November 22, 2024

दुर्ग जिले की शिक्षिका बनी “पढ़ई तुंहर दुआर” की हमारे नायक जिन्होंने स्टोरीविवर के माध्यम से कहानियां अनुवाद करने वाली शिक्षिका “पढई तुंहर दुआर” के राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे ने लिखी है इनकी सक्सेस स्टोरी, पढ़िए प्रेरणा देने वाली कहानी-

बालोद/दुर्ग । “किसी के छाव के नीचे खड़े रहने से खुद की छाव निर्माण नही होती, खुद की छाव बनाने के लिए कड़ी धूप में खड़ा रहना पड़ता है।”

जीवन में हर इन्सान को इतनी मेहनत करनी चाहिए ताकि वो अपने बच्चों को अपनी कहानी के माध्यम से उत्साहित कर सके. उसे आत्मग्लानी न हो कि उसने अपने जीवन में यह कार्य नहीं किया वरना वह सफलता की बुलंदियों को छू लेता. जिन्दगी में जो संघर्ष होता है वह कहानी को रोमांचक बना देता है.

ब्लॉग राईटर विवेक धुर्वे

स्टोरीविवर में कहानियां अनुवाद करना एवं दिखना कोरोनकाल के विषम परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ शासन के नित्य नए नए नवाचार से शिक्षको को व बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है, विवेक धुर्वे राज्यस्तरीय ब्लॉग लेखक द्वारा दुर्ग जिले की एक ऐसी शिक्षिका के बारे में परिचय करवा रहे है, जिन्होंने स्टोरीविवर में अपने कहानियों के माध्यम से नई पहचान बनाने वाली अनीता चंद्राकर व्याख्याता (गणित) जिन्होंने 53 हिंदी कहानियों को छत्तीसगढ़ी में अनुवाद कर चुकी हैं। 05 कहानियां छत्तीसगढ़ी में स्वरचित है। इनके अलावा और भी कहानियां का संग्रह है, जो कि एक व्हाट्सएप ग्रुप “बुक फॉर अपर प्राइमरी” उसमें भी लिखते हैं, वर्तमान में इनके द्वारा 5000 से अधिक कविताएं कहानियां Your Quote App में संग्रहित है। इनके द्वारा लिखे सभी रचनाएँ किलोल पत्रिका में भी प्रकाशित हुई है। एक पुस्तक “छुअन” ऑनलाइन प्रकाशित भी हो चुकी है। इनकी कहानियां बड़े तथा सभी बच्चों के लिए उपयोगी होती है। सभी लोग अपने समय का सदुपयोग सीख रहे हैं।सबसे अच्छी बात ये है कि बच्चे खुद भी कहानियां लिख रहे हैं। उनमें नैतिक गुणों का विकास होता जा रहा है, जो कि अपने विचारों को अभिव्यक्त करने में तथा प्रस्तुतीकरण में सक्षम होते जा रहे हैं। हमारे यहां विलुप्त हो रहे स्थानीय भाषा के और संस्कृति से यह जुड़ रहे हैं उनके अंदर कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता का विकास हो रहा है। कल ही इनके द्वारा लिखित पुस्तक “छत्तीसगढ़ी वर्णमाला” को काफी लोगों ने सराहा है। हर व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके विचारों पर निर्भर करता है, वहीं अच्छे विचार व्यक्ति को विकास के पथ पर अग्रसर करते हैं।

“ जिन्हें सपने देखना अच्छा लगता है उन्हें रात छोटी लगती है.
जिन्हें सपने पूरे करना अच्छा लगता है उन्हें दिन छोटा लगता है.”

इनके अनुसार किसी कार्य को सफल बनाने का सबसे आसन तरीका ये है कि हम उसके बारे में बातें करना बंद करें और कार्य करना शुरू कर दें. यदि आप सच में कोई कार्य करना चाहते हैं तो आप रास्ता जरूर ढूंढ लोगे. यदि आप नहीं करना चाहते तो बहाना ढूंढ लोगे.

कुछ विचार ऐसे होते हैं, जिन्हें पढ़कर न सिर्फ व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है, बल्कि अपने नकारात्मक व्यक्तित्व को भी सकारात्मक बनाने में मदद मिलती है। इस तरह के सुंदर एवं अच्छे विचारों को जो भी व्यक्ति अपनी जिंदगी में सच्चाई के साथ अनुशरण करता है। वह अपनी जिंदगी में सफलता जरुर हासिल करता है और हमेशा खुश रहता है। वहीं इस तरह के विचार जिंदगी जीने का तरीका सिखाने के साथ-साथ तमाम तरह की कठिनाइयों से उभारने का भी काम करते हैं।

ऑनलाइन कक्षा
इनके द्वारा ऑनलाइन कक्षा का भी संचालन किया जा रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ शासन की योजना के तहत सभी विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा का शुभारंभ करना था, उसी को आधार मानकर श्रीमती अनीता चंद्राकर ने भी अपने बच्चों को ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से जोड़ना शुरु की पहले व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों को पढाई इनके द्वारा करवाया जा रहा था। फिर ‘सीजीस्कूल डॉट इन’ वेबेक्स मीटिंग के माध्यम से उन्होंने कक्षा लेना प्रारंभ किया जिसमे कक्षा नौवीं से 12वीं तक की कक्षाएं इनके द्वारा ली जाती है, जिसमें जिले के अधिकांश विद्यार्थी इन की कक्षा में शामिल होते हैं बहुत से विद्यार्थी कक्षा से लाभान्वित हो रहे है।

व्हाट्सएप ग्रुप
इनके द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों के संचालन हेतु बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया जिसमें इनके द्वारा चित्रकारी लेखन भाषण कविताएं और सामान्य ज्ञान से संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन किया जाता है।

सामग्री अप्रूवल
सामग्री अप्रूवल इनके द्वारा cgschool.in में क्लास 11वीं विषय गणित के विषय सामग्री को स्वीकृति की जिम्मेदारी भी इनको सौंपी गई है। जिसमें लगभग अभी तक इन्होंने 350 वीडियो को अप्रूवल कर चुकी है।

मोहल्ला कक्षा-
वैश्विक महामारी के कारण के सभी विद्यालय बंद है ऐसे विषम परिस्थिति में छत्तीसगढ़ शासन ने द्वार के साथ-साथ सभी शिक्षकों से मोहल्ला कक्षा लेने के लिए निवेदन किया था। इससे इस विषम परिस्थिति में बच्चों की शिक्षा प्रभावित ना रहे उसी को चलते इनके द्वारा बच्चों को व्हाट्सअप व ऑनलाईन कक्षा में जुड़ने के साथ-साथ के इनसे चर्चा के समय बताया की बच्चों की पढाई प्रभावित न हो उसके चलते विद्यालयों में ही सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए पढाई निरंतर जारी है।

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