9 दिन बर आये वो, पहुना बरोबर दाई,,,,, ज्योत जंवारा व प्रतिमा विसर्जन के दौरान गांव में उमड़ी भीड़, बारिश भी नही रोक सकी मां के भक्तों को

हरिवंश देशमुख, बालोद/मालीघोरी। मंगलवार को ग्रामीण क्षेत्रों में क्वार नवरात्रि के आखिरी दिन भक्ति भाव के साथ देवी मंदिरों में ज्योत जंवारा, मां दुर्गा , सरस्वती की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। नौ दिनों तक चले भक्ति में शक्ति की आराधना के बाद बाजे-गाजे और ज्योत जंवारा के साथ देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। माता रानी की विदाई में भक्तों की आंख से आंसू छलक पड़े। ज्योत जंवारा होथे माता विसर्जन तोर, 9 दिन बर आये वो पहुना बरोबर दाई,,, जैसे जस भक्ति गीत के साथ नम आंखों से माता रानी को विदाई दी गई। सोमवार को दुर्गा, सरस्वती पंडालों में हवन पूजन के साथ महाभंडारा भी हूआ। नवरात्रि के अंतिम दिन सुबह से ही देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। माता की प्रतिमा को अंतिम विदाई देने सैकड़ो की संख्या में श्रदालु विसर्जन स्थल में पहुंचे अंचल में श्रदालुओं ने प्रतिमा विसर्जन से पहले आरती लेकर जयकारे के साथ माता प्रतिमा का विसर्जन किया गया। मालीघोरी, जगन्नाथपुर सहित ग्रामीण अंचल में देर शाम तक माता की प्रतिमा का विसर्जन का सिलसिला चलता रहा।

अहिबरन नवागांव में बीच तालाब में पीपे के नाव के जरिए हुआ इस तरह दुर्गा विसर्जन

जगन्नाथपुर में बरसते पानी में निकली विसर्जन यात्रा, नहीं टूटी लोगों की भक्ति

ग्राम जगन्नाथपुर में स्थापित मां दुर्गा और सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन के दौरान जमकर बारिश हो रही थी लेकिन लोगों की भक्ति इस बारिश में नहीं टूटी। वे विसर्जन में डटे रहे। रैली के दौरान मूर्तियों को तिरपाल से ढक दिया गया था वही सेवा मंडली भी ट्रैक्टर पर सवार होकर तिरपाल के अंदर बैठकर सेवा गीत गाते चल रहे थे। लोगों ने कहीं छाता ओढ़कर तो कहीं भीगते हुए मां की अंतिम आरती की। गांव में गलियों का भ्रमण करते हुए जगह-जगह स्वागत किया गया। देर शाम को नया तालाब में विसर्जन हुआ।

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