3 साल से फरार था चिटफंड कंपनी का मुख्य डायरेक्टर, घर छोड़कर किराए के मकान में छुपा था, 3 दिन बालोद पुलिस ने औरंगाबाद में हुलिया बदल रेकी कर पकड़ा
बालोद। बालोद पुलिस ने चिटफंड कंपनी के एक मामले में 3 साल से फरार मुख्य डायरेक्टर को पकड़ने में सफलता हासिल की है। जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में किराए के मकान में छिपा हुआ था। अपना घर तक छोड़ कर पुलिस से भागा भागा आरोपी फिर रहा था। जिसे पुलिस ने उसके ही स्टाइल में वेशभूषा बदलकर रेकी करते हुए पकड़ा। उसे पकड़ने के लिए उसके खिलाफ सुराग तलाशने के लिए पुलिस महाराष्ट्र औरंगाबाद में वेश बदलकर घूमती रही और पुष्टि होने के बाद फिर घेराबंदी उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपी 3 साल से फरार था। 2018 से उसके खिलाफ बालोद थाने में चिटफंड कंपनी के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज था। मामले में कुल 5 आरोपी थे। जिसमें चार की गिरफ्तारी हो गई थी। मुख्य आरोपी मास्टरमाइंड डायरेक्टर फरार था। मामले का खुलासा गुरुवार को प्रेस वार्ता के जरिए किया गया। अब एम वे कार्पाेरेशन इंडिया लिमिटेड चिटफण्ड कंपनी के सभी डायरेक्टर गिरफ्तार हो गए हैं।कंपनी द्वारा जिला बालोद के लगभग 150 निवेशकों से 25 लाख रूपये से अधिक की ठगी की गई थी। अब वर्ष 2018 से फरार ,चिटफंड का डायरेक्टर संतोष लाहोटी , औरंगाबाद महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेजा गया। कंपनी शाखा बालोद में एजेन्ट के माध्यम से सन् 2013 में 2,50,000 रूपये एवं सन 2014 में 2,50,000 रूपये प्रार्थिया राजकुमारी यादव पति स्व. किसनलाल यादव निवासी दल्लीराजहरा द्वारा अपने एस.बी.आई. खाते से रिटायरमेंट का पैसा निकालकर बालोद स्थित एम वे कार्पाेरेशन इंडिया लिमिटेड कंपनी में पैसा जमा किया था। प्रार्थिया के पति की मृत्यु दिनांक 01.03.2017 को हो गई। परिपक्वता की तिथि पूर्ण होने पर भाटिया कॉम्पलेक्स राजनांदगांव रोड बालोद स्थित उक्त कंपनी द्वारा पैसा वापस नहीं किया गया और ऑफिस बंद कर फरार हो गए। प्रार्थिया एम वे कार्पाेरेशन इंडिया लिमिटेड कंपनी का मुख्य कार्यालय बिट्ठल रूखमणी पैलेस पांचवी मंजिल प्लाट नंबर 283 वेस्ट हाईवे कोर्ट रोड लक्ष्मी नगर नागपुर (महाराष्ट्र) जाकर पता की तो कंपनी का ऑफिस बंद होना तथा संचालकों का फरार हो जाना पता चला। उक्त संबंध में संचालकों के विरूद्ध थाना बालोद में अपराध क्रमांक 216/2018 धारा 420, 34 भादवि एवं 3, 4, 5 ईनामी चिटफण्ड एवं धन परिचालन स्कीम (पाबंदी) अधिनियम 1978 तथा छ.ग. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 कायम कर विवेचना में लिया गया।
इस तरह से लिया ग्राहकों को झांसे में
कंपनी की स्थापना निर्माण कार्य बिल्डिंग बनाने इत्यादि के लिये किया गया था। परन्तु कंपनी के डायरेक्टर द्वारा 02 वर्ष, 03 वर्ष, 05 वर्ष, 07 वर्ष, 09 वर्ष, 11 वर्ष का इंश्योरेंस प्लान बनाकर निवेशकों से ठगी की गई है। इस चिटफण्ड कंपनी द्वारा जिला बालोद के लगभग 150 निवेशकों से 25 लाख रूपये से अधिक की ठगी की गई है। इस कंपनी में 05 मुख्य डायरेक्टर है। पूर्व में डायरेक्टर सुनीता सिंह ,मनोज अग्निहोत्री ,रवि कांबले और धर्मेन्द्र सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है। मुख्य डायरेक्टर संतोष लाहोटी वर्ष 2018 से प्रकरण में फरार चल रहा था जिसकी गिरफ्तारी हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे थे। मामले को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक बालोद सदानंद कुमार के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद डी.आर. पोर्ते एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद प्रतीक चतुर्वेदी के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी बालोद मनीष शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित किया गया।
जांच में यह बात आई सामने
टीम द्वारा अनुसंधान से यह पता चला कि संतोष लाहोटी निवेशकों के पैसे को हथियाकर अपने मूल निवास स्थान को छोड़कर किराये के मकान मे छिपकर रह रहा था। अपने पास मोबाईल फोन नही रखता था। दूसरो के मोबाईल से अपने परिचितो से बातचीत करता था। टीम तकनीकी साक्ष्य के आधार पर जिला औरंगाबाद महाराष्ट्र पहुचकर वहां 3 दिनों तक कैम्पकर स्थानीय वेषभूषा में मुखबिर लगाकर टीम के सदस्यो द्वारा आरोपी डायरेक्टर संतोष लाहोटी के संबध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की गई । थाना प्रभारी बालोद मनीष शर्मा के द्वारा स्वयं आरोपी डायरेक्टर संतोष लाहोटी के स्थान की जानकारी पुख्ता होने पर वहां रेड कार्यवाही कर प्रकरण के आरोपी डायरेक्टर संतोष लाहोटी पिता मदन लाल लाहोटी उम्र 59 वर्ष पता- उल्का नगरी थाना जवाहर नगर जिला औरंगाबाद महाराष्ट्र को विधिवत गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ जारी है।
पकड़ने में इनकी रही भूमिका
उक्त प्रकरण के आरोपी के पतासाजी एवं गिरफ्तारी में थाना प्रभारी बालोद मनीष शर्मा, सउनि धरम भूआर्य ,आरक्षक भोप सिंह, आरक्षक पूनम खरे एवं सायबर सेल से आरक्षक पुरन देवांगन की सराहनीय भूमिका रही।