मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेश किया बजट, पढ़िये क्या-क्या है प्रमुख फैसले और प्रावधान? बिन्दुवार पढ़िए बजट की बड़ी बातें….

ये हैं बजट के मुख्य प्रावधान

1.    बस्तर संभाग के सभी जिलों में बस्तर टाइगर्स नाम से विशेष पुलिस बल का गठन
2.    छत्तीसगढ़ी कला, शिल्प, वनोपज, कृषि एवं अन्य सभी प्रकार के उत्पादों तथा व्यंजनों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के लिए ’’सी-मार्ट’’ स्टोर की स्थापना
3.    शहरों में पौनी पसारी योजना के समान ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना
4.    मत्स्य पालन को कृषि के समान दर्जा दिया जायेगा
5.    परंपरागत ग्रामीण व्यवसायिक कौशल को पुनर्जीवित करने 4 नये विकास बोर्डो का गठन – तेलघानी, चर्म शिल्पकार, लौह शिल्पकार एवं रजककार विकास बोर्ड
6.    ग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों के लिए नवीन न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी।
7.    तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के लिए ’’शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’’
8.    पत्रकारों को दुर्घटना जन्य आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को 5 लाख की सहायता
9.    द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर कौशल्या मातृत्व योजना अंतर्गत महिलाओं को 5,000 की एकमुश्त सहायता
10.    किसानों को खेतो तक आवागमन सुविधा हेतु मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना
11.    नवा रायपुर में भारत भवन, भोपाल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र की स्थापना
12.    श्री राम वनगमन पर्यटन परिसर के लिए 30 करोड़ का प्रावधान
13.    स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के अंतर्गत 119 नये अंग्रेजी स्कूल
14.    नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के बोर्डिंग स्कूल की स्थापना
15.    पढ़ना लिखना अभियान योजना के लिए 5 करोड. 85 लाख का प्रावधान
16.    7 नवीन महाविद्यालय तथा 3 कन्या महाविद्यालय की स्थापना
17.    14 महाविद्यालयों में स्नातक तथा 15 महाविद्यालयों में पीजी पाठ्यक्रम प्रारंभ
18.    9 बालक एवं 9 नवीन कन्या छात्रावास की स्थापना
19.    6 नवीन महाविद्यालय भवन निर्माण
20.    2 नवीन आईटीआई की स्थापना
21.    12 नये रेल्वे ओवर ब्रीज, 151 नवीन पुल, 585 सड़कों के निर्माण के लिए कुल 504 करोड़ का नवीन मद प्रावधान
22.    नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में 104 सड़क एवं 116 पुल निर्माण के लिए 12 करोड़ का प्रावधान
23.    नवीन सिंचाई योजनाओं हेतु नवीन मद में 300 करोड़ का प्रावधान
24.    नगरीय क्षेत्रों में नई जल प्रदाय योजनाओं के लिए 45 करोड़ का प्रावधान
25.    पंडरी रायपुर में 350 करोड़ की लागत से जेम्स एवं ज्वेलरी पार्क की स्थापना
26.    नदियों के किनारे खेतों को सिंचाई की सुविधा के लिए विद्युत लाईन के विस्तार के लिए प्रावधान
27.    ग्राम गोढ़ी, जिला बेमेतरा में बायो इथेनाल प्रदर्शनी स्थल संयंत्र की स्थापना
28.    11 नई तहसीले एवं 5 नये अनुविभागों की स्थापना
29.    कन्या छात्रावास एवं आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नवीन पदों का सृजन
30.    चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग का शासकीयकरण
31.    राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु 5,703 करोड़ का प्रावधान
32.    कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत 2,500 करोड़ का प्रावधान
33.    कृषि पंपों के ऊर्जीकरण हेतु 150 करोड़, सौर सुजला अंतर्गत 530 करोड़ का प्रावधान
34.    किसानों को बिना ब्याज का 5,900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य
35.    गोधन न्याय योजना हेतु 175 करोड़ का प्रावधान
36.    असंगठित श्रमिकों के लिए राज्य स्तरीय हेल्पडेस्क सेंटर की स्थापना
37.    छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम को 5,225 करोड़ लागत की 3,900 कि.मी. लंबी सड़कों एवं पुलों के निर्माण हेतु 150 करोड़ का प्रावधान
38.    मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान
39.    एडीबी फेस-3 परियोजना में 825 कि.मी. लंबाई की 24 सड़कों के लिए 940 करोड़ का प्रावधान
40.    सिंचाई की 4 वृहद परियोजनाओं अरपा भैसाझार, केलो, राजीव समोदा व्यपवर्तन एवं सोंढूर हेतु 152 करोड़ का प्रावधान
41.    पटवारियों के मासिक स्टेशनरी भत्ता में 250 रूपये की वृद्धि
42.    स्वच्छता दीदियों के मानदेय को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 किया जायेगा
43.    नवीन चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर, कोरबा एवं महासमुंद के भवन निर्माण हेतु 300 करोड़ का प्रावधान
44.    सन्ना, जशपुर, शिवरीनारायण-जांजगीर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं रिसाली-भिलाई में 30 बिस्तर अस्पताल की स्थापना
45.    मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनीक योजना हेतु 13 करोड़ का प्रावधान

बजट पेश करने के दौरान भाषण के कुछ अंश पढ़िये किस क्षेत्र के लिए प्रमुख क्या निर्णय लिए हैं सरकार ने

किसानों के लिए


1.    राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गये रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर हमनें कास्त लागत को कम करने का प्रयास किया है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश एवं फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है। इस वर्ष वन अधिकार मान्यताधारी 32 हजार 23 कृषकों से भी 10 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
2.    बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले से चयनित कुल 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए 2021-22 के बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
3    कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा।
4.    कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये डेढ़ सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है।
5.    सौर सुजला योजना अंतर्गत हमारी सरकार के गठन के पश्चात अब तक 31 हजार 712 सोलर पंपों की स्थापना की जा चुकी है। वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
6.    किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्याज अनुदान के भुगतान हेतु  वर्ष 2021-22 में 275 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
7.    फसल बीमा योजना में 606 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 81 करोड़, कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं निःशुल्क वितरण हेतु 95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं शाकम्बरी योजना में 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।

8.    नगद आमदनी के कारण फल-फूल एवं सब्जियों की खेती के प्रति कृषकों की रूचि बढ़ रही है। इस वर्ष 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान, 4 हजार 500 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन तथा 13 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती हेतु अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। कुल उद्यानिकी फसलों के लिए 2021-22 में 495 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है।

पशुपालकों व मछली पालन के लिए

1.    गोठान योजना के लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

2.    स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन की योजना राज्य में काफी लोकप्रिय है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नील क्रांति योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत निजी तालाबों का निर्माण करवाया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 79 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
3.    मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी। वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।

परम्परागत ग्रामीण व्यवसायिक कौशलों के पुनरूद्धार एवं कर्मकारों को सहयोग प्रदान करने के लिए तेलघानी विकास बोर्ड, चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड, लौह शिल्पकार विकास बोर्ड एवं रजककार विकास बोर्ड की स्थापना की जायेगी।

श्रमिकों को सहायता के लिए
1.    असंगठित श्रमिक सुरक्षा एवं कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक से संबंधित आंकड़ों के ऑनलाईन संधारण तथा विभिन्न योजनाओं का त्वरित लाभ पहुंचाने की दृष्टि से विभिन्न एप्प निर्माण एवं राज्य स्तरीय हेल्प डेस्क सेन्टर की स्थापना हेतु नवीन मद में प्रावधान रखा गया है।  
2.    असंगठित श्रमिकों, ठेका मजदूरों, सफाई कामगारों एवं घरेलू कामकाजी महिलाओं के कल्याण की योजना में 61 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
3.    राज्य बीमा अस्पताल योजना में 56 करोड़ तथा कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सालयों हेतु 48 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
4.    राजीव किसान न्याय योजना का दायरा भूमिधारी कृषकों से आगे बढ़ाने के लिये ग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों को सहायता हेतु नवीन न्याय योजना प्रारंभ की जायेगी।

वन क्षेत्र में ये पहल

1.राज्य सरकार द्वारा विशेष पहल करते हुए पहली बार 2 हजार 175 सामुदायिक वन संधारण अधिकार ग्राम सभाओं को दिये गये हैं। सामुदायिक वन अधिकार पत्र के रूप में वितरित वन भूमि पर फलदार वृक्षों के रोपण को प्रोत्साहित किया जायेगा।

2    राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में कोदो, कुटकी एवं रागी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अन्य लघु वनोपज की भांति उपार्जित किया जाएगा।
3.    12 लाख 50 हजार तेंदू पत्ता संग्राहक परिवारों को आकस्मिक मृत्यु अथवा दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करने के लिए ”शहीद महेंद्र कर्मा तेंदू पत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’’ प्रारंभ की गई है। वर्ष 2021-22 के बजट में इस हेतु 13 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
4.    विशेष केन्द्रीय सहायता पोषित स्थानीय विकास कार्यक्रमों हेतु 359 करोड़ तथा आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास हेतु 170 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

पत्रकारों को सहायता
1.    पत्रकारों की दुर्घटनाजन्य आकस्मिक मृत्यु के प्रकरणांे में दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जायेगा।

बच्चों व बेटियों के लिए
1.महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर राज्य द्वारा 5 हजार रूपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जायेगी। इसके लिये नवीन कौशल्या मातृत्व योजना प्रारंभ की जायेगी।
2.    बच्चों की देखरेख सुरक्षा एवं संरक्षण संबंधी कार्याें के लिये एकीकृत बाल संरक्षण योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 47 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
3.    विशेष पोषण आहार योजना में 732 करोड़, आंगनबाड़ियों का सुधार एवं निर्माण योजना में 39 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
बुजुर्गाें एवं दिव्यांगजनों को सहायता
1.    निराश्रितों एवं बुजुर्गों को मासिक पेंशन हेतु सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 343 करोड़, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 190 करोड़ एवं मुख्यमंत्री पेंशन योजना में 170 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
2.    इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 70 करोड़ एवं सुखद सहारा पेंशन योजना में 98 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।
3.    इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना में 12 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
4.    दिव्यांगजनों हेतु माना स्थित विभिन्न संस्थाओं के जर्जर भवनों के स्थान पर सर्वसुविधा युक्त एकीकृत नवीन भवन के निर्माण हेतु नवीन मद में 2 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
5.    वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु हेल्प लाइन की स्थापना एवं उनके भरण-पोषण हेतु नवीन मद में 75 लाख का प्रावधान रखा गया है।
6.    सभी पांच संभागीय मुख्यालयों पर आदर्श पुनर्वास केन्द्र की स्थापना हेतु नवीन मद में 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है।
7.    मानसिक रोग से उपचारित व्यक्तियों के पुनर्वास एवं प्रशिक्षण के लिए रायपुर एवं दुर्ग में ‘हॉफ वे होम’ की स्थापना हेतु 3 करोड़ 13 लाख का प्रावधान किया गया है।
8.    तृतीय लिंग के व्यक्तियों के पुनर्वास हेतु आश्रम सह पुनर्वास केन्द्र स्थापित किया जायेगा। इसके लिये बजट में 76 लाख का प्रावधान रखा गया है। यह देश में अपनी तरह का पहला केन्द्र होगा।

शहरों का आधुनिकीकरण के लिए ये होगा

1.    शहरी गरीबों को काबिज भूमि का पट्टा देने का निर्णय लिया गया है, इस निर्णय से उनके मकान निर्माण का मार्ग सुगम हुआ है।

2.अमृत योजना मंे शामिल 9 शहरों में दिसंबर 2018 तक स्वच्छ पेयजल हेतु 23 हजार 876 नल कनेक्शन दिये गये थे। यह संख्या अब बढ़कर डेढ़ लाख हो चुकी है। अमृत मिशन योजना के लिए इस वर्ष 220 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
3.    नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्यों के लिए 482 करोड़, तथा जल आवर्धन योजनाओं के लिए 120 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

4.    विभिन्न शासकीय सेवाओं की घर पहुंच सेवा के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना में 10 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

5.शहरी निर्धन परिवारों को बेहतर आवास उपलब्ध कराने हेतु ”मोर जमीन-मोर मकान“ तथा ”मोर मकान-मोर चिन्हारी“ योजनाओं में किये गये कार्याें को भारत सरकार द्वारा जनवरी 2021 में पुरस्कृत किया गया है। सबके लिए आवास योजना के तहत 2021-22 में 457 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

किसानों को खेतों तक आवागमन की सुविधा देने के लिये कच्चे धरसा को पक्के मार्ग में बदलने के लिये मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिये बजट में 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के ये कदम होंगे

1.    सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की योजना शुरू की गई है। प्रदेश में 52 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का संचालन प्रारंभ हो चुका है। 119 नये अंग्रेजी माध्यम स्कूल 2021-22 के बजट में प्रस्तावित किये गये हैं।
2.    नवा रायपुर में स्व-वित्तीय मॉडल पर सर्व सुविधायुक्त राष्ट्रीय स्तर के बोर्डिग स्कूल की स्थापना की जायेगी। इस स्कूल में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जायेगी।  
3.    कांकेर जिले में बी.एड. कॉलेज की स्थापना हेतु नवीन मद में 01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
4.    पढ़ना-लिखना अभियान योजना के लिए नवीन मद में 5 करोड़ 85 लाख का प्रावधान रखा गया है।
 
5.    ग्राम नागपुर जिला कोरिया, ग्राम सन्ना जिला जशपुर, ग्राम बांकीमांेगरा जिला कोरबा, ग्राम नवागांव नवा रायपुर, रिसाली जिला दुर्ग, सारागांव जिला जांजगीर चाम्पा, पेण्ड्रावन जिला दुर्ग में नवीन महाविद्यालय तथा सूरजपुर, बलरामपुर एवं गोबरा नवापारा जिला रायपुर में नवीन कन्या महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी।
6.    15 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के तथा 15 महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर के नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे।
7.    नारायणपुर, कोण्डागांव, महासमुंद, कोरबा, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर में एक-एक बालक एवं कन्या छात्रावास की स्थापना के लिए नवीन मद में 2 करोड़ 80 लाख का प्रावधान रखा गया है।
8.    बलरामपुर में पिछड़ा वर्ग के लिये एक-एक नवीन प्री-मैट्रिक बालक एवं कन्या छात्रावास तथा पाटन जिला दुर्ग में एक प्री-मैट्रिक अनुसूजित जाति बालक छात्रावास स्थापित किया जायेगा।
9.    अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों के संचालन हेतु 371 करोड़ एवं विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना अंतर्गत निर्माण कार्यों के लिए 281 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।  
10.    निकुम जिला दुर्ग, भाठागांव जिला रायपुर, वटगन जिला बलौदाबाजार, आमदी जिला धमतरी, चिरको जिला महासमुंद तथा नरहरपुर जिला कांकेर स्थित शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन निर्माण किया जायेगा।
11.    ग्राम टेकारी, विकासखंड आरंग तथा ग्राम नेवरा विकासखंड तखतपुर में नवीन आई.टी.आई. की स्थापना की जायेगी।
12.    छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेन्टर परिसर में इनोवेशन हब की स्थापना हेतु  1 करोड़ 80 लाख तथा 40 पॉलीटेक्निक संस्थाओं में फर्नीचर मशीन तथा उपकरण के लिए 20 करोड़ 55 लाख का प्रावधान रखा गया है।

ऊर्जा
1.    विद्युतीकृत ग्रामों के शेष रह गये पारा-टोलों तक विद्युत लाइन पहंुचाने के लिये मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना में 45 करोड़ का प्रावधान है।
2.    नदियों के तट पर स्थित खेतों को सिंचाई की सुविधा देने के लिये नदियों के किनारे-किनारे विद्युत लाइन के विस्तार का कार्य किया जायेगा।

कृषि संबंधी अधोसंरचना
1.    बायो एथेनॉल उत्पादन के अनुसंधान कार्य हेतु ग्राम गोढ़ी जिला बेमेतरा में  प्रदर्शनी संयंत्र की स्थापना की जायेगी। संयंत्र में जैव ईंधन के उत्पादन के लिये अतिशेष धान अथवा मक्का इत्यादि कच्ची सामग्री का उपयोग किया जायेगा।
2.    नवीन ऊर्जा शिक्षा उद्यान ग्राम पाटन जिला दुर्ग मंें स्थापित किया जायेगा। ऊर्जा शिक्षा उद्यान के माध्यम से कृषि कार्य एवं दैनिक जन-जीवन के विविध कार्याें में वैकल्पिक ऊर्जा का उपयोग करने के लिये ग्रामीण जनों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
3.    किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति का पुनर्गठन करके 725 नयी समितियों का गठन किया गया है। इस प्रकार प्रदेश में समितियों की संख्या 1 हजार 333 से बढ़कर 2 हजार 48 हो गयी है।
4.    समितियों में धान उपार्जन सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिये प्रत्येक समिति को 50 हजार रूपये की एकमुश्त सहायता दी जायेगी। इसके लिये 2021-22 के बजट में 3 करोड़ 63 लाख का प्रावधान रखा गया है।
5.    उपार्जित धान की सुरक्षा के लिए सहकारी समितियों में महात्मा गांधी नरेगा योजना से 7 हजार 556 चबूतरा का निर्माण किया गया है।

राजस्व प्रशासन

1.    इस वर्ष के बजट में 11 नवीन तहसील एवं 5 नये अनुविभागों का गठन किया जायेगा। नयी तहसीलों का गठन1.सारागांव, 2.नांदघाट, 3.सुहेला, 4.सीपत, 5.बिहारपुर, 6.चांदो, 7.रघुनाथपुर, 8.सरिया, 9.छाल, 10.अजगरबहार, 11.बरपाली तथा अनुविभाग कार्यालयों का गठन 1.लोहांडीगुड़ा, 2.भैयाथान, 3.पाली, 4.मरवाही एवं 5.तोंकापाल में किया जायेगा।
2.    पटवारियों को खसरा पांचसाला तथा बी-1 की कम्प्यूटराइज्ड प्रतिलिपियां प्रदान की जायेगी। इससे मौके पर अभिलेखों का मिलान एवं गिरदावरी कार्य में सुविधा होगी। इस हेतु नवीन मद में 3 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
3.    पटवारियों को देय मासिक स्टेशनरी भत्ता में 250 रूपये की वृद्धि की जायेगी। इसके लिये बजट में 3 करोड़ 48 लाख का प्रावधान रखा गया है।
4.    सभी तहसीलों में राजस्व निरीक्षक मण्डल स्तर पर नवीन वर्षामापी केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। इसके लिये बजट में 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है।
5.    स्वामित्व योजना अंतर्गत ग्रामीण आबादी क्षेत्र का ड्रोन आधारित सर्वे किया जाकर धारित भूमि का नक्शा तथा अधिकार अभिलेख रहवासियों को वितरित किया जायेगा।

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