ब्रेकिंग न्यूज़ -पाटेश्वर धाम को टूटने से बचाने आज संत समाज होगा एकजुट, 3 बजे पैदल मार्च कर पहुंचेंगे लोहारा, क्या-क्या होगा? पढ़िये खबर
बालोद। डौंडी लोहारा क्षेत्र के धार्मिक स्थल पाटेश्वर धाम को टूटने से बचाने के लिए आज विभाग के नोटिस के खिलाफ संत समाज एकजुट होगा। दोपहर 3 बजे अलग-अलग क्षेत्र के संत समाज और पदाधिकारी डौंडी लोहारा पहुंचेंगे और सामूहिक ज्ञापन सौंपा जाएगा। दोपहर 3:00 बजे पाटेश्वर धाम काली मंदिर से डौंडी लोहारा तक पैदल मार्च निकाली जाएगी। एसडीएम डौंडी लोहारा कार्यालय पहुंचकर इस मसले पर ज्ञापन सौंपा जाएगा। जिसमें संत राम बालक दास महात्यागी ने लोगों से शामिल होने की अपील की है संत ने आरोप लगाया है कि विगत 3 महीने से नोटिस पर नोटिस देकर छत्तीसगढ़ के पवित्र तीर्थ स्थान एवं विश्व में एकमात्र कौशल्या जन्मभूमि मंदिर निर्माण स्थल श्री पाटेश्वर धाम को एवं पाटेश्वर धाम में निवास कर रहे संतो को डीएफओ बालोद के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. आज आवश्यकता है कि संपूर्ण हिंदू समाज एकत्रित होकर इस अन्याय का विरोध करें इस हेतु महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देने हेतु पैदल मार्च कर जायेंगे उन्होंने कहा है जिला के समस्त संस्था समिति एवं विभिन्न जाति पंथ में बटे हुए हिंदू समुदाय को मेरा निवेदन है कि इस ज्ञापन कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थिति देकर पाटेश्वर धाम के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करें और इस धर्म युद्ध में हमें साथ दें
प्रधान मंत्री को भी भेजा गया है पत्र
पाटेश्वर धाम की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम एक पत्र भेजा गया है जिसमें नोटिस का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि “भारतवर्ष के प्रसिद्ध धार्मिक संस्थान छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड के वन क्षेत्र स्थान में स्थित जामड़ी पाटेश्वर धाम को वहां की डीएफओ सतोविसा समाजदार की ओर से धारा 80 क के तहत नोटिस जारी किया गया है, कि यदि इस स्थान के निर्माण की अनुमति नही ली गई है तो इस धार्मिक स्थान में निर्मित सभी निर्माण प्रशासन की ओर से हटा दिये जायेंगे”. यह नोटिस पहले 11 सितंबर 2020 एवं दूसरा नोटिस 7 नवंबर 2020 को दिया गया है. पत्र में संस्थान ने इस विषय पर विस्तार से बताया है कि यह धार्मिक स्थान हजारों वर्षों से समस्त क्षेत्र वासियो के द्वारा पूजित है 1975 से सद्गुरुदेव राजयोगी बाबा की तपस्थली है और संत राम बालक दास 1986 में 9 वर्ष की आयु से यहां गुरुजी के साथ रहकर समाज की और गोमाता की सेवा में लगे हैं. मां कौशलया जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पंचमुखी हनुमान मंदिर और इसी के साथ गौशाला सीता रसोई विद्यालय आदि का निर्माण भक्तों के सहयोग करोड़ों रुपए की लागत से किया जा चुका है.
छग ही नहीं अन्य प्रान्त से भी आते हैं साधु-संत
पत्र में कहा गया है कि बड़े-बड़े साधु संत धर्माचार्य शंकराचार्य का आगमन यहां होता रहता है. आरएसएस के मुख्य सरसंघचालक मोहन भागवत भी इस संस्थान में आकर रात्रि विश्राम कर चुके हैं. इस जगह पर लगातार धार्मिक आयोजन जैसे श्री राम कथा श्रीमद् भागवत कथा एवं गौ कथा चलती रहती हैं. इसी के साथ प्रतिदिन भंडारा भी चलता है. इस संस्थान में महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पंजाब एवं जम्मू कश्मीर से भक्तों का विशेष लगाव है. संत राम बालक दास गौ रक्षा एवं सनातन धर्म के कार्यों के लिए पूरे भारतवर्ष में घूम कर सेवा कर रहे हैं.
डीएफओ के नोटिस से जिले में है विवाद
संत राम बालकदास ने कहा छत्तीसगढ़ में बहुत से देवस्थल फॉरेस्ट भूमि पर बने हैं लेकिन केवल पाटेश्वर धाम को नोटिस देना एक षड्यंत्र लगता है. डीएफओ की यह कार्यवाही उन्माद बढ़ाने वाली है. इस नोटिस से बालोद जिले में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. क्योंकि यहां के जनमानस में पाटेश्वर धाम का बहुत बड़ा सम्मान है इसलिए भक्तों की आस्था को देखते हुए जिसमें भक्तों के करोड़ों रुपए लगे हुए हैं और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस संस्थान पर लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं तो अब डीएफओ द्वारा यह नोटिस देना सरासर नाइंसाफी है और प्रशासन को आगाह करती है कि भारत के सनातनी भक्तों की परीक्षा ना ली जाए प्रशासन की ओर से तुरंत इस भूमि का पट्टा संस्थान के नाम किया जाए ताकि भक्त लोग शांति से वहां पर आ जा सके.