दल्ली राजहरा से गायब थे तीन बच्चे, 5 दिन पतासाजी में निकला दुष्कर्म का मामला, दो नाबालिग को भेजा गया बाल गृह
बालोद। पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के मार्गदर्शन में “मुस्कान अभियान” के तहत दल्लीराजहरा पुलिस को 3 नाबालिग दस्तयाब करने में सफलता मिली। साथ ही जांच में दुष्कर्म का भी खुलासा हुआ। विगत कुछ दिनों में नाबालिग बालक/बालिका के गुम होने के तीन प्रकरण थाना राजहरा में प्राप्त होने पर तत्काल गुम इंसान एवं भा द वि की धारा 363 के तहत प्रकरण दिनांक 25.01.22 एवं 27.01.22 को पंजीबद्ध किया गया था । प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग ओ पी पाल के द्वारा पुलिस अधीक्षक बालोद सदानंद कुमार को यथाशीघ्र गुम बालक बालिकाओं के पतासाजी कर दस्तयाबी हेतु निर्देश दिए थे । जिसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम एवं नगर पुलिस अधीक्षक मनोज तिर्की के पर्यवेक्षण में थाना राजहरा की पुलिस द्वारा गुम बालक बालिकाओं की पतासाजी की जा रही थी । विवेचना के दौरान पुलिस को जानकारी प्राप्त हुई कि गुम बालक के द्वारा मोबाइल भी प्रयोग किया जा रहा है । जिस पर साइबर सेल के सहयोग से गुम बालक बालिकाओं के लोकेशन को ट्रेस कर 03 बालक/बालिकाओं को माना रायपुर से बरामद किया गया । बरामदगी पश्चात दो प्रकरणों में पीड़िताओ का महिला अधिकारी के समक्ष बयान कराया गया । बालिकाओं के द्वारा अपने कथन में बताया गया कि विधि से संघर्ष रत बालकों द्वारा बहला फुसला कर शादी का प्रलोभन देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया गया है। उक्त कथन के आधार पर प्रकरण में भा द वि की धारा 366, 376 (2) (ढ), 376 (3) एवं पोक्सो एक्ट की धारा 4, 5 (ठ), 6 जोड़ा गया । प्रकरण में 2 विधि से संघर्ष रत बालकों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया। जहां से न्यायिक रिमांड प्राप्त होने पर बाल सम्प्रेक्षण गृह दुर्ग में दाखिल कराया गया है। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी राजहरा टी एस पट्टावी, साइबर सेल प्रभारी रोहित मालेकर, स उ नि लता तिवारी आरक्षक आकाश सोनी, मिथिलेश यादव शामिल रहे ।
विदित हो कि वर्तमान में पुलिस मुख्यालय रायपुर के निर्देश पर संपूर्ण राज्य में गुम बालक बालिकाओं के पतासाजी हेतु ‘मुस्कान’ अभियान चलाया जा रहा है। थाना राजहरा द्वारा 03 प्रकरणों में नाबालिकों को दस्तयाब करना एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस अधीक्षक बालोद सदानंद कुमार ने बताया कि महिलाओं एवं बच्चों से सम्बंधित अपराधों की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर समय सीमा में चालान माननीय न्यायालय पेश किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि पीड़ित पक्ष को यथाशीघ्र न्याय मिले ।
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