विधायक संगीता सिन्हा की पहल से पूरा हुआ अधूरा पीएम आवास, अमलीपारा कोचवाही में मृतक के घर को बनवाया विधायक ने

दिवाली में पक्के घर का सपना पूरा

बालोद- गुरूर। गुरूर ब्लॉक के ग्राम कोचवाही के अमली पारा में विगत दिनों आर्थिक परेशानी के चलते एक युवक शीत कुमार नेताम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना में मृतक की मां रूखमणी बाई का कहना था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क़िस्त न मिलने से उनका मकान 3 साल से अधूरा है। उस पर मटेरियल वालों का पैसा ना दे पाने की वजह से आर्थिक रूप से परेशान थे और इन्हीं परेशानियों के चलते उनके बेटे ने फांसी लगा ली थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र के संवेदनशील विधायक संगीता सिन्हा ने इसमें पहल की और घटना के कुछ दिन बाद गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात कर उन्हें यह वादा किया था कि उनका अधूरा घर वह अपने खर्चे से बनवा कर देंगे और विधायक ने अपना वादा निभाते हुए दिवाली में पक्का मकान का सपना पूरा कर दिखाया। मृतक की मां को अब पक्का आशियाना मिल गया। उन्होंने कहा कि उनका बेटा तो वापस नहीं आ सकता, पर जो बेटे का सपना था वह पूरा हो गया। विधायक ने अपना वादा निभाया। ज्ञात हो की किस्त ना मिलने की वजह से मकान अधूरा था। छत ढलाई नहीं हो पाई थी। मटेरियल के देन दारों का भी बकाया था। विधायक ने इस मामले में तत्काल सहायता राशि देने के साथ साथ मकान बनवाने के लिए शेष सामग्री उपलब्ध करवाई और कुछ दिनों के भीतर ही काम शुरू हो गया। दिवाली के पहले ही छत ढलाई हुआ और अब बहुत जल्द अपने इस नए मकान में मृतक की मां रहने लगेंगी

भाजपाई कर रहे राजनीति, मौत पर ऐसा नहीं होना चाहिए

तो वही विधायक संगीता सिन्हा ने इस मामले में विधानसभा क्षेत्र के भाजपाइयों पर मौत पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह ओछी राजनीति का प्रतीक है कि किसी की मौत हो जाए और उस पर राजनीति की जाए। जाने वाला तो चला गया लेकिन जो परेशानी परिवार झेल रही है उसे दूर करना जरूरी था और इसलिए उन्होंने उनका आवास पहले बनवाया। जो वादा किया वो निभाया। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग मृतक के परिजनों को भड़का कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में लगे हुए हैं जबकि इनसे मृतक के परिजनों का नहीं बल्कि नेताओं का ही भला हो सकता है। बता दे कि प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र और राज्य दोनों सरकार का अंश होता है और तब जाकर राशि जारी होती है। योजना मूलतः केंद्र सरकार की है। इसलिए भाजपाई इस योजना में राज्य सरकार यानी कांग्रेस सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसे मुद्दा बना रहे हैं और आवास का पैसा ना आने के कारण मृतक द्वारा आत्महत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए विरोध में धरना भी दिए थे। जिस दिन धरना प्रदर्शन हुआ उसी दिन से ही मृतक के अधूरे आवास को बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मृतक का छोटा भाई केशव नेताम चारामा मटेरियल लेने गया था और इसी दौरान कुछ भाजपाई उनके घर आए और मृतक की मां को भी अपने धरना प्रदर्शन में शामिल करने के लिए गए थे। इस मामले में भी नया मोड़ तब आया जब रूखमणी कर दूसरे बेटे ने थाने में लिखित शिकायत की थी कि उनके मां को भाजपाइयों द्वारा जबरदस्ती घर से ले गए हैं। भाजपाई यह कह रहे थे कि हमने उन्हें जबरदस्ती नहीं लाया वह स्वेच्छा से आई थी। भाजपा इस मामले में शासन प्रशासन से 1 करोड़ रुपये मुआवजा की मांग करने लगे हैं।

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