कलेक्टर ने कहा हाथी प्रभावित ग्रामों में उपलब्ध कराया जाएगा दो-दो टार्च और मशाल
ग्रामीणों ने देर तक किया हंगामा वन विभाग के कर्मचारियों की तीन शिफ्ट में लगेगी ड्यूटी
बालोद/डौंडी – बीती रात को डौंडी ब्लॉक के ग्राम खल्लारीटोला में हाथियों के कुचलने से जिसकी मौत हुई है, वह महज 17 साल का स्कूली छात्र डोमेन्द्र ध्रुवे था. जो कक्षा 11 वी में पढ़ाई करता था. इस घटना के बाद दिनभर गांव में तनाव की स्थिति रही. वहीं मामले की जांच के लिए कलेक्टर जनमेजय महोबे ने पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा और वन मण्डल अधिकारी मयंक पाण्डेय के साथ गुरुवार को डौण्डी विकासखण्ड के हाथियों के विचरण से प्रभावित ग्राम लिमऊडीह का दौरा किया।
कलेक्टर ने ग्रामीणों से चर्चा कर कल रात हाथियों के विचरण के दौरान ग्राम के लगभग 17 वर्षीय युवक डोमेन्द्र सिंह ध्रुर्वे की हुई मौत की घटना की वस्तुस्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि हाथियों के समस्या से निपटने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। उन्होंने कहा कि गाॅव के आसपास हाथियों के विचरण की जानकारी पर घर से बाहर न जाएॅ, तत्काल वन विभाग को सूचित करें। वनमण्डल अधिकारी श्री पाण्डेय ने बताया कि मृतक के परिजन को 25 हजार रूपए सहायता राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि हाथी प्रभावित ग्रामों में दो-दो टार्च और दो-दो मशाल उपलब्ध कराया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि हाथियों के विचरण से हुए फसलों के नुकसान का मुआवजा राशि भी प्रदान किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक श्री मीणा ने ग्रामीणों से कहा कि हाथियों को किसी प्रकार न उकसाएॅ, हाथियों से दूर रहें। इस अवसर पर एस.डी.एम. ऋषिकेश तिवारी सहित अन्य अधिकारी, गणमान्य नागरिक पीयूष सोनी, अनिल सुथार सहित ग्रामीण मौजूद थे।
इस तरह हुई है घटना
लगातार बालोद जिले के डौंडी ब्लॉक के जंगलों में हाथियों का दल विचरण कर रहा है। वनविभाग सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर 24 घंटे डटे होने की बात कर रहा है। लेकिन हकीकत क्या थी यह उजागर हो गई। ग्राम पंचायत लिमउडीह के आश्रित ग्राम खल्लारीटोला में हाथियों का आतंक इतना बढ़ा कि हाथियों के दल ने गांव के एक युवक डोमेन्द्र ध्रुव को कुचल कर मार डाला।
बालोद जिले में हाथियों से हमले की यह पहली घटना व मौत है। जिससे वन विभाग कटघरे में आ खड़ा हुआ है। वहीं इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। रात में सुरक्षा की अनदेखी के चलते हाथियों का दल गांव में घुस गया था। इस बीच ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। लेकिन उक्त युवक का सामना हाथियों से हो गया।
जिसे हाथी कुचलने लग गए और उसे कुचलते अपने साथ खींचते हुए जंगल में ले गए और वहां बेदम उसे मार डाले. रात में ग्रामीण हाथियों का पीछा करते-करते उस जगह पर पहुंचे, जहां पर घटना हुई। लेकिन हाथियों के उत्पात को देखते हुए किसी की रात में हिम्मत नहीं हो रही थी कि युवक को उठाकर वहां से लाए। रात में ही उसकी मौत हो गई। सुबह से गांव में तनाव की स्थिति रही वहीं इस घटना के बाद रात भर ग्रामीण सो नहीं पाए। अपनी जान बचाने के डर से अलाव जलाकर रात गुजारते रहे।