देखिए बिजली कटौती पर भाजपा का कंडिल प्रदर्शन- बेतहाशा बिजली दर और कटौती के विरोध में बालोद में हुआ यह प्रदर्शन

बालोद। बालोद जिले के भाजपाइयों ने आज बेतहाशा बिजली मूल्य में वृद्धि व लगातार हो रही बिजली कटौती को लेकर प्रदर्शन किया। झलमला में धरना प्रदर्शन के बाद रैली निकालते हुए कलेक्टोरेट परिसर जाकर कंडिल लेकर भाजपाइयों ने नारेबाजी की। कंडिल जलाकर प्रदर्शन किया गया। रैली के दौरान घोटिया चौक झलमला में कुछ देर के लिए पुलिस वालों से झुमा झटकी भी हुई. इस प्रदर्शन का उद्देश्य कांग्रेसी सरकार पर निशाना साधते हुए था कि क्या कटौती कर फिर से कंडिल युग लाने की तैयारी हो रही है। और अगर इसी तरह से बिजली बिल की दर वृद्धि की गई तो फिर से छत्तीसगढ़ कंडिल के जमाने में चला जाएगा। भाजपाइयों ने राज्यपाल के नाम से ज्ञापन देते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली मूल्य में की गई वृद्धि को वापस लेने की मांग की गई तो वही बेतहाशा बिजली कटौती को रोकने हस्तक्षेप करने की मांग भी की।

भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्ण कांत पवार ने कहा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने वादाखिलाफी एवं विश्वासघात की सभी हदों को पार कर दिया है। सत्ता में आने के बाद में ही चल रहे अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश की जनता बुरी तरह परेशान है। फिर कांग्रेस ने घोषणा पत्र में किये अपने घोषणा से एक बार और पलटते हुए बिजली बिल में भी बेतहाशा वृद्धि भी कर दी है। कोरोना के इस संकट में कांग्रेस सरकार द्वारा की गयी इस वृद्धि से प्रदेश की जनता एक बार फिर से ठगा हुआ महसूस कर रही है। प्रदेश के एक बड़े हिस्से में सूखे जैसा संकट भी है, ऐसे में इस मूल्यवृद्धि और कटौती से किसान सबसे अधिक परेशान है।

सभी के लिए बिजली बिल हाफ करने की घोषणा के साथ सत्ता में आने वाली कांग्रेस पहले तो अपने इस बाद से ही पलट गयी। उसने केवल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मात्र 200 यूनिट्स पर बिजली बिल आधा किया और अब उस नाम मात्र की छूट को भी उसने इस मूख्य वृद्धि के द्वारा उसने लगभग वापस ले लिया है। भाजपा शासन के समय सरप्लस बिजली वाला प्रदेश छत्तीसगढ़ आज घोषित बिजली कटौती के कारण अंधेरे में रहने को विवश है। किसानों की खेती के लिए तो उदयोग-धंधों को भी अपनी जरूरत के लिए अब यहां बिजली मिलना मुहाल है। अनाप-शनाप दिल से भी जनता परेशान है।

बिजली विभाग को ऐसा अक्षम और संवेदनहीन बना दिया गया है कि खेत में काम करते हुए किसान और उसके बैलों के ऊपर बिजली का तार गिर गया, जिससे किसान और बैलों की मौत हो गयी. फिर भी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा। न ही इन्होंने अपनी कार्यप्रणाली में कोई सुधार किया है। सरकार समर्थित माफियाओं के कारण रेल, सीमेंट आदि की कीमत भी आसमान छू ही रही है, ऐसे में इस एक और मूल्य वृद्धि ने प्रदेश की जनता को कहीं का नहीं छोड़ा है। भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष तोमन साहू ने कहा विपक्ष द्वारा बार-बार ध्यान दिलाये जाने के बावजूद सरकार हठधर्मिता पर उतारू है। ऐसे में राज्यपाल से यह निवेदन है कि राज्य की काग्रेस सरकार को मूल्य वृद्धि वापस लेने और बिजली व्यवस्था सुचारू रूप में बहाल करने कदम उठाने निर्देशित करें। प्रदेश हित में ऐसा किया जाना अत्यावश्यक है।

धरना प्रदर्शन व कंडिल रैली में प्रमुख रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार, पूर्व विधायक प्रीतम साहू, वीरेंद्र साहू,राजेंद्र राय महामंत्री किशोरी साहू, प्रमोद जैन प्रदेश किसान मोर्चा मंत्री पवन साहू, पूर्व जिलाध्यक्ष लेखराम साहू, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुशीला साहू,नरेश यदु जिला पंचायत सदस्य कीर्तिका साहू, संध्या भारद्वाज, यज्ञदत्त शर्मा,जिला मंत्री शरद ठाकुर, जिला मंत्री एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नरेश साहू अनिता कुमेटी,युवा मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी राजीव शर्मा, शशिकांत निषाद प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दानवीर साहू, अमित चोपड़ा मंडल अध्यक्ष प्रेम साहू, सुरेश निर्मलकर, गोविंद वाधवानी, रूपेश सिन्हा, कौशल साहू, दुष्यंत सोनवानी, टिनेश्वर बघेल महिला मोर्चा अध्यक्ष दीपा साहू, युवा मोर्चा अध्यक्ष आदित्य पिपरे अजजा मोर्चा अध्यक्ष विक्रम ध्रुव, किसान मोर्चा अध्यक्ष तोमन साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर, होरीलाल रावटे, शिव धरमगुडे, याद राम साहू, देवेंद्र माहला, छगन देशमुख, सुरेंद्र देशमुख राजू अग्रवाल, दुर्गानंद साहू, रामसहाय साहू,अंजनी साहू, संगीता चंद्राकर, खिलेश्वरी साहू  खोमिन साहू, नीता साहू, , संध्या साहू, सत्या गावरे मोहिनी देवांगन,उर्मिला साहू, संदीप सिन्हा,संजय साहू पार्थ साहू, टुमन साहू मनीष साहू अजेंद्र साहू सहित अन्य मौजूद रहे.

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