इस होली भी होगी ख़ास- नीम, पालक एवं गेंदा से जिले की 5 स्वसहायता समूह बना रही हर्बल गुलाल

बालोद – कलेक्टर जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में जिले में होली पर्व के अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के पॉच स्वसहायता समूहों द्वारा हर्बल गुलाल का निर्माण किया जा रहा है। गुलाल बना रहे स्वसहायता समूह के सदस्यों को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण वन विभाग की आदिवासी स्वसहायता समूह ग्राम मंगचुवा की सदस्य श्रीमती रामेश्वरी एवं श्रीमती सतरूपा द्वारा दिया गया। जिसमें वनस्पतियों यथा-नीम, पालक एवं फूल यथा-गेंदा, कनेर पलाश एवं चुकन्दर जैसे फलों के रसों का प्रयोग कर यह हर्बल गुलाल तैयार किया गया। इसमें पलाश के फूल से पीला, पालक से हरा, चुकन्दर से गुलाबी एवं अमारी जीर्रा से लाल रंग का गुलाल तैयार किया जाता है। हर्बल गुलाल के प्रयोग से त्वचा की सुरक्षा एवं पर्यावरण में होने वाले वायु, पानी के प्रदूषण को कम करने एवं साथ ही साथ स्वसहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार को बढ़ाने हेतु जिला प्रशासन बालोद द्वारा हर्बल गुलाल के निर्माण एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.रेणुका श्रीवास्तव ने बताया कि विगत वर्ष आदिवासी स्वसहायता समूह मंगचुवा सहित जिले के छह स्वसहायता समूह द्वारा आठ लाख रूपए के गुलाल का विक्रय किया गया था। हर्बल गुलाल के प्रति लोगों के रूचि को दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष भी लगभग पचास क्विंटल हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य है। जिसका अधिकतर विक्रय ‘‘बालोद बाजार‘‘ एवं संजीवनी मार्ट द्वारा साथ ही विभिन्न शासकीय कार्यालयों यथा – संयुक्त जिला कार्यालय, जिला पंचायत, जनपद पंचायतों में स्टॉल लगाकर तथा ‘‘बालोद बाजार‘‘ रिटेल शॉप में नियमित रूप से विक्रय किया जाएगा।

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