क्राइम स्टोरी: पति ने यूट्यूब और गूगल से हत्या करने के तरीके जान की थी प्लानिंग, पत्नी का गला घोट बता रहा था सामान्य मौत, पुलिस जांच में सामने आया सच, अब मिला कोर्ट से आजीवन कारावास
बालोद। सरोज नंद दास, प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बालोद के द्वारा आरोपी कुलदीप मालेकर उम्र 25 वर्ष, निवासी वार्ड 5 टीकरापारा डौण्डी लोहारा, थाना-डौण्डीलोहारा, जिला-बालोद को धारा 302 के आरोप में आजीवन कारावास व 1000 रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। व्यतिक्रम पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया।अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी चित्रांगद देशमुख, अतिरिक्त लोक अभियोजक के द्वारा किया गया। जिसके अनुसार दिनांक 31/08/2019 को हिंसूराम थाना डौण्डीलोहारा में सूचना दिया कि उसका दामाद कुलदीप मालेकर उसे फोन से सूचना दिया है कि आपकी लड़की श्रीमती मालश्वरी मालेकर बातचीत नहीं कर रही है, हाथ-पैर नहीं हिला रही है। ईलाज के लिये शासकीय अस्पताल डौण्डीलोहारा ले गये हैं, तुम लोग जल्दी डौण्डीलोहारा आओ। तब वह अपनी पत्नी संतकुमारी के साथ डौण्डीलोहारा अपनी बेटी के घर गया तो देखा कि मालेश्वरी की मृत्यु हो गयी थी। उसे कमरा से बाहर निकालकर परछी में लेटाकार रखे थे। लड़की की मृत्यु कैसे हुई जानकारी नहीं होना बताया। उक्त सूचना पर मर्ग कायम कर मामले को मर्ग जांच में लिया गया। मृतिका के शव का शव पंचनामा गवाहों के समक्ष तैयार कर घटना स्थल का निरीक्षण कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मर्ग जांच के दौरान मृतिका के पिता हिंसूराम, माता संतकुमारी, भाई नुमेश का कथन लेकर उनके कथन के आधार पर यह पाया गया कि मृतिका के ससुराल वाले पति, सास-ससुर मृतिका को दहेज की मांग को लेकर क्रूरतापूर्ण व्यवहार कर प्रताड़ित कर परेशान करते थे और पैसा मांगकर लाने बोलते थे और उसकी हत्या कर दिये। तत्पश्चात् अभियुक्त गण के विरूद्ध अपराध हत्या के आरोप मामले की विवेचना में लिया गया। शेष आवश्यक विवेचना पश्चात् विवेचना अधिकारी नगर पुलिस अधीक्षक अब्दुल अलीम खान व निरीक्षक आर.पी. यादव के द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी डोण्डीलोहारा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां से मामला दिनांक 05.12.2020 को माननीय सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में उपार्पित किया गया। जहां विचारण के दौरान आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी कुलदीप मालेकर को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
क्या था पूरा मामला जानिए
30 अगस्त 2019 का नवविवाहिता मालेश्वरी मालेकर (25) की मौत हुई थी जिसे ससुराल वाले सामान्य मौत बढ़कर मामला दबा रहे थे लेकिन रितिका के पिता द्वारा आईजी स्तर तक शिकायत के बाद नए सिरे से जांच हुई और फिर स्पेशल टीम व लोहार पुलिस ने जांच कर मामले में हत्या का खुलासा किया था जिसमें पता चला कि मालेश्वरी की सामान्य मौत नहीं बल्कि उनके पति कुलदीप मालेकर ने स्कार्फ से गला घोंटकर हत्या की थी। उस समय आरोप लगे थे कि पति कुलदीप (25) सहित सास उषा बाई (44) व ससुर अमोल मालेकर (48) तीनों मालेश्वरी को दहेज के नाम पर प्रताड़ित करते थे। फॉरेंसिक जांच में मामला संदिग्ध होने के बाद बारीकी से जांच हुई तो हत्या का खुलासा हुआ था।
गूगल यूट्यूब देख किया था हत्या करने की प्लानिंग
पति ने पत्नी को मारने के लिए दृश्यम जैसी फिल्मों की तर्ज पर 10 दिन पहले ही गूगल और यूट्यूब से हत्या के तरीके सर्च करके प्लानिंग कर ली थी। फिर हत्या के बाद सुराग छिपाने, पुलिस से कैसे बचें, विसरा रिपोर्ट क्या होती है, फॉरेंसिक जांच कैसे होती है, पुलिस सवाल पूछे तो उनका जवाब कैसे देना है? इन सब के बारे में भी सर्च करके पूरी तैयारी कर ली थी, ताकि अगर कोई छानबीन हो तो वह बचा रहे। लेकिन उसकी चालाकी काम नहीं आई। पुलिस ने परिजन की शिकायत पर नए सिरे से जांच की तो सच सामने आ गया था।पति कुलदीप ने 30-31 अगस्त की दरम्यानी रात को सुबह 3 बजे के आसपास हत्या की थी। फिर दिखावे के लिए उसने घरवालों को उठाकर पत्नी की तबीयत खराब होने का बहाना करके 108 से अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। रात में भी डॉक्टर यह नहीं बता सके कि इसकी किसी ने गला घोटकर हत्या की है। सामान्य मौत बता कर शव को वापस कर दिया गया। सुबह जब मायके पक्ष वालों को खबर मिली तो पिता हिंसू राम गोंधरे निवासी कमरौद ने संदेह जताते पीएम करवाया। उस समय भी डॉक्टरों ने हत्या को लेकर पीएम रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं किया था। सिर्फ इतना लिखा था कि श्वसन नली अवरोध हुआ है। पुलिस इसे हत्या नहीं सामान्य मौत मानकर ही मर्ग दर्ज करके बैठी थी। 6 महीने से पिता द्वारा हत्या का संदेह जताते हुए एसपी, आईजी तक मांग की गई थी।
दूसरे से शादी करता तो ज्यादा दहेज आता
पति कुलदीप पत्नी को शादी के बाद कम दहेज लाए हो कहकर प्रताड़ित करता था। सास-ससुर भी उसे ताने मारते थे। पति यह पर भी कहता था कि अगर मैं दूसरे से शादी करता तो ज्यादा दहेज आता। मेरी एक प्रेमिका भी है।
तीन दिन में सुलझाया था 6 माह पुराना मामला
फॉरेंसिंग टीम के साथ स्पेशल टीम ने नए सिरे से जांच की तो हत्या के साक्ष्य मिले थे। तत्कालीन एसपी एमएल कोटवानी ने एसडीओपी अमर सिदार, स्पेशल टीम के प्रभारी कुमार गौरव साहू, संदीप यादव व टीआई आरपी यादव को फिर से जांच का जिम्मा दिया था। 3 दिन में टीम ने 6 महीने पुराना केस सुलझाया था।