डौंडीलोहारा में रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी भुआर्य ने लोगों को जागरूक करते हुए मिट्टी से तैयार दीए जलाने का किया आग्रह

बालोद। दीपावली का त्यौहार हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के भाईचारे का त्योहार है ।लेकिन कुछ अनऔपचारिक तत्वों के कारण त्योहारों में भी व्यवधान डालने या फिर व्यवधान पढ़ जाते हैं।

इस सब को देखते हुए पर्यावरण प्रेमी शासकीय एकलव्य महाविद्यालय डौंडीलोहारा राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी पुरूषोत्तम भुआर्य ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि हमें स्वयं को सुरक्षित रखते हुए दूसरों की सुरक्षा को भी ध्यान देते हुए दिवाली मनाना चाहिए। जिससे हमारे साथ-साथ पर्यावरण को भी किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। भुआर्य ने बताया स्थानीय कामगारो व कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ की मिट्टी से तैयार दीये सिर्फ हमारे खबरों को ही रोशन नहीं करते बल्कि उससे हम अपने लोगों के घरों को भी खुशनुमा दिवाली मनाने का अवसर प्रदान करते हैं। हमारे क्षेत्र के छोटे कलाकार व कामगार बड़ी मेहनत से ऐसी तैयार करते हैं हो सकते हैं बाहर से आई सामग्रियों कुछ महंगे हो सकते हैं लेकिन इनमें हमारे अपने क्षेत्र के लोगों की मेहनत वह लगन प्रेम से जुड़ा होता है हमें स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देकर उन्हें आगे आने का प्रोत्साहन करना चाहिए जिसे सभी के घरों में दिवाली की रोशनी हो सके।
राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ स्वयंसेवक धनेश्वर साहू ने भी लोगों को जागरूक करते हुए सभी से निवेदन किया कि हमें एक सुरक्षित दीपावली मनाते हुए खतरनाक विस्फोटक पटाखों से दूर रहना चाहिए। जब भी आप पटाखा फोड़ते हैं तो स्वयं को सुरक्षित रखते हुए दुसरो कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने कान को बंद करते हुए फोड़े , व पटाखे में आग लगाने के बाद स्वयं को पटाखे से दूर सुरक्षित स्थान पर चले जाने चाहिए। स्वयं सेवक धनेश साहू ने लोगों से कहा की हमें जितना हो सके स्वदेशी सामानो का खरीदारी करें और चाइनीज कंपनी का बहिष्कार करें और अपने आसपास के नजदीकी दुकानों से ही खरीदी करें साथ ही जितना हो सके मिट्टी के दिपक जलाए क्योंकि प्लास्टिक व अन्य चीजों से बने दीए पर्यावरण के साथ साथ हमें को ज्यादा तो नुकसान पहुंचाते हैं। जो कि कहीं ना कहीं श्वास के द्वारा हमारे अंदर जाकर हमें बीमार कर देती है।

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