जीत कुनेडो मार्शल आर्ट में जिले के 6 बच्चों ने जीते पुरस्कार

बालोद। मार्शल आर्ट या युद्ध कलाएँ विधिबद्ध अभ्यास की प्रणाली और बचाव के लिए प्रशिक्षण की परंपराएं हैं। सभी मार्शल आर्ट्स का एक समान उद्देश्य है : ख़ुद की या दूसरों की किसी शारीरिक ख़तरे से रक्षा करना मार्शल आर्ट को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। इनमें से कई कलाओं का प्रतिस्पर्धात्मक अभ्यास भी किया जाता है, ज़्यादातर लड़ाई के खेल में, युद्ध कलाओं का अभ्यास करते हैं मार्शल आर्ट्स का मतलब युद्ध की कला
बच्चों के अंदर प्रतिभा छिपी होती है. बस उसे सही दिशा देने की जरुरत होती है। इस सिलसिले में जीत कुनेडो की प्रतियोगिता में भिलाई के खूबचंद कॉलेज में हुई। प्रतियोगिता में बालोद जिले के 6 बच्चों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमें 1 बच्ची का प्रथम स्थान गोल्ड मेडल रहा। आराध्या सार्वा तो वहीं सत्या गिलरवे का सिलवर मेडल मिला। मीमांसा साहू, विशाल साहू योगेंद्र कुमार, रितिमा को ब्रॉन्ज मेडल मिले। सभी खिलाड़ियों ने जिले में अपनी जोरदार प्रदर्शन करके जिले का मान बढ़ाया है। जीत कुनेडो प्रशिक्षक जितेन्द्र मानिकपुरी ने बताया कि जीत कूनेडो प्रतियोगिता के पहले बच्चो ने खूब लगन और मेहनत से तैयारी प्रतियोगिता भाग लेने के लिए तैयारी की थी। बच्चों ने जीत कुनेडों में अपना ऐसा हुनर दिखाया कि अच्छे-अच्छे इनकी महारत देखकर दंग रह गए। उनकी इस सफलता पर माता-पिता खुश नजर आ रहे हैं। जिले के खेल प्रेमियों में काफी उत्साह है।

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