कब मिलेगी वर्दी, करो ना भर्ती जल्दी,,,पुलिस भर्ती में देरी पर आक्रोशित हुए युवा, रायपुर में धरना देकर निकले सीएम निवास का घेराव करने, आधे रास्ते में ही पुलिस ने रोका, हुआ हंगामा

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बालोद/ रायपुर। पुलिस भर्ती में देरी को लेकर फिर छत्तीसगढ़ के युवाओं का आक्रोश फूट पड़ा। बालोद सहित कई जिलों से युवा शनिवार को धरना देने के लिए रायपुर बूढ़ा तालाब परिसर पहुंचे। जहां पर दोपहर तक धरना प्रदर्शन नारेबाजी के बाद सीएम निवास घेरने के लिए रैली निकाली गई। युवा नारेबाजी करते तख्ती लिए आगे बढ़ रहे थे लेकिन पुलिस वालों ने उन्हें सीएम निवास पहुंचने के पहले ही रोक दिया। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रही। जहां पर गहमागहमी के बीच युवाओं ने नारेबाजी भी की। वही एसडीएम रायपुर उन्हें समझाने के लिए पहुंचे और उनसे ज्ञापन लिया गया। युवाओं ने नाराजगी जाहिर की कि 2 साल हो गए फीस ले ली गई है लेकिन भर्ती नहीं हो रही है। आखिर यह कहां की भर्ती है। कब मिलेगी वर्दी, करो ना भर्ती जल्दी, इस नारे के साथ युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया और एसडीएम रायपुर को ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन के जरिए युवाओं ने 10 से 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है कि अगर इतने दिनों में भी भर्ती शुरू नहीं होती है तो इसके बाद फिर हम उग्र आंदोलन करेंगे। इस भर्ती में बालोद जिले से गोपेन्द्र कौशिक, गौरव शुक्ला, सुनील कुमार, प्रेमलाल,अभिषेक, सुनील साहू, राजू अग्निहोत्री, राधिका मंडावी, कोहली साहू, तरुण कुमार देवांगन सहित अन्य युवा शामिल हुए।

क्या है मामला


अगस्त 2018 में छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर एवं समकक्ष पदों की 655 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। 2 साल बाद भी प्रक्रिया अधूरी है। युवाओं ने कहा भर्ती को जिस प्रकार से अनदेखा किया जा रहा है उससे युवाओ में रोष उत्पन्न हो चुका है और इसीलिए हम मजबूरन 16 जनवरी को रायपुर में इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री निवास घेराव करने के लिए पहुंचे थे। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में 2011 के 7 साल बाद अगस्त 2018 में 655 पदों पर भर्ती को निकाले 2 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। भर्ती के संबंध में पुलिस विभाग द्वारा केवल ऑनलाइन आवेदन मंगाकर आवेदन शुल्क जमा करा लिया गया है और इसके बाद से इन 2 वर्षों में किसी भी प्रकार की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई गई है। आवेदन शुल्क ₹400 सामान्य और ओबीसी से तथा ₹200 एसटी,एससी से प्रति पोस्ट के हिसाब से राज्य पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए लिए गए हैं ।प्रति आवेदन कर्ता ने कम से कम तीन पोस्ट के लिए तो आवेदन किया ही है। 15 अक्टूबर 2018 तक आवेदन करने की प्रक्रिया चली थी।आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 27402 कुल आवेदन लिए किए गए हैं लगभग ₹15 करोड़ की राशि विभाग ने फीस के रूप में ले ली है। भर्ती अगस्त 2018 से आवेदन प्रक्रिया के बाद बिना कारण रुकी हुई है। ना तो विभाग ने इसे रद्द किया न भर्ती न्यायालय में गई और ना ही अब तक इसे शुरू किया गया है।

कहीं पार्टी वाली बात तो नही?


यह भर्ती 2018 विधानसभा चुनाव के वक्त पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने निकाली थी। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव हुए और जीतकर कांग्रेस सरकार आ गई। नई सरकार ने इस भर्ती को शुरू कराने में कभी कोई रुचि नहीं दिखाई। जिससे हम उम्मीदवारों को यह भी लगता है कि पूर्व सरकार से द्वेष के कारण वर्तमान सरकार इस भर्ती को शुरू नहीं कर रही है और उनके बीच हम युवा पीस रहे हैं। इससे हम युवाओं का क्या दोष?

कब-कब इस भर्ती के लिए क्या-क्या हुआ?


भर्ती के इंतजार में बैठे युवा इन 2 सालों में कई बार मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, राज्यपाल, मंत्रियों से लेकर अपने क्षेत्र के समस्त विधायकों को ज्ञापन देकर भर्ती शुरू कराने के लिए निवेदन कर चुके हैं। पर किसी भी प्रकार का कोई लाभ अब तक नहीं मिला। 14 अगस्त 2019 को जन चौपाल में मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन सौंपकर भर्ती शुरू करने का आग्रह किया गया था। पर केवल झूठा आश्वासन ही मिला। 9 सितंबर 2019 को राज्यपाल से ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया गया था इसका भी कोई परिणाम नहीं मिला। सितंबर 2019 में ही रायगढ़ जिले के अभ्यर्थी उच्च शिक्षा खेल युवा मंत्री उमेश पटेल, स्थानीय विधायक प्रकाश नायक को सीएम और डीजीपी के नाम का ज्ञापन सौंपकर भर्ती शुरू कराने का आग्रह किए। पर कोई परिणाम नहीं निकला।

29 सितंबर 2019 को रायगढ़ में सरकार का ध्यान मुद्दे पर केंद्रित करने के लिए युवाओं ने एक ध्यानाकर्षण दौड़ का भी आयोजन किया। रायपुर के युवा तीन से चार बार संसदीय सचिव विकास उपाध्याय से मिलकर सीएम और डीजीपी तक अपनी बात पहुंचाई। बिलासपुर में भी युवाओं ने बड़ी संख्या में एक ध्यानाकर्षण का आयोजन किया। 8 जून 2020 को छत्तीसगढ़ के 18 जिलों के अभ्यर्थियों ने अपने अपने जिले के कलेक्टर और एसपी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सरकार का इस ओर ध्यान दिलाया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई गई।भर्ती को शुरू कराने के संबंध में 23 जून 2019 को गृह मंत्री द्वारा एसआई भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाने हेतु नियुक्त अधिकारियों की 2 महीने बीत जाने के बाद भी कोई रिपोर्ट नहीं आई। लेटलतीफी से तंग आकर अभ्यर्थियों ने रायपुर सिविल लाइन थाने में उन दो अधिकारियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट 23 अगस्त 2020 को लिखा दी है। यह खबर चैनल में भी खूब दिखाया गया। इसके बाद भी सरकार एसआई भर्ती शुरू कराने संबंधी कोई पहल नहीं दिखा रही। 9 नवंबर 2020 को एसटीएससी छात्र संगठन द्वारा रायपुर बूढ़ा तालाब में शासन का ध्यान आकर्षण हेतु प्रदर्शन भी किया गया। सभी जिलों के अभ्यर्थियों द्वारा मुख्यमंत्री को भर्ती शुरू करने तथा न करने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी के साथ हजारों की संख्या में पत्र भी भेजा गया। एसआई भर्ती के अभ्यर्थी लगातार ट्विटर ट्रेंड चलाकर सरकार का ध्यान इस मुद्दे पर आकर्षित करना चाह रहे हैं और सरकार 2 साल से अनदेखा कर रही है।

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