वेलेंटाइन डे नही यहां बच्चों ने हिन्द सेना के साथ मिलकर मनाया शहादत दिवस,पुलवामा हमले के शहीदों को हिन्द सेना ने दी श्रद्धांजलि ,लोगों से भी की अपील वेलेंटाइन डे नहीं, मनाए शहादत दिवस
बालोद। बालोद जिले की हिंद सेना द्वारा 14 फरवरी को शहादत दिवस के रूप में मनाया गया। हिंद सेना ने कहा कि 14 फरवरी का यह दिन प्रेम का नहीं अपितु शहादत को याद करने का दिन होता है। हम सब के दिलों में देशभक्ति का जज्बा जगाना चाहते हैं। इस दौरान हिंद सेना द्वारा शहर के जयस्तंभ चौक में मोमबत्ती जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।
हिंद सेना द्वारा छोटे-छोटे बच्चों को पुलवामा हमले से परिचित कराया गया और बताया गया कि किस तरह 14 फरवरी का यह दिन हमारे देश में काला दिवस के रूप में अब जाना जाने लगा है। इस दौरान बच्चों द्वारा उस घटना को याद करते हुए ऐसी घटना ना हो इस बात की कामना की गई। साथ ही शहादत को भी याद किया गया।
हिंद सेना के कार्यकारी अध्यक्ष तरुण नाथ योगी ने बताया कि हमारे संगठन द्वारा शहादत दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही हम चाहते हैं कि प्रत्येक लोगों के दिलों में देशभक्ति का जज्बा बरकरार रहे। केवल 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस नहीं अपितु हर दिन लोग उन शहीदों को याद करें। जिसने हमारी प्राणों की रक्षा में अपने जान गवाए हैं।
नाटक से बताया बच्चों ने कैसे हुई थी घटना
घटना को किस तरह अंजाम दिया गया और कैसे हमारे देश के जांबाज वीरों को निशाना बनाया गया, इस बात को नाटक के माध्यम से भी बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्हें उनकी शिक्षक नीलिमा श्याम द्वारा घटना की पूरी जानकारी दी गई थी। जिसे नाटक के माध्यम से बच्चों ने पुनरावृति किया। बच्चों ने आम जनता से अपील किया कि हमें शहादत को कभी भूलना नहीं चाहिए। हम अपने घरों पर सुरक्षित हैं क्योंकि हमारे देश के वीर जवान देश की सरहदों पर सर्दी हो गरमी बिना अपने जान के परवाह किए तैनात रहते हैं।
इस दौरान प्रमुख रूप से प्रदेश हिन्द सेना कार्यकारी अध्यक्ष तरुण नाथ योगी, प्रदेश मंत्री अमजद चौहान, प्रदेश महामंत्री मजदूर यूनियन प्रमोद सारडा प्रदेश मीडिया प्रभारी अनीश राजपूत, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष इम्तियाज अहमद, जिला युवा ब्रिगेड महामंत्री करण सोनी पूर्व संगठन प्रदेश मंत्री निज़ाम शरीफ, कार्यकर्ता फुरकान खान,गुण्डरदेही शहर अध्यक्ष हिमांशु गुप्ता राजहरा महिला युवा ब्रिगेड शहर अध्यक्ष पार्वती ठाकुर पूर्व सैनिक एवं वर्तमान सैनिक भी अपने परिवार के साथ मौजूद रहे।