यहां स्कूलों में लग रही व्यक्तित्व विकास की कार्यशाला तो घरों में संस्कार का अनुष्ठान, पढ़िए गायत्री परिवार की यह अनूठी पहल
बालोद। वि.खं.डौंडीलोहारा के अंतर्गत 8 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विगत दिनों व्यक्तित्व विकास कार्यशाला हुआडौंडीलोहारा ब्लाक के अंतर्गत डौंडीलोहारा, कमकापार, भंवर मरा ,मंगचुवा, मुड़खुसरा, कोबा,खोलझर, बड़गांव के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में एक दिवसीय व्यक्तित्व निर्माण युवा शिविर संपन्न हुआ। जिसमें ब्लॉक के 12 सौ युवाओं ने भाग लिया।.युवा प्रकोष्ठ जिला बालोद के मार्गदर्शन में युवाओं के आत्मबोध, उसके अंदर छिपी अनन्त क्षमताओं को विकसित करने तथा उस शक्ति का नियोजन समाज, राष्ट्र ,संस्कृति के निर्माण में कराने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया।टोली के वक्ताओं के द्वारा बताया गया की युवा कौन है? व्यक्तित्व क्या है? और व्यक्तित्व के कितने प्रकार हैं ?और उसका निर्माण हम कैसे कर सकते हैं? इस पर प्रकाश डालते हुए बताया की हमारे व्यक्तित्व पर दो तत्व प्रभाव डालते हैं बाह्य और आंतरिक . बाह्य व्यक्तित्व की स्वास्थ, वेशभूषा, वाणी और व्यवहार के द्वारा पहचान होती है पर हमारे चरित्र, व्यवहार और को 80% आंतरिक व्यक्तित्व ही बनाता है इसलिए अपने जीवन में साधना, स्वाध्याय, संयम, सेवा इन सूत्रों को अपनाकर अपना व्यक्तित्व विकास कर सकते हैं.सहायक टोली नायक के द्वारा बताया गया कि पहला सूत्र साधना का मतलब अपने आप को दुर्गुणों से, दूर भावनाओं, दुर्विचारों से साध लेना, उपासना से आत्म बल जागृत होता है अतः श्रेष्ठ गुण संपन्न ,व्यक्तित्व के धनी के पास बैठना, सत्संग करना, दुसरा स्वाध्याय, स्वयं का अध्ययन.अपने अंदर की विलक्षण प्रतिभा को निखारने के लिए महापुरुषों की जीवनी, लेखनी, उनके साहित्य को अध्ययन से है. तिसरा संयम अपने आप को नियंत्रित करके रखना.इंद्रिय संयम, अर्थ संयम, समय संयम, और विचार संयम के द्वारा अपने आप को विचलित होने से बचाना.चौथा तत्व के रूप में सेवा अपने अंदर के प्रतिभा योग्यता का नियोजन समाज राष्ट्र और संस्कृति के उत्थान के लिए निस्वार्थ भाव से लगाना। अंत में युवाओं को आह्वान करते हुए कहा गया कि ऐसा ही ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय शिविर आगामी समय में संपन्न होना है जिसमें सफलता के सूत्र, कैरियर निर्माण, स्वास्थ्य रक्षा के सूत्र, स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय, तनाव प्रबंधन तथा आदर्श जीवनचर्या बनाने के संबंध में कक्षा होंगी.अतः आप सब कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर अपने जीवन को सफल बनाएंगे।इस कार्यक्रम को सफल संचालन हेतु जिला प्रभारी दिलीप निर्मलकर, सह प्रभारी भोलेश्वर सिन्हा तथा टोली सदस्य प्रदीप कुमार, जगमोहन साहू ,रोहित साहू,बहुर सिंह साहू, नंदकिशोर पिस्दा, रेणुका गंजीर,उर्मिला सिन्हा, तुलसी साहू , मुकेश साहू, आरपी यादव, कमल नारायण साव, पीलू राम साहू ,भोलाराम साहू, विमल साहू वीरेंद्र साहू ,दिलेश्वर साहू , गोपाल साहू , प्रज्ञानंद बघमरिया, दुष्यंत कोलियारे, त्रिलोक साहू , पुराणिक सोरी, ओम प्रकाश केसरा, शिवेंद्र झारिया, दारा सिंह भौसार्य, लूणकरण ठाकुर, उमेंद्र यादव का विशेष सहयोग रहा।
आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी
आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी के अंतर्गत ग्राम अंडी (डौंडीलोहारा) में सामूहिक पुंसवन संस्कार संपन्न हुआ. आचार्या तुलसी साहू उर्मिला सिन्हा ने आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी के संबंध में प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों को संस्कार गर्भ से ही देने की आवश्यकता है क्योंकि गर्भ में ही बच्चे का मानसिक विकास 80% हो चुका होता है जिस प्रकार शरीर को परिपुष्ट करने के लिए स्वास्थ्य वर्धक खाद्य पदार्थ, निरोग के लिए दवाई की आवश्यकता होती है उसी प्रकार मानसिक पुष्टि के लिए नियमित रूप से गर्भवती माताओं को उपासना करनी चाहिए, परिवार में सुसंस्कारिता का विकास, सतत सत् चिंतन के लिए सत् साहित्य का स्वाध्याय, घर में तुलसी स्थापना एवं सूर्य अर्घ्य दान करते रहना चाहिए जिससे आने वाले संतान विकसित आत्मशक्ति, व्यक्तित्व से परिपूर्ण, सद् चिंतन सत्कर्म और सद्व्यवहार से सुशोभित और श्रद्धा से परिपूर्ण हो.कार्यक्रम में अंजू जैन, प्रियंका साहू, तापेश्वरी ठाकुर, रीना यादव , खिलेश्वरी साहू, लोमीन ठाकुर, लक्ष्मी रात्रे, हितेश्वरी साहू , महेश्वरी साहू का संस्कार संपन्न हुआ.कार्यक्रम को सफल बनाने में लता देवी साहू भागवती साहू आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का विशेष सहयोग रहा।
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