November 22, 2024

खैरीडिही में हत्या – पढ़िये आखिर बेटे ने बाप की क्यों की हत्या? क्या है पर्दे के पीछे की कहानी, उस रात क्या हुआ था? गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने पुलिस पूछताछ में और क्या बताया?

बालोद/ डौंडी लोहारा। लोहारा थाना क्षेत्र के ग्राम खैरीडीही में एक पिता गेंदलाल देवांगन की उनके बेटे अजय देवांगन ने हत्या कर दी थी। घरेलू विवाद के चलते  बेटे ने अपने ही पिता को सब्बल से सिर पर वार कर के मौत के घाट उतार दिया था। आरोपी बेटे अजय देवांगन की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में और भी कई बातें सामने आई जिन्हें हम आपको बता रहें हैं ताकि इस हत्या के पीछे पर्दे की कहानी जान सकें. हत्या की सूचना देते हुए अजय के भाई राजेश देवांगन ने थाने में रिपोर्ट लिखाई है. जिसने अपने बयान में बताया है कि हम लोग तीन भाई हैं, मेरे बडे भाई अजय कुमार एवं छोटे भाई गिरेश्वर कुमार का विवाह नही हुआ हैं, मेरा विवाह हो गया हैं । गिरेश्वर कुमार CISF में नौकरी करता हैं । मैं अपने माता-पिता, पत्नि एवं बडे भाई के साथ खैरीडीह में रहता हूं । सभी लोग कृषि कार्य करते है, दिनांक 27/12/2020 के रात्रि करीब 8/00 से 8/30 बजे के बीच सहपरिवार खाना खाकर घर के अंदर बैठे थे, कि कुछ देर बाद मेरे पिता जी मुझसे कहने लगे कि तुम्हारी मां तुम लोगो को छोडकर चार-पांच साल के लिये अपने मायके चली गई थी, तब तुम दोनो भाईयों का देख-रेख मै किया था। इसी कारण मैं तुम्हारी मां को पसंद नही करता हूं।  अब इस घर में या तो मैं रहूंगा नही तो तुम्हारी मां रहेगी, कहकर मेरे पिता जी मेरी मां को गंदी-गंदी गालियां देने लगे, मारपीट भी करने लगे, मेरे व मेरे भाई अजय कुमार के समझाने व बीच-बचाव करने पर भी नही मान रहे थे। पहले भी कई बार इन्ही बातों को लेकर मां के साथ गाली-गलौच व मारपीट करते थे । दिनांक 27/12/2020 के लगभग रात्रि 10/00 से 10/15 बजे के बीच झगडा विवाद ज्यादा होने लगा, पिता जी को काफी मना करने पर भी नही माने तब मेरा बडा भाई अजय कुमार गुस्सा में आकर बाडी मे रखे लोहे के सब्बल को लाकर मेरे पिता जी के सिर व चेहरे पर सब्बल से मार दिया जिससे मेरे पिता जी कमरा अंदर जमीन पर गिर गये व उसके सिर व चेहरे से खून निकलने लगा । मेरा बडा भाई अजय कुमार मेरे पिता जी की हत्या करने की नियत से अपने पास रखे लोहे के सब्बल से प्राण घातक हमला कर हत्या कर दिया ।    

तीन बार सब्बल से किया था वार, मां से झगड़ा करने पर फूटी थी चूड़ी

इसी घर में हुई थी हत्या

पूछताछ में हत्या के आरोपी पुत्र अजय देवांगन ने पुलिस को बताया कि उसने अपने पिता के सिर पर तीन बार सब्बल से वार किया था। रात में भी लगातार पिता घर पर झगड़ा कर रहे थे। उनकी मां को भी उसने मारपीट किया था। जिसे मां की चूड़ी फूट गई थी। जिसके बाद पुत्र ने आपा खोते हुए पिता को मारने के इरादे से सब्बल से सिर पर वार कर दिया। पहले भी आए दिन छोटी-छोटी बातों पर घर में मृतक द्वारा झगड़ा फसाद करता था। आरोपी का कहना था कि उनका पिता हमें पैसे तक नहीं देता था। अगर कुछ पैसों से कुछ सामान खरीद लेते थे तो उस पर भी वह झगड़ा करता था कहता था कि यह सब फिजूल खर्च बन्द करो। सक्षम परिवार होने के बाद भी पैसे खर्च करने को लेकर झगड़ा किया जाता था। मृतक का एक बेटा सीआईएसएफ का जवान भी है तो वही गांव में दो भाई राजेश कुमार देवांगन व आरोपी अजय खेती किसानी करते हैं।

रात भर कमरे में पड़ा रहा शव

हत्या घर के ही एक कमरे में की गई थी। रात को को ही आरोपी अजय  के भाई राजेश कुमार देवांगन ने थाने में फोन करके सूचना दी कि मेरे भाई ने पिता को सब्बल से वार करके मार दिया है। रात को पुलिस घर पहुंची। कमरे में लाश खून से लथपथ पड़ी थी। लाश का पंचनामा के लिए रात को कमरा में ताला लगाकर बंद रखा गया। वहीं रात में ही आरोपी अजय  पकड़ा गया था। जिसे पुलिस ने निगरानी में रखा।  सुबह पंचनामा व अन्य कार्रवाई के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। इस पूरी कार्रवाई में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीआर पोर्ते, नगर पुलिस अधीक्षक अब्दुल अलीम खान के निर्देशन में आरोपी को पकड़ने व केस सुलझाने में निरीक्षक मनीष शर्मा, उप निरीक्षक चन्द्रहास नागे, सहायक उपनिरीक्षक   भगवान अजित महोबिया, प्रधान आरक्षक  भगवान सिंह ध्रुव, आरक्षक जितेंद्र सिन्हा, कलेश्वर भुआर्य, किरण यदु, पिपेश्वर  बंजारे, टिकेश साहू की भूमिका रही। जो रात भर जाग कर आरोपी की निगरानी करते रहे।  दोपहर तक पूरी कार्यवाही कर आरोपी को रिमांड पर जेल भेजा गया। आरोपी द्वारा परिवारिक लड़ाई झगड़ा वाद विवाद के बाद पर अपने पिता को मारने की बात स्वीकार की गई। उनके कब्जे से लोहे के सब्बल को भी जप्त किया गया। जहां पर घटना हुई वह घर गांव से आउटर है। रात को ग्रामीणों को इसकी जानकारी ही नहीं हुई थी। सुबह जब पुलिस पहुंची तो गांव में सनसनी फैल गई। हत्या के बाद आरोपी कहीं भागा भी नहीं था। वह घर पर में ही था। जिससे पुलिस को भी पकड़ने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।

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