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कोरोना का असर ऐसा भी- कोर्ट कचहरी के झंझट से बचने फाइनेंस कंपनी व वकील ने निकाला समझौते का रास्ता, इस शख्स को मिल गई बाइक वापस

बालोद। कोविड 19-कोरोना वायरस लोगों के जीवन की दिनचर्या ही बदल दिया है, अब लोग लड़ाई झगड़ा, वाद-विवाद, कोर्ट-कचहरी जाने के बजाय, सभी बड़े से बड़े कंपनी और आम लोग सुलाह-समझौता की ओर चलना शुरू कर दिए है ताकि, हम सबको मिलकर अच्छी जिंदगी जीना है.. !!
ऐसा ही एक मामला गांव खुटेरी गुंडरदेही के वेद राम निषाद के साथ हुआ, इन्होंने अपने परिवार की जरूरत के अनुसार होंडा एक्टिवा स्कूटी “अरोरा होंडा” बालोद से 78 हजार रु में नया खरीदा था, परंतु पूरी रकम नहीं होने पर ₹18000 डाउन पेमेंट कर शेष रकम के लिये बालोद के एक बड़े फाइनेंस कंपनी से फाइनेंस कराया था, समय में फाइनेंस कंपनी द्वारा निर्धारित क़िस्त की राशि नियमित रूप से भुगतान करते रहा, परंतु कोरोना महामारी की चपेट में आने के कारण से उनकी स्वयं की रोजी मजदूरी बंद हो जाने के कारण अंतिम ₹20000 की राशि फाइन कम्पनी को नहीं पटा पाया, जिसके कारण से फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी उक्त वाहन को जप्त कर के 11 अगस्त को ले गए और 4 सितंबर 2020 को (मात्र 24 दिन में ही) वेद राम को सूचना व जानकारी दिए बगैर उक्त वाहन को किसी अन्य व्यक्ति को विक्रय कर दिए।

इस बात अन्याय की जानकारी वेद राम को होने पर वह अपने अधिवक्ता भेष कुमार साहू से मिलकर विधिक नोटिस उक्त फाइनेंस कंपनी को प्रेषित किया था। कंपनी के मैनेजर ने नोटिस प्राप्त करते ही अधिवक्ता श्री साहू से संपर्क कर, विवाद को बढ़ाने के बजाय, उसके समाधान पर जोर देते हुए कहने लगा कि कंपनी की बाकी रकम जमा कर वह अपनी गाड़ी ले जा सकता है, हमें किसी प्रकार की वाद-विवाद नहीं चाहिए, कोर्ट-कचहरी जाने से समय की बर्बादी होती है, हम सब को एक साथ मिलकर अच्छा जीवन जीना है, उनके विचार अधिवक्ता और वेद राम को पसंद आया और उन्होंने कंपनी की बकाया रकम जमा कर अपनी गाड़ी को हंसते हंसते ले गया, ऊक्त सुलाह पर फाइनेंस कंपनी के अधिकारी, कर्मचारियों ने अधिवक्ता श्री साहू बधाइयां दी, उज्जवल भविष्य की कामना की।

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