छात्राओं से अश्लील बात और छेड़खानी करता था गणित का ये टीचर, खो-खो खिलाने के बहाने होती थी अश्लील हरकतें, थाने में शिकायत, पुलिस ने लिया हिरासत में

बालोद। बालोद थाना क्षेत्र के एक गांव में गणित के शिक्षक द्वारा छात्राओं को खो-खो खेल खिलाने के बहाने छेड़खानी करने का मामला सामने आया है। तो वहीं मामले में एक छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट, छेड़खानी, लैंगिक अपराधों का मामला दर्ज किया है। आरोप लगाया गया है कि शिक्षक दीपक सोनी उन्हें खेल के बहाने इधर-उधर हाथ फेरता था। स्कूल के कमरे में भी बुलाकर उनसे गंदी बातें करते थे। तो वही फोन पर भी उनसे अश्लील बातचीत किया करते थे। मामला तब खुला जब हाल ही में गुरुर में होने वाले खो-खो प्रतियोगिता में जाने की तैयारी को लेकर एक छात्रा ने उन्हें फोन किया था। तो वह उनसे अश्लील बातें करने लग गए। जब बच्ची को उक्त शिक्षक से बात करते उनके पालकों ने देखा तो उन्होंने स्पीकर ऑन करने कहा। जब स्पीकर ऑन किए तो शिक्षक को पता नहीं था और वह अपनी धुन में छात्रा से अश्लील बातें करते चले जा रहे थे। यह सब हरकतें सुनकर पालको में आक्रोश बढ़ गया और गांव में बैठक लेकर शिक्षक के खिलाफ लामबंद हो गए। शिक्षक ने माफी मांगने की कोशिश भी की लेकिन छात्रा ने पुलिस में शिकायत करने की बात कही। इसके बाद परिजन व ग्रामीण थाने पहुंचे। जहां आवेदन को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। बालोद थाना प्रभारी नवीन बोरकर ने बताया कि थाना क्षेत्र के एक गांव का मामला है। पॉक्सो एक्ट लगा है इसलिए ज्यादा कुछ बता नहीं सकते। छात्रा ने शिकायत की है कि खेल के बहाने उनके साथ छेड़खानी होती थी। अश्लील बातें किया जाता था। तो वहीं अगर छात्राएं विरोध करती थी तो शिक्षक कहता था कि यही तो मेरी गुरु दक्षिणा है। जैसा कहता हूं वैसा करना पड़ेगा। शिकायत के बाद आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया गया है। बुधवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर भेजा जाएगा।

प्राइमरी स्कूल में है पोस्टिंग, मिडिल व हाई स्कूल तक के बच्चों को सिखाता था खो-खो

जानकारी के अनुसार बालोद थाना क्षेत्र के एक गांव में उक्त आरोपी गणित के शिक्षक के रूप में प्राइमरी स्कूल में पदस्थ है। लेकिन वह मिडिल व हाई स्कूल के बच्चों को भी खो-खो की ट्रेनिंग देता था। खेल के क्षेत्र में उनका प्रयास वैसे सराहनीय रहा है। उनके सिखाए कई बच्चों ने गोल्ड मेडल तक हासिल किया है। लेकिन शिक्षक पर लगे इस दाग ने शिक्षा जगत को कलंकित कर दिया है। वही मामले में खेल व शिक्षा विभाग भी घेरे में हैं । वह इसलिए क्योंकि उक्त शिक्षक खेल शिक्षक नहीं था, वह मूलतः गणित का शिक्षक था । इसके बावजूद कई आयोजन में विभाग उन्हें कोच के रूप में पेश करता था । जो की नियमतः गलत है । आरोपी शिक्षक अधिकृत खेल शिक्षक या कोच भी नहीं थे । फिर भी विभाग उनके भरोसे बच्चों को खेल में भेजा करते थे ।

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