राष्ट्रीय स्तर पर बालोद जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे माउंटेन ट्रेकर यशवंत टंडन
इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के तत्वाधान में होंगे शामिल
बालोद। बालोद जिले के गुंडरदेही विकासखंड के अंतर्गत अर्जुंदा ब्लॉक से महज 3 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटे से गांव डुड़िया के माउंटेन ट्रेकर यशवंत कुमार टंडन पिता हूबलाल टंडन और गुण्डरदेही विकासखंड के ग्राम तवेरा की माउंटेन ट्रेकर पल्लवी बारले पिता प्रकाशचंद बारले अब हिमाचल प्रदेश के शिमला की सबसे ऊंची चोटी जाखू हिल को फतह करेगा। जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 9500 फीट ऊंची है। माउंटेन ट्रेकर यशवंत कुमार टंडन और माउंटेन ट्रेकर पल्लवी बारले ने बताया कि यह उनका तीसरा नेशनल लेवल एडवेंचर कैम्प है। इससे पहले उत्तराखंड राज्य के कर्कोटक ट्रैक जिसकी ऊंचाई 1290 मीटर है। वहीं नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी नैना पीक जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8622 फीट ऊंची चोटी है। और वही उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित केदारकाठां ट्रैक जिसकी ऊंचाई को 12500 फीट ऊंची चोटी को फतह कर माइनस 16 डिग्री सेल्सियस तापमान में 280 फीट लंबा तिरंगा लहराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है और विश्व कीर्तिमान रचा है।
शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा के छात्र है यशवंत टंडन
शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा में अभी यशवंत कुमार टंडन बी.ए प्रथम वर्ष में अध्ययनरत हैं। और राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस)के सक्रिय स्वयं सेवक भी है। जो राष्ट्र विचार धारा के साथ निरंतर देश एवं समाज हित में रचनात्मक कार्य करते रहते हैं। जिले के कलेक्टर जनमेजय महोबे के द्वारा माउंटेन ट्रेकर यशवंत कुमार टंडन को पर्वतारोहण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने व बालोद जिले का गौरव बढ़ाने के लिए प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया है।
चोटी से “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का संदेश देगी माउंटेन ट्रेकर पल्लवी बारले
वही बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखंड से महज 6 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम तवेरा कि माउंटेन ट्रेकर पल्लवी बारले ने बताया कि वह अब हिमाचल प्रदेश के शिमला की सबसे ऊंची चोटी जाखू हिल को फतह कर चोटी से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देगी। पल्लवी ने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। आज बेटियां हर क्षेत्र में सेवाएं दे रही है। आज बेटियां पुरूषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है।
रिस्पांउसरशीप करने की अपील
माउंटेन ट्रेकर यशवंत कुमार टंडन ने बताया कि वह एक सामान्य परिवार से हैं। माता पिता कृषि कार्य करते हैं। जब यशवंत अपने माता-पिता से कैंप जाने के लिए पैसे मांगते हैं तो उन्हें आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ता है। और उन्हें अपने घर से कोई सहयोग नहीं मिल पाता और सपनों के आगे इस तरह आर्थिक स्थिति दीवार बनकर खड़ी हो जाती है। माउंटेन ट्रेकर यशवंत कुमार टंडन ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी व अन्य सामाजिक संस्था, संगठन एसडीएम, राजनीतिक मंत्री से सहयोग की अपील की है। ताकि अपने बालोद जिले का नाम रोशन कर सकें।
29 मई को फतह करने होंगे रवाना
इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के द्वारा 31 मई से 4 जून तक हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में पांच दिवसीय राष्ट्रीय स्तर पर साहसिक शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के माउंटेन ट्रेकर यशवंत कुमार टंडन और माउंटेन ट्रेकर पल्लवी बारले इस साहसिक शिविर में शिरकत करेंगे। माउंटेन ट्रेकर यशवंत कुमार टंडन और माउंटेन ट्रेकर पल्लवी बारले का सपना है कि वह विश्व के सात ऊंची शिखरों पर चढ़कर तिरंगा लहराना चाहते हैं।
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