बेटी है तो कल है, के संदेश के साथ जगमग हुआ जगन्नाथपुर, आंगन में सजी रंगोली, दीपों से हुआ रोशन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को प्रोत्साहन
बालोद।ग्राम जगन्नाथपुर में तीसरे वर्ष भी बेटी है तो कल है की थीम के साथ दीपावली मनाई गई। लक्ष्मी पूजन की शाम लक्ष्मी स्वरूप बेटियों के सम्मान में हर आंगन में दीपक जले। लोगों ने रंगोली सजाकर दीप जलाकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी दिया। तो वहीं बेटी बेटा में फर्क दूर करने के लिए पहल की। इस मुहिम में सभी आगे आए। परिवार के लोगों ने एक साथ मिलकर दीप जलाएं। खास तौर से आबादी पारा में बेटी है तो कल है थीम पर रंगोली बनाकर दीप जलाया गया। यादव परिवार सहित आसपास मोहल्ले के लोगों ने सामूहिक रूप से इस थीम पर दिवाली मनाई।
इस दौरान प्रमुख रूप से यादव परिवार से मधु लता यादव, दीपक यादव, माधुरी यादव, खिलेश साहू, वीरेंद्र साहू, उषा साहू, दीपिका साहू, धनेश्वरी साहू, सुरेश विश्वकर्मा सहित अन्य मौजूद रहे। इस अभियान की प्रेरणा स्रोत स्वयं वैष्णवी व विजय यादव ने भी दीप जलाकर इसकी शुरुआत की। बेटी है तो कल है थीम पर सजी रंगोली आकर्षण का केंद्र रही।
पहले से घर- घर हुआ था 1000 से ज्यादा मिट्टी के दीपक वितरण
इसके लिए इस बार भी यादव परिवार के द्वारा ग्रामीणों को हर घर 5-5 मिट्टी के दीपक, कई घर को मिलाकर 1000 से ज्यादा दीपक वितरित किए गए थे। इस अभियान की शुरुआत 3 साल पहले हुई थी। जो लगातार जारी है। लक्ष्मी पूजन की शाम यानी दिवाली की रात को यहां की गलियां और आंगन बेटियों के नाम से रोशन हुई। बेटियों का सम्मान बढ़ाने के लिए यह पहल बालोद जिले में सबसे पहले यादव परिवार द्वारा शुरू की गई है। बेटी व बेटा में फर्क दूर करने के लिए यह अभियान शुरू हुआ था। इससे कई लोग प्रभावित व प्रेरित हुए और अपने गांव में भी इस तरह से दिवाली मनाने लगे हैं। कोचेरा व दुम्माटोला में भी इस बार ऐसी पहल हुई। वहां के बेटियो ने भी हर घर 3-3 दीपक बाँटकर दिवाली मनाई।
कैसे हुई शुरुआत
जगन्नाथपुर के यादव परिवार की मुखिया मधुलता यादव ने बताया कि उनकी पोती वैष्णवी यादव इस अभियान की प्रेरणा स्रोत है। अक्सर देखते हैं कि परिवार में बेटा पैदा होने पर बेटी पैदा होने के तुलना में ज्यादा खुशियां मनाई जाती है। बेटा बेटी में आज भी कहीं ना कहीं भेदभाव देखा जाता है। इस फर्क को दूर करने के लिए जब उनके परिवार में पोती हुई तो पोते से ज्यादा खुशियां पोती की जन्मदिन पर मनाई गई।
3 साल पूर्व जब 14 जून को बहु माधुरी यादव का प्रसव सांकरा ज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ। उन्होंने एक बेटी वैष्णवी को जन्म दिया, जब अस्पताल से छुट्टी हुई तो इस बेटी को लक्ष्मी स्वरूप मानकर गृह प्रवेश कराते हुए पूजा अर्चना की गई तो वहीं नामकरण संस्कार पर भी बेटी की ओर से लोगों को कार्ड जारी किया गया।
जिसमें बेटी है तो कल है, का संदेश देते हुए लोगों को बेटियों को प्रोत्साहन देने के लिए पहल शुरू की गई। तत्कालीन कलेक्टर राजेश सिंह राणा ने भी इस प्रयास के लिए यादव परिवार को बधाई भेंट प्रेषित किया था। तो साथ ही इस बेटी के नामकरण उत्सव को भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व पर्यावरण संरक्षण थीम के साथ मनाया गया था।
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