November 22, 2024

महंगी कार के शौक में बना लुटेरा, तीस मार खां के इस गिरफ्तारी के बाद जांच में हुए कई बड़े खुलासे, देखें कैसे 28 सिम कार्ड चलाता था यह शख्स, नौकरी के नाम पर गरीबों से पैसा लूटने वाले की पढ़िए अनसुनी कहानी

बालोद। डौंडीलोहारा थाने में दर्ज धारा 420 के मामले में दल्ली के सतीश उपाध्याय को गिरफ्तार करके कल देर शाम को पुलिस ने रिमांड पर जेल भेज दिया है। जिस तरह से वह लोगों को लूट कर गया हुआ था इसलिए उसे हम फिल्मी तर्ज पर बालोद जिले का तीसमारखां का नाम दिए हैं।जिसकी कहानी अक्षय कुमार के उक्त फिल्म से कम नहीं है। जिसे लगता था कि वह कभी पुलिस की पकड़ में नहीं आएगा लेकिन आखिरकार पकड़ा गया।


पुलिस पूछताछ व हमारी पड़ताल में इस मामले में कई अनसुनी कहानी सामने आई है। जो चौंकाने वाली है।जानकारी के मुताबिक आरोपी सतीश ने कार के शौक को पूरा करने के लिए गरीबों को नौकरी के नाम पर लूटना शुरू कर दिया। 1 से 2 साल के भीतर वह 6 कार खरीद चुका था। 12 से 15 लाख में कार खरीदता था। फिर उसे बेचकर उसी में और पैसा मिला कर फिर दूसरा कार लेता था। 5 से 6 कार खरीदी बिक्री कर चुका था। अभी पुलिस ने जो 7 लाख नकद बरामद किया है वह भी 12 लाख 50000 में खरीदे हुए ह्युंडाई कार के बेचकर हासिल की गई रकम रकम थी।

ग्रामीणों के बयानों से उजागर हुआ आरोपी 28 सिम कार्ड चलाता था

ठगी के शिकार ग्रामीणों के पास इस आरोपी के अलग-अलग नंबर थे। जब सभी पीड़ितों को एक-एक करके बयान के लिए बुलाया गया तो उनके पास आरोपी का अलग-अलग 28 नंबर सामने आया। जो बताते थे कि हमें इस नंबर पर बात करता था। आरोपी खुद बेरोजगार था पर कार के शौक को पूरा करने के लिए वह राज्यपाल, एसपी ,कलेक्टर का नाम लेकर लोगों को उल्लू बनाता था और बकायदा 50000 से ₹100000 तक ऐंठ लेता था।फिर जल्द नियुक्ति पत्र आने की बात कहकर घुमाते रहता था। कभी कहता था वेटिंग लिस्ट में नाम आ गए हैं, जल्दी नियुक्ति पत्र दे देंगे। अगस्त 2020 तक सभी को नौकरी का पक्का वादा किया गया था जब किसी को नौकरी नहीं मिली तो लोगों को संदेह होने लगा। उन्हें 28 नंबर पर अलग-अलग लोग फोन करने लगे। फिर उसने फोन उठाना बंद कर दिया। धीरे-धीरे नंबर बंद होने लगे। पुलिस के मुताबिक उक्त सिम कार्ड भी फर्जी थे। अलग-अलग लोगों के नाम से सिम ले रखा था क्योंकि नौकरी लगाने के नाम से लोगों के डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी तो रखता ही था उसी केजरिए आसानी से सिम लेता था। कार उसकी पत्नी पूर्णिमा के नाम में था। पैसा देने से बचने के लिए वह मोबाइल बंद किया फिर दल्ली राजरा का बीएसपी क्वार्टर को छोड़कर ताला लगा कर भाग गया और कभी लॉज तो कभी होटल में तो कभी किराए के मकान में परिवार सहित छिपा रहा। पर पुलिस उस तक जैसे तैसे पहुंच गई और वह अब सलाखों के पीछे हैं।

पुजारी के जरिए बिछाया जाल

बता दें कि इस केस में मुख्य शिकायतकर्ता विश्राम सिंह निवासी कोटेरा है जो झाड़-फूंक और पुजारी का काम भी करता है। जिसके यहां लगभग 15 से 20 साल से आरोपी व उनके परिवार वालों का आना-जाना था। उसी के जरिए पूजा पाठ करवाते थे। पर पुजारी के जरिए ही आरोपी ने लोगों को लूटने का जाल बिछा लिया। शुरुआत पुजारी से ही की और अलग-अलग विभाग में उनके बच्चों को नौकरी दिलाने के नाम से पैसा लेना शुरू किया। इस पुजारी के पास कई गांव के लोग आते जाते थे। धीरे-धीरे पुजारी इनकी बातों पर विश्वास करके दूसरों को भी नौकरी लगवाने की जानकारी देता रहा। लोग सरकारी नौकरी पाने के लालच में आकर व आरोपी की बातों में आकर इसे पैसा देने लगे। अधिकतर लोगों ने पुजारी के घर में ही आकर पैसा दिया था।
इनकी बनी टीम, मिली सफलता


मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डी.आर पोर्ते के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक अब्दुल अलीम खान के पर्वेक्षण में थाना डौण्डीलोहारा एवं सायबर सेल की विशेष टीम गठित कर थाना प्रभारी डौण्डीलोहारा मनीष शर्मा, निरीक्षक रोहित मालेकर के नेतृत्व में टीम गठन किया गया। उक्त टीम द्वारा आरोपी के पतासाजी हेतु दल्लीराजहरा आरोपी के घर जाने पर आरोपी द्वारा अपने मोबाईल को बंद कर फरार हो गया था। आरोपी के पता तलाश हेतु मुखबिर लगाया गया तथा सायबर सेल से तकनीकी रूप से पतातलाश किया जाने लगा।
मुखबीर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि आरोपी ठगी करने के पश्चात से अन्य जिलों के होटल ,लाॅज मे छिप कर रह रहा है। जिसे पतासाजी हेतू टीम रवाना किया गया। टीम द्वारा लगातार प्रयास एवं मेहनत कर प्रकरण के आरोपी सतीश उपाध्याय को जिला दुर्ग से गिरफ्तार किया गया आरोपी के कब्जे से नगदी 7,80,000 रूपये जप्त किया गया है।
उक्त धोखाधडी के आरोपी की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी डौण्डीलोहारा मनीष शर्मा, निरीक्षक रोहित मालेकर थाना प्रभारी गुण्डरदेही ,सउनि अजित महोबिया ,सायबर सेल के प्रधान आरक्षक रूमलाल चुरेन्द्र, आरक्षक विपिन कुमार गुप्ता , आरक्षक पूरन देवंगन, आरक्षक मिथलेश यादव की सराहनीय भूमिका रही है। गिरफ्तार आरोपी का नाम- सतीष उपाध्याय पिता- स्व.ओंकार नाथ उपाध्याय, उम्र-45 वर्ष,
वर्तमान पता- क्वा.न.166 ए -1 एम.ए टाईप स्ट्रीट न.18 टाउनशिप दल्लीराजहरा जिला-बालोद (छ.ग.)
मूल निवासी- ग्राम-गाजीपुर, थाना-गाजीपुर जिला-गाजीपुर (उत्तरप्रदेश) है।

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