निपानी बैंक घोटाला- अब तक नहीं मिले किसानों को पैसे, भाजपा ने बनाया मुद्दा, 2 दिन से जारी है धरना

घोटाले के पीड़ित किसान भाजपा के नेतृत्व में बैठे बैंक के सामने धरने पर

500 से अधिक किसानों ने प्रशासन के खिलाफ बोला हल्ला

बालोद। बालोद जिले के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा निपानी के बैंक घोटाले के पीड़ित लगभग 500 से अधिक किसान भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में हमने शासकीय बैंक पर भरोसा करके अपनी सारी जमा पूंजी बैंक को हस्तांतरित कर दी। परंतु यहां के अधिकारियों ने मिलीभगत कर हम सब किसानों की जमा पूंजी को गबन कर गए। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने शासन व प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला। जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने कहा कि जब तक किसानों का पैसा नहीं लौटाएंगे हम अपने धरने पर अडिग रहेंगे।

दो दिन से जारी है धरना

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने बताया कि विगत 2 दिनों से किसान अपने पैसे के लिए धरने पर बैठे हुए हैं। परंतु प्रशासन किसी तरह का कोई सुध नहीं ले पा रही है। ऊपर से नीचे सभी अधिकारी कर्मचारी मामले में लिप्त हैं। तभी मामले को इतना लंबा खींचा जा रहा है। हालांकि आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है परंतु किसानों की पूरा पैसा लौटाया जाएगा या क्या होगा? इसको लेकर अधिकारियों ने अब तक किसी तरह का अधिकृत बयान नहीं दिया है।

जानिए क्या था मामला

दरअसल एक माह पूर्व बालोद जिले के ग्राम निपानी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में घोटाले का मामला उजागर हुआ। जिसके बाद जांच शुरू हुआ तो पता चला कि 500 से अधिक किसानों के राशि को बैंक के अधिकारी कर्मचारियों ने गबन कर लिया है। जिसके बाद किसानों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद मुख्य आरोपी कैशियर अजय भेड़िया गिरफ्तार हो गया है पर किसानों को रकम वापसी की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। 4 से 5 किसानों का ही पैसा उस समय वापस आया पर बाकी कब तक कुछ पता नहीं है।

ये बैठे हैं धरने में

किसानों की पैसा वापसी की मांग को लेकर जारी इस धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से कृष्णकांत पवार जिला अध्यक्ष भाजपा, पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू, प्रदेश किसान मोर्चा के मंत्री पवन साहू, मंडल अध्यक्ष प्रेम साहू, जिला मंत्री नरेश साहू, जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर, जगदीश देशमुख, संतोष साहू, विरेन्द्र साहू, हेमंत साहू, ओंकार सिन्हा, अजेन्द्र साहू, कृष्णा साहू, विकास जैन, भूपेंद्र चंद्राकर, युवराज साहू, श्रवण ठाकुर, रोमन कल्याणी आदि 500 से अधिक संख्या में मौजूद रहे।

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