संसदीय सचिव गुरदयाल सिंह बंजारे से सम्मानित हुए मिस्टर सीड बॉलर
बालोद। जिला मुख्यालय बालोद में राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्टर सीड बॉलर, नवाचारी शिक्षक टुमन लाल सिन्हा ने समारोह के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव श्री गुरदयाल सिंह बंजारे को सीड बाॅल भेंटकर स्वागत किया गया।समारोह में संसदीय सचिव ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले छह गठन प्रबंधन समिति व पांच महिला स्व सहायता समूह और पढ़ई तुहर दुआर 2.0 में बेहतर कार्य कर रहे शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह के इस अवसर पर मिस्टर सीड बॉलर, के नाम से विख्यात शासकीय प्राथमिक शाला ककरेल विकासखंड डौंडी जिला बालोद के टुमनलाल सिन्हा को भी गणतंत्र दिवस अवसर पर पुरस्कृत किया गया।पिछले दो वर्षो से कोरोना के कारण स्कूली बच्चो की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी जिसके चलते टुमनलाल सिन्हा ने पढ़ई तुहर दुआर के अन्तर्गत कोरोना महामारी के समय स्वैच्छिक रूप से विशिष्ट कार्य किया गया और बच्चों की पढ़ाई निरंतर जारी रखने का प्रयास किया है। ऐसे शिक्षकों में टुमनलाल सिन्हा , प्रभारी प्रधानपाठक, शासकीय प्राथमिक शाला ककरेल, विकासखंड डौंडी, जिला बालोद, जिन्होंने विभिन्न नवाचार के माध्यम से इस महामारी के दौरान बच्चो की पढ़ाई अनवरत जारी रखने का प्रयास किया गया । गणतंत्र दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संसदिव सचिव गुरुदयाल सिंह, विधायक संगीता सिन्हा एवं विधायक कुंवर सिंह निषाद द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
श्री सिन्हा के द्वारा कोरोना काल में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए विभिन्न नवाचार जैसे – आंगनबाड़ी व शाला के बच्चों के लिए वर्कशीट निर्माण, ट्विनिंग ऑफ स्कूल, सेल्फी जॉन नवाचार, एन ए एस नवाचार, सीड बाल निर्माण, राष्ट्रीय शिक्षा समागम में बालोद जिले का प्रतिनिधित्व, खिलौना दौड़ नवाचार, खिलौना प्रदर्शनी, लर्निंग आउटकम आधारित चार्ट निर्माण , बालोद जिला में पहला मोहल्ला क्लास का आयोजन, राज्य स्तर पर हमारे नायक में स्थान , विकासखंड स्तर पर मास्टर ट्रेनर की भूमिका में रहे हैं। साथ ही जिले में बालोद जिला पीएलसी के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए अन्य शिक्षकों से भी विभिन्न प्रकार के शैक्षिक नवाचार करने हेतु प्रेरित किया गया।इसके साथ साथ बहुत ही रोचक शिक्षण पद्धति कठपुतली कला के माध्यम से शिक्षा प्रदान किया जाना , इस कला के द्वारा बच्चो को पाठ का सारांश चल चित्र के रूप में उनके समक्ष प्रस्तुत करने से बच्चो में स्थाई ज्ञान की प्राप्ति होती है। उनका कहना है कि बच्चे कार्टून्स जैसे दिखने वाले पुतलियों को देखकर बहुत आनंदित होते हैं।शास प्रा शाला ककरेल में आस पास प्राइवेट स्कूल होने के बावजूद अधिकतम बच्चे ककरेल में अध्ययन कर रहे हैं ।
शाला के सभी शिक्षकों द्वारा इसके लिए पालकों से संपर्क कर विशेष रूप से उन्हें शाला से जोड़ने का प्रयास करते हैं।
अधिकारियों ने बढ़ाया हौसला
कार्यक्रम में उपस्थित जिला शिक्षा अधिकारी पी सी मरकलेे , डी एम सी अनुराग द्विवेदी , ए पी सी जी एल खुरश्याम , विकास खंड शिक्षा अधिकारी डौंडी कमलकांत मेश्राम, बीआरसीसी पुरोहित सर के साथ अन्य अधिकारियों ने कार्यों की सराहना की। शाला के स्टाफ भीखम सिंह यादव, जैलेन्द्र रामटेके, ओमप्रकाश सोयाम, सुमरित ठाकुर , सोहन लाल जैन के अलावा प्राथमिक शाला समिति के अध्यक्ष भूषण लाल भूआर्य एवं माध्यमिक शाला के अध्यक्ष कोमल सिंह भूआर्य ने शुभकामनाएं दी।