रोचक खबर- जब चीन से आ रही थी कोरोना काल में छत्तीसगढ़ के भाजियों की मांग तो इस छात्रा को मिला प्रोजेक्ट का आईडिया, अब राज्य स्तर के लिए हुई चयनित
बालोद। आज हम आपको एक ऐसी दो छात्रा की कहानी बता रहे हैं। जिन्होंने छत्तीसगढ़ के विभिन्न भाजियों में पाई जाने वाली पोषक तत्वों के बारे में शोध किया और उस पर प्रोजेक्ट तैयार किया। इतना ही नहीं यह प्रोजेक्ट अब छत्तीसगढ़ विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद रायपुर के द्वारा राज्य स्तर के लिए चयनित हो गया है।
जिस पर दोनो छात्रा द्वारा जनवरी में प्रस्तुति दी जाएगी। यह छात्रा है बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल की । जिनका नाम भावना ठाकुर व भूमिका है। जिन्होंने सतत जीवन के लिए विज्ञान थीम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले विभिन्न भाजियों के उपयोग और पोषक तत्व पर अपना प्रोजेक्ट तैयार किया है। जिसका राज्य स्तर पर ऑनलाइन प्रदर्शनी जनवरी में होना है। इनके मार्गदर्शक शिक्षिका बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल की व्याख्याता कादम्बनी यादव ने बताया कि जब कोरोना काल में चीन से छत्तीसगढ़ के भाजियों की डिमांड आने लगी तो वहीं से उन्हें आईडिया मिला कि भाजी की मांग जहां चीन में है तो वहां छत्तीसगढ़ में आज भी कई लोगों का इसका महत्व नहीं जानते। यहां तक कि आज की पीढ़ी को तो भाजियों के नाम तक नहीं मालूम होते हैं। इसलिए उन्होंने तय किया कि इस पर छात्राओं के साथ मिलकर प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। शिक्षिका के मार्गदर्शन में छात्राओं ने बेहतर काम किया और अलग-अलग भाजियां इकट्ठे की और उनके बारे में जानकारी भी विषय विशेषज्ञों से हासिल की। देखते देखते इनका प्रोजेक्ट तैयार हो गया और अब राज्य स्तर के लिए चयनित हो गई है। यह पहला अवसर होगा जब भाजियों को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। निर्णायकों ने भी काफी सराहा है। बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य जेके उइके सहित शाला परिवार, जनभागीदारी समिति के सदस्यों व पालकों में भी बेटियों की इस सफलता से खुशी का माहौल है और इन दोनों बेटियों की इस उपलब्धि पर बधाई का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट में 20 से ज्यादा भाजियों को शामिल किया गया है। जिसमें लहसुन, प्याज, गोभी, चेच, मूली, मास्टर, पटवा, कुमड़ा, आलू, लाल, चवलाई, करमत्ता, तीन पनिया, लाखड़ी, सरसों, चना, मेथी, बथुवा,पालक, मुनगा आदि शामिल है। शिक्षिका श्रीमती यादव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के जरिए हम भाजीयों की विशेषता बताएंगे। उनके फायदे बताएंगे ताकि लोग इन्हें खाने के लिए प्रोत्साहित हो और वे स्वस्थ हो सके।