डीईओ ने कैसे दिया है जवाब
मामला प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने मामले को गंभीरता से लिया व इस त्रुटि को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगा है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इसमें गोलमोल जवाब पेश किया गया है। उनके द्वारा यह कहा गया है कि हमने कोई पदोन्नति सूची जारी नहीं की है। जिसमें कोई त्रुटि हो, ना ही मृतकों का नाम उसमें शामिल है। जांच प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि वर्तमान में पदोन्नति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। राज्य शासन द्वारा सहायक शिक्षक से प्रधान पाठक प्राथमिक शाला में पदोन्नति किए जाने हेतु निर्देश प्राप्त है। उपरोक्त निर्देश के अनुपालन में सर्व विकास खंड शिक्षा अधिकारियों जिला बालोद को पात्रता अनुसार सहायक शिक्षकों की पदोन्नति हेतु प्रस्ताव विगत 3 वर्षों की गोपनीय प्रतिवेदन एवं अचल संपत्ति विवरण के साथ मंगाया गया है। वर्तमान में पदोन्नति हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्राप्त प्रस्ताव का भली-भांति परीक्षण के बाद पदोन्नती आदेश जारी किए जाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस तरह से जवाब पेश कर “वरिष्ठता सूची” में हुई त्रुटि के मामले को दबाने की कोशिश की गई है। त्रुटि वरिष्ठता सूची में हुई है ना कि “पदोन्नति सूची” में। क्योंकि पदोन्नति सूची तो अभी जारी ही नहीं हुई है। पर शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा जांच के आदेश के बाद कलेक्टर को “पदोन्नति सूची” के नाम पर जांच प्रतिवेदन दिया गया है। हालांकि बताया जा रहा है कि उक्त जांच प्रतिवेदन के पीछे एक नामी प्रिंट मीडिया द्वारा प्रकाशित खबर में गलती को लेकर दिया गया है। जिसमें सीधे पदोन्नति की बात लिखी गई है । जो कि अभी हुई ही नही है। मृतक शिक्षकों के नाम शामिल करने का मामला वरिष्ठता सूची को लेकर है, ना कि पदोन्नति सूची को लेकर। पदोन्नति सूची तो दावा आपत्ति के बाद अंत में जारी होगी। जो कि अभी प्रकिया में ही है।
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