बालोद। गुंडरदेही में खुले हुए सरकारी कॉलेज का नाम एक शहीद कौशल यादव के नाम पर रखने के विरोध में जून 2015 में गुंडरदेही में एक बड़ा आंदोलन हुआ था। तत्कालीन विधायक राजेन्द्र राय सहित उनके समर्थकों व कई कांग्रेसियों ने इसमें हिस्सा लिया था। तत्कालीन विधायक की मांग थी कि गुंडरदेही कॉलेज का नामकरण उनके दादा ठाकुर निहाल सिंह के नाम पर की जाए क्योंकि उनके दादा ने कॉलेज के लिए 6.50 एकड़ जमीन दान की थी। लेकिन शासन ने अपने हिसाब से एक शहीद के नाम से कॉलेज का नाम रख दिया। जिसका जमकर विरोध हुआ था। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज तक करने की स्थिति पैदा हुई थी और विधायक राजेंद्र राय सहित 47 लोग मामले में गिरफ्तार हुए थे। सब के खिलाफ कोर्ट में केस चलता रहा। जिस पर अब एक राजनीतिक प्रकरण होने के कारण अब इस केस को कोर्ट से वापस कर दिया गया है। यानी अब इस पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। कोर्ट के द्वारा प्रकरण वापसी का आदेश भी जारी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन विधि एवं विधाई कार्य विभाग मंत्रालय के अवर सचिव दिनेश कदम द्वारा भी इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा गया था। जिसमें राज्य शासन द्वारा अभियोजन वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया था और इस पत्र के जरिए तत्कालीन केस में आरोपी बने राजेंद्र राय सहित अन्य लोगों के खिलाफ चल रहे केस एक राजनीतिक प्रकरण होने के कारण वापसी हो गई है।
ये दिग्गज हुए थे गिरफ्तार
इस दौरान इस आंदोलन में बालोद से वरिष्ठ नेता डोमेन्द्र भेड़िया नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गीतादेवी राय, रवि राय, केके राजू चंद्राकर, आलोक चंद्राकर राजा रामराय ,तोप शर्मा, राकेश चन्द्राकर, नवाब तिगाला, आशीष भूतड़ा, महेश साहू सहित कई दिग्गज कांग्रेसी भी शामिल हुए थे। सभी ने जमकर विरोध करते हुए गिरफ्तारी दी थी। सभी प्रदर्शनकारियों को धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर दुर्ग पुलिस लाइन भी ले गए थे। जहां से फिर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मुचलके पर छोड़ा था।
केस वापस हुआ पर नामकरण को लेकर हमारी लड़ाई रहेगी जारी
तत्कालीन विधायक राजेंद्र राय ने कहा कि राज्य शासन के निर्देश पर उक्त राजनीतिक प्रकरण की कोर्ट से वापसी हो गई है। कोर्ट या पुलिस प्रशासन की ओर से अब हमारे ऊपर उस समय के प्रदर्शन के लिए कोई कार्रवाई नहीं होगी लेकिन हम अपनी मांग पर आज भी अडिग हैं। हमारी लड़ाई आज भी जारी है और उम्मीद है कि जीत हमारी ही होगी।
जमीन दान दाता के नाम की मांग से शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि विवाद की शुरुआत तब हुई थी जब गुंडरदेही में नवनिर्मित कॉलेज भवन का नामकरण शहीद कौशल यादव के नाम पर करने की जानकारी जून 2015 में मिली थी। ग्रामीणों का कहना था कि 1952 में विधायक आरके राय के दादा ठाकुर निहाल सिंह ने शिक्षा के लिए करीब 6.50एकड़ जमीन दान की थी। तत्कालीन विधायक आरके राय ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर वहां कॉलेज भवन निर्माण करने दो करोड़ 85 लाख स्वीकृत करवाए थे। भवन बनने के बाद नामकरण को लेकर विवाद चल रहा था। जो 2015 में गरमा गया।
शासन ने लिखा है कलेक्टर को नामकरण को लेकर पत्र
इस मामले में नया मोड़ यह सामने आया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर शासन की ओर से कलेक्टर को पत्र भेज दिया गया है कि इस नामकरण को लेकर फिर से एक कमेटी बनाई जाए। जिसमें प्रार्थी यानी तत्कालीन विधायक राजेंद्र राय को भी रखी जाए और इस पर निर्णय लिया जाए। उसी कमेटी में तय होगा कि कॉलेज का नामकरण क्या रहेगा। इस मामले को लेकर गुंडरदेही कोर्ट में एक मामला भी लंबित है। जिसकी सुनवाई अंतिम चरण पर है। उच्च शिक्षा विभाग से आया पत्र कलेक्टर के अलावा तत्कालीन विधायक राजेंद्र राय के पास भी है।