सामूहिक बाड़ी से यहां आ रही महिलाओं के जिंदगी में बदलाव, देखिये तस्वीरें
बालोद –शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत् चारागाह परिसर में तैयार किए गए सामूहिक बाड़ी में जिले की स्वसहायता समूह की महिलाएँ कार्य कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है। जिले के 26 चारागाहों में पशुओं के चारा के लिए लगाये गये नेपियर घास आदि के बाद खाली पड़े जमीन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों की महिलाआंे द्वारा ‘‘सामूहिक बाड़ी’’ का कार्य किया जा रहा है।
जिसमें ग्राम पैरी, ईरागुड़ा, भरदाकला, डढ़ारी, अरकार, बासीन कनेरी, पिरीद, चरोटा, भैंसबोड ़भर्रीटोला-43 आदि गौठान परिसर के चारागाहों के लगभग 80 एकड़ जमीन पर सब्जी भाजी के साथ केला, पपीता, हल्दी, अदरक, मक्का, लौकी, अरहर, एलोविरा लगाया गया है।
इस कार्य को समूह की महिलाएं बड़ी उत्साह के साथ कर रही है, विकासखंड गुण्डरदेही ग्राम ईरागुड़ा की दुर्गा स्व-सहायता समूह अध्यक्ष जानकी निषाद ने बताया कि उनके ग्राम में निर्मित चारागाह में सब्जी उत्पादन के लिए 1.5 एकड़ जमीन आबंटित किया गया हैं जिसमंे मार्च-अप्रैल मंे करेला, बैगन, लौकी, विभिन्न प्रकार के भाजी आदि लगाया गया। उसने बताया कि सब्जियों को विक्रय कर उन्हें अभी तक 60 से 70 हजार रूपए की आमदानी हुई है तथा यह कार्य लाॅकडाउन के दौरान आर्थिक दृष्टिकोण से उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा। इसी प्रकार जिले के अन्य चारागाहांे मंे भी ग्रामीण महिलाओं के माध्यम से सामूहिक बाड़ी का कार्य किया जा रहा है।
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