खिलाड़ियों का दर्द- मेडल जीतकर आते हैं तो सम्मान के नाम पर फोटो खिंचवाने खड़े हो जाते हैं अफसर व नेता, पर प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए नहीं की जाती कोई आर्थिक मदद
राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री दौड़ में शामिल होने जिले के चार खिलाड़ी चयनित, पर नागालैंड जाने को नहीं मिल रही शासन प्रशासन से आर्थिक मदद
देखिए किस तरह खिलाड़ियों ने रखी अपनी मन की पीड़ा, साहू समाज के बेनुराम व साथियों ने की मदद
बालोद । जिले के 4 खिलाड़ी राष्ट्रीय क्रास कंट्री दौड़ प्रतियोगिता नागालैंड में शामिल होने के लिए 22 मार्च को रवाना होंगे। वहां 26 मार्च से 28 मार्च तक आयोजित प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। ज्ञात हो कि प्रतिभावान खिलाड़ी स्वयं के खर्चे पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। विगत दिनों दिसंबर 2021 में आयोजित राज्य स्तरीय क्रॉस कंट्री प्रतियोगिता बिलासपुर में जिले के 4 खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए हुआ है।
इन खिलाड़ियों को अभी तक किसी भी प्रकार की शासन प्रशासन से सुविधा नहीं मिली है। इन खिलाड़ियों ने कलेक्टर बालोद के नाम पर ज्ञापन देते हुए डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन देकर आर्थिक सहयोग की गुहार भी लगाई है। हालांकि अब तक कोई मदद नहीं मिल पाई है। खिलाड़ी विजेंद्र कुमार साहू ग्राम नर्रा, भीखम राम साहू ग्राम नागाडबरी, कुमारी भीमेश्वरी ग्राम मनौद, कुमारी पार्वती ग्राम मंगलतराई सभी कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन से आर्थिक सहयोग की मांग की है। खिलाड़ियों की समस्या को जानकर नर्रा के समाज सेवी बेनुराम साहू, जितेंद्र कुमार, श्याम पटेल और खिलेश कुमार ने चंदा एकत्रित करके ट्रैकसूट तथा जूते के लिए सहयोग किया है। खिलाड़ियों ने कहा है कि जब मेडल जीतकर आते हैं तो अधिकारी व नेता हमारे साथ फोटो खिंचवाने के लिए तो सामने आते हैं। लेकिन जब हमें कहीं जाना होता है तो मदद के लिए कोई सामने नहीं आते। क्रॉस कंट्री धावक के खिलाड़ी विजेंद्र कुमार साहू ने कहा कि हम चारों खिलाड़ी कलेक्ट्रेट में उपस्थित होकर आर्थिक सहयोग के लिए आवेदन कलेक्टर के नाम किए हैं।हमें कोई भी सहयोग शासन प्रशासन से प्राप्त नहीं होता है। मैंने जिले तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जिले का नाम रोशन किया हूं। लेकिन यह परिस्थिति है कि जूते के लिए भी पैसे नहीं है। आने जाने तथा रहने का खर्चा अलग होगा। शासन के इस रवैया से मन क्षुब्ध हो जाता है। जीत कर आने पर फोटो खिंचवाने के अधिकारी व नेता साथ में आ जाते हैं। उसके बाद सब भूल जाते हैं। इसी तरह धाविका भीमेश्वरी ने कहा कि मैं 4 महीने पहले ही बालोद कलेक्ट्रेट व दल्लीराजहरा में अपने सभी प्रमाण पत्र जमा कर चुकी और सहयोग राशि देने की बात हुई थी। लेकिन अभी तक किसी प्रकार की सुविधा प्राप्त नहीं हुई। अपने खर्चे से छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। वहीं उनकी समस्या को देखते हुए समाज सेवी बेनुराम साहू ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी मदद की।
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