बालोद। ग्राम जगन्नाथपुर के बांध तालाब में खनिज विभाग द्वारा एक ठेकेदार को मुरुम खनन की अनुमति दी गई थी जिसने अनुमति की आड़ में जहां इतनी खुदाई कर दी कि तलाब पूरी तरह से खतरनाक खदान बन चुका है। और तो और इस खुदाई के बाद गहराई तक मुरुम निकालकर उसके ऊपर मिट्टी डालकर कुछ इलाकों को समतल किया गया है लेकिन यह नाकाफी नहीं है। इससे खतरा बढ़ा हुआ है। और खतरे की एक घटना रविवार को घट भी गई। जब दोपहर 12 बजे बारिश के बाद यहां करीब 2 बजे एक भैंस दलदल में फस गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद आसपास मौजूद युवक जो मछली पकड़ने तालाब के किनारे पहुंचे थे वह आए और काफी मशक्कत करके भैंस को निकालने का प्रयास करते रहे। लेकिन बुरी तरीके से दलदल में फंसे भैंस को निकालना मुश्किल था। जिसके बाद चैन माउंटेन जेसीबी बुलाकर निकालने का प्रयास किया गया। देर शाम तक भानु साहू, विजय निषाद, होमेन्द्र साहू, लक्ष्मी कांत साहू ने कड़ी मशक्कत कर भैंस को बाहर निकाला। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला।ग्रामीणों और खास तौर से पशु पालकों ने कहा कि यह घटना हो गई, आगे ऐसा और हो सकता है। गांव के अधिकतर मवेशियों को चराने के लिए चरवाहे इसी क्षेत्र में लाते हैं। यह मुख्य डुबान और चारागाह क्षेत्र है। लेकिन इस इलाके में अब बेतहाशा मुरूम खनन से खदान निर्मित हो चुका है। जिसके गड्ढे और वहां भरे पानी और दलदल खतरे को आमंत्रण दे रहा है। जब खनन हो रहा था उस समय भी ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए इसे रुकवाने की मांग की थी। लेकिन पंचायत प्रशासन सहित खनिज विभाग ने अनुमति का हवाला देकर खनन जारी रखा। सड़क निर्माण में मुरुम खपाने के लिए बेतहाशा यहां से खनन किया गया। नतीजा यहां अघोषित खदान निर्मित हो चुका है। तालाब के किनारे जो कभी खुले मैदान थे, यहां कभी लोग क्रिकेट खेलने जाते थे। वह अब खदान में तब्दील हो चुका है तो वही मवेशियों के अलावा बच्चों व बड़ों के लिए भी स्थल अब खतरनाक साबित होने लगा है।