मोबाईल हैण्डसेट,कार,बाईक की फोटो सोशल मिडिया से प्राप्त कर स्वयं को आर्मी का जवान बताकर करते थे ठगी।
यह गिरोह आर्मी कैन्टीन कार्ड,आर्मी जवान की आई.कार्ड आर्मी की वर्दी वाली जवान की फोटो का करते हैं दुरूपयोग।
आरोपियों से 03 नग मोबाईल सेट, 05 सिम कार्ड, 45 से 50 लाख रूपये की लेन-देन वाली 04 नग पंजाब नेशनल बैंक खाता का पासबुक, 01 नग इलाहाबाद बैंक का खाता, 03 एटीएम कार्ड, 01 नग पेन कार्ड, 01 नग ड्रायविंग लायसेंस, फर्जी कोरियर रसीद, आर्मी जवान का फर्जी कैंटिन कार्ड, फर्जी आई कार्ड, आधार कार्ड बरामद।
बालोद। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बालोद जितेन्द्र सिंह मीणा के निर्देशन एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद दिनेश सिन्हा के पर्वेक्षण मेब विशेष टीम गठित कर थाना देवरी के अपराध क्रंमाक -100/2020, धारा-420 भादवि 66 डी आई.टी एक्ट के आरोपियों को पकडने जिला अलवर राजस्थान रवाना किया गया था। जिसमें प्रकरण के 02 आरोपी असलम पिता बन्ना निवासी ग्राम- बोरिया बास पाटा थाना-नौगांवा, तहसील-रामगंढ ,जिला- अलवर एवं साकीर खान पिता सपी मोहम्मद खान निवासी ग्राम काला घाटा, थाना-नौगांवा, तहसील-रामगंढ, जिला-अलवर राजस्थान को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला कि जिस गांव में आरोपी रहते हैं वहां लगभग 12 सौ से ज्यादा लोग इसी तरह ठगी का काम करते हैं और यह बकायदा जंगल और पहाड़ों में बैठकर ठगी करते हैं। ताकि जब पुलिस उन्हें ढूंढने के लिए आए तो आसानी से पकड़ ना सके। पहाड़ों में बैठे ठगी के आरोपी पुलिसवालों पर पत्थर तक बरसाते हैं। बड़ी मुश्किल से पहाड़ों में 6 से 8 घंटे बिताने के पास बालोद पुलिस ने इन्हें पकड़ने में सफलता हासिल की है।
मामले का विवरण :- प्रार्थी डोमन लाल साहू पिता सुन्दर लाल साहू पता- बहेराभाठा थाना देवरी जिला बालोद ने ओएलएक्स के माध्यम से पुराना मोबाईल हैण्डसेट खरीदने के नाम से, अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपने आप को आर्मी का जवान बता कर फर्जी आर्मी आई.कार्ड , फर्जी आर्मी केन्टीन कार्ड को वाट्सअप के माध्यम से प्रार्थी को भेजा। प्रार्थी को अपने झांसे में लेकर, अपने मोबाईल नम्बर 7436905459 पर एवं डिलिवरी बॉय के मोबाईल नम्बर 7377785186 पर सम्पर्क कर अपने पेटीएम न. 8930756051 के खाते में दिनांक 29.07.2020 से 31.07.2020 तक कुल 36,560/- रूपये ट्रांसफर किया गया है। प्रार्थी को मोबाईल हैण्डसेट नहीं मिलने पर वह ठगा हुआ महसूस किया और थाना देवरी में लिखित शिकायत करने पर अपराध क्रमांक 100/20 ,धारा-420 भादवि 66 डी आई.टी एक्ट पंजीब़द्ध किया गया ।
मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बालोद द्वारा विशेष टीम गठित कर राजस्थान रवाना किया गया जिसमे उक्त टीम द्वारा राजस्थान जिला अलवर के थाना नौगांव क्षेत्र में जाकर 4-5 दिन तक कैम्प लगाकर ग्रामीण वेशभूषा में रहकर पुलिस के जवानो द्वारा संदिग्धों पर लगातार निगाह रखा गया । इस दौरान प्रार्थी को ठगी गई रकम पेटीएम के माध्यम से जिस बैंक खाते मे गया था उस खाता धारक को पता करने पर उसका बाहर जाना पाया। फिर भी टीम द्वारा लोकल संसूचना एवं तकनीकी सहायता से जानकारी प्राप्त कर लिया गया कि खाताधारक का छोटा भाई असलम खान मुख्य आरोपी है। दबिश देकर असलम खान को पकडा गया । पूछताछ पर जुर्म स्वीकारते हुये प्रकरण का मास्टर मांइड साकीर खान को होना बताने पर। पुनः कैम्प कर टीम द्वारा बीहड क्षेत्र से संदेही साकीर को पकडा गया । टीम द्वारा बारीकी से पूछताछ करने पर साकीर खान ने बताया कि वह अपने अन्य 05 सहयोगी के साथ मिलकर ओएलएक्स तथा फेसबुक के माध्यम से ठगी का कार्य करते है। टीम द्वारा पता करने पर उक्त गिरोह के गिरफ्तार आरोपियो ने बताया कि इस क्षेत्र के कई लोग पूरे भारत में इस प्रकार के ठगी कार्य कर रहे है। आरोपियों के बैंक खाता का डिटेल प्राप्त करने पर करीबन 50 लाख तक का ट्रांजेक्सन है जिससे पता चलता है कि इन आरोपियों द्वारा कई राज्यों के लोगों के साथ ठगी की गई है जिस संबंध में विवेचना की जा रही है।
ये है तरीका वारदात का ताकि आप रहे अलर्ट
अन्य राज्यों जैसे उडींसा ,पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश से फर्जी सिम अधिक दामों मे खरीद कर पेटीएम,गूगल पे खाता बनाते है ताकि धोखाधडी की रकम बिना किसी पहचान के आसानी से निकाल सकें। आरोपियो द्वारा फर्जी नम्बर को व्हाट्सअप बनाकर उसमें आर्मी के जवान की वर्दी वाली फोटो ,आर्मी का मोनो लगा कर ग्राहक को भरोसे में लेते है।
10 से 20 प्रतिशत कमीशन बेस पर खाता धारक को पैसे को लालच देकर उनका खाता प्राप्त कर उसमें फर्जी तरीके से रूपये ट्रांसफर करतें है।
ओएलएक्स में किसी भी सामान की ब्रिकी हेतु विज्ञापन डालकर उसमें फर्जी सिम नम्बर को अपना संपर्क नम्बर बताकर ग्राहकों से व्हाटस्अप से संपर्क करने बोलते है तथा ग्राहक को उस सामान का इंट्री शुल्क , लेट शुल्क , हाफ शुल्क आर्मी कैन्टीन शुल्क बताकर अलग अलग किस्तो में ऑनलाईन गूगल पे ,पेटीएम से ट्रांसफर कराते है।
ग्राहक को लगता है कि वह दिये गये सामान का विज्ञापन से अधिक रकम जमा कर चुका है बोलने पर आरोपियो द्वारा ग्राहक को पुनः ठगा जाता है कि अधिक रकम फॉरमेल्टी है जब डिलिवरी बॅाय आपके पास सामान देगा तो उक्त रकम आपको वापस कर देगा।
उक्त सायबर अपराध के प्रकरण को सुलझाने व आरोपियो की राजस्थान जिला अलवर से गिरफ्तारी में विशेष टीम प्रभारी निरीक्षक श्री कुमार गौरव साहू, सहायक उपनिरीक्षक श्री धरम भूआर्य, आरक्षक पूरन देवांगन, आरक्षक संदीप यादव ,आरक्षक विपिन गुप्ता, आरक्षक राहुल मनहरे का सराहनीय भूमिका रहा।
कुमार गौरव साहू की एक और सफलता
जिले के पुलिस प्रशासन में विशेष टीम के प्रभारी रहे टीआई कुमार गौरव साहू को एक और बड़ी सफलता मिली है। ज्ञात हो कि अक्सर बड़े मामलों को सुलझाने की जिम्मेदारी टीआई कुमार गौरव साहू को दी जाती है। हत्या के केस हो चाहे इस तरह के बड़े अपराध, जिन मामलों में स्थानीय पुलिस के पसीने छूट जाते हैं वहां पर कुमार गौरव साहू मोर्चा संभालते हैं और सफलता भी हासिल करते हैं। यह पहला केस है जब छत्तीसगढ़ से बालोद पुलिस ओएलएक्स के नाम पर ठगी करने वालों को उनके इलाके से जाकर पकड़ी है।