इस्तीफा देने कांग्रेस के 6 तो भाजपा के 4 पार्षद कर रहे तैयारी, अध्यक्ष की कार्यशैली से नाराज, सीएम के आगमन पर लेंगे फैसला
गुरूर। गुरुर नगर पंचायत के सभाकक्ष में पार्षदों ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपनी व्यथा बताई और कहा कि नगर पंचायत में हम पार्षद केवल नाम मात्र के रह गए हैं। यहां के अध्यक्ष द्वारा जबसे पदभार ग्रहण किया गया है तब से पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और अब तो आर्थिक मामलों में भी दुर्व्यवहार करते हुए मनमाने ढंग से 2 करोड 98 लाख रुपए का टेंडर पास किया गया है और अपूर्ण पीआईसी में इस प्रस्ताव को पारित किया गया है। साथ ही वार्डों में काम देने के लिए भेदभाव का सहारा लिया गया है। पार्षदों ने बताया कि हम विभिन्न जगहों पर पूरे मामले की शिकायत कर चुके हैं और अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बालोद दौरे पर आ रहे हैं। यदि हमारे मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की जाती तो हम मुख्यमंत्री के समक्ष 10 पार्षद इस्तीफा प्रस्तुत करेंगे।
अध्यक्ष की मनमानी
नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि हम सबने मेहनत कर उन्हें भाजपा के बहुमत होने के बावजूद भी अध्यक्ष बनाया। जिसके बाद से वह हमें उसी नजर से देखने लगे और कुछ दिनों बाद यह कहना शुरू कर दिया गया कि मैं अपने किस्मत और अपनी मेहनत से अध्यक्ष पद पर काबिज हुई हूं।
2 करोड़ 98 लाख का मामला
मामला दरअसल 2 करोड़ 98 लाख रुपए से शुरू हुआ है। जो कि अपूर्ण पीआईसी का मामला है और पीआईसी के लिए इस्तीफा प्रस्तुत कर चुके 2 पार्षद उस बैठक में शामिल नहीं थे। बावजूद इस प्रस्ताव को पारित किया गया है। जो नियम विरुद्ध है और इसके कारण से हमारे वार्ड वासियों के साथ भी भेदभाव होगा।
मुख्यमंत्री के सामने देंगे इस्तीफा
नगर पंचायत के पार्षद खिलानंद साहू ने कड़े शब्दों में कहा कि हम सभी जगहों पर अपने विषय को रख चुके हैं हमने स्थानीय संगठन को भी मामले से अवगत कराया है। स्थानीय एसडीएम, मुख्य नगरपालिका अधिकारी के साथ-साथ जिला कलेक्टर एवं मंत्री तक भी पहुंच गए हैं लेकिन अब तक अध्यक्ष की मनमानी जारी है और किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे क्षुब्ध होकर हम अपने मुख्यमंत्री के समक्ष 10 पार्षद इस्तीफा देंगे।
भाजपा पार्षदों का मिल जाना दुखद
पार्षद मुकेश साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय जनता पार्टी संगठन के साथ मिलकर हम सभी भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। जिसको लेकर उन्होंने स्टे ऑर्डर हाई कोर्ट से लाया परंतु उसके बाद हमारे कुछ पार्षद वहां अध्यक्ष के साथ शामिल हो गए जो कि दुखद विषय है।
संगठन से हो चुकी अनुशंसा
नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कांग्रेस के पार्षदों ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने जब अपने संगठन को पूरे मामले से अवगत कराया तो स्थानीय ब्लॉक अध्यक्ष के माध्यम से पीआईसी से कांग्रेस के पार्षदों को हटाने के बाद अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू को कांग्रेस से निष्कासित करने के लिए अनुशंसा कर दी गई है और मामला अभी विचाराधीन है।
इस्तीफा की चेतावनी देने वालों में यह पार्षद है शामिल
कांग्रेस से उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी वार्ड 14, ललिता जामदार 10, ख़िलानन्द साहू 9,
जितेंद्र ओझा 15,गजेंद्र मण्डावी 11, सोनू भूपेश लोहले 6, भाजपा से पार्षद मुकेश साहू 12, शोभित ओझा 8, महिमा रेणु साहू 3, कुंती सिन्हा 4 शामिल हैं। जितेंद्र ओझा पार्षद ने बताया कि मैं अपने वार्ड की समस्या को रखकर अध्यक्ष को कई बार जानकारी दिया। परंतु मेरी हर समस्या को नजरअंदाज कर दिया गया।