डौंडीलोहारा । शिवसेना जिला सचिव हर्षवीर कसार ने मुख्य मार्ग पर अंग्रेजी शराब दुकान संचालन के निर्णय को तत्काल प्रभाव से रद्द करने मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन अनुविभागीय दंडाधिकारी डौंडीलोहारा के द्वारा सौप कर बताया कि नगर के मुख्य मार्ग स्टेट हाईवे क्रमांक 5 पर अंग्रेजी शराब दुकान संचालन के फैसले से आम जनता खास कर महिलाओं में रोष व्याप्त है। नगर व आसपास के ग्रामीणों द्वारा शराब दुकान को हटाने के लिए पूर्व में हजारों की संख्या में सड़क पर उतर कर विभिन्न आंदोलनों के द्वारा बड़ी मशक्कत से नगर के बाहर किया गया था। आम जनता की शराब दुकानों को स्थाई तौर पर बंद करने की मांग छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य मुख्यमंत्री से करते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाकर समस्त दस्तावेजों सहित ज्ञापन सौंपा गया, किंतु उनकी दोगली और धोखेबाजी की नीति के चलते शराब दुकानों को नगर से बाहर शिफ्ट कर जनता को छला गया। वर्तमान में कांग्रेसनित भूपेश सरकार ने चुनाव पूर्व किए गए वादे पूर्ण शराब बंदी पर आम जनता को धोखा देने व छलने का ही काम कर रही है, तभी तो प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी दूर की रेवड़ी नजर आ रही है। साथ ही साथ मुख्य राजमार्ग पर अंग्रेजी शराब दुकान के संचालन का फैसला कर जन भावनाओं का मान मर्दन करते हुए दमनात्मक रवैया अपना रही है।
मुख्य मार्ग में शराब दुकान के संचालन से विभिन्न समस्याओं का सामना आम जनता को करना पड़ेगा। अपराध व दुर्घटनाएं बढ़ेगी। महिलाओं व छात्राओं को भी वहां से गुजरने पर मुश्किलें होंगी। उक्त सभी बातों का ज्ञान होने के बाद भी आम जनता के लिए मुश्किलें पैदा करना राज्य सरकार व शासन प्रशासन के नजरिए से कहां तक उचित है? शिवसेना जिला सचिव हर्षवीर कसार ने विज्ञप्ति के माध्यम से नियम कायदे को ताक पर रखते हुए किसी भी प्रकार की शराब दुकानों का मुख्य मार्ग में संचालन का विरोध करते हुए राज्य सरकार की निर्णय की आलोचना की है। साथ ही कहा है कि भूपेश सरकार राज्य में हो रहे महिला अत्याचार और दुष्कर्म पर गंभीर नही है, तभी तो इस तरह के लापरवाह पूर्ण निर्णय लेकर अंकुश लगाने के बजाए हवा देने के कार्य कर रही है। शराब दुकान के मुख्य मार्ग पर संचालन से यदि महिला अत्याचार और अन्य घटनाओं में वृद्धि होती है तो उसके लिए राज्य सरकार व शासन प्रशासन पूर्णतः जिम्मेदार होंगे। अभी भी कुछ नही बिगड़ा है, तत्काल प्रभाव से मुख्य मार्ग पर शराब दुकान संचालन के निर्णय निरस्त कर महिलाओं व आमजनता की भावनाओं का सम्मान करें।