शिक्षा में नवाचार-झारपारा स्कूल के नवाचारी शिक्षकों ने ऑगमेंटेड रियलिटी टेक्नोलॉजी का उपयोग मोहल्ला क्लास में किया शुरू, अपने सामने सचमुच का हाथी, घोड़ा, शेर, डायनासोर इत्यादि पात्रों को देखकर रोमांचित हो रहे है बच्चे
सूरजपुर । जिले के शासकीय प्राथमिक शाला झारपारा पम्पापुर के शिक्षक गौतम शर्मा और राजेन्द्र जायसवाल के द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित मोहल्ला क्लास में बच्चों की शिक्षा को रोचक और आनंददायी बनाने के उद्देश्य से ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग प्रारंभ किया गया है। इससे बच्चों को विषय को समझने में काफी आसानी हो रही है।
शिक्षक गौतम शर्मा ने चर्चा के दौरान बताया कि वर्तमान परिदृश्य में प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में परंपरागत तरीकों को छोड़कर डिजिटल तरीकों को चुना जा रहा है। ऑगमेंटेड रियलिटी वर्चुअल रिएलिटी का ही दूसरा रूप है, इस तकनीक में आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं। यानि आपके आसपास के दुनिया के साथ एक और आभासी दुनिया को जोडकर एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है यानि आप वास्तविक दुनिया और आभासी दुनिया बीच फर्क नहीं बता सकते हैं। आज के समय में ऑगमेंटेड रियलिटी का प्रयोग डिजिटल गेंमिग, शिक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, शॉपिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में किया जा रहा है।
ऑगमेंटेड रियलिटी जैसे तकनीक के उपयोग से शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव किया जा रहा है, जिसके द्वारा आप किसी भी टॉपिक की जानकारी के साथ-साथ उससे संबंधित वर्चुअल चित्र भी देख सकते हैं। शिक्षा में टेक्नोलॉजी विषय को सरल बनाने का काम करती है। आज कल प्रोजेक्टर, स्मार्ट क्लासेज का दौर है ऐसे में ऑगमेंटेड रियलिटी शिक्षा को और आसान और रोचक बना रही है। प्रदेश के शिक्षकों द्वारा ऑगमेंटेड रियलिटी का शिक्षण में इस्तेमाल करना शुरू भी किया जा चुका है। ऑगमेंटेड रियलिटी में तकनीक की सहायता से आपके आसपास के वातावरण की तरह एक डिजिटल दुनिया बनाई जाती है।
शिक्षक राजेन्द्र जायसवाल ने बताया कि ऑगमेंटेड रियलिटी का मतलब होता है, किसी भी चीज को बेहतर बनाकर दिखाना, जिससे वह बिलकुल वास्तविक लगे। ऑगमेंटेड रियलिटी में आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हुआ एक कंप्यूटर जनित वातावरण तैयार किया जाता हैं। ऑगमेंटेड रियलिटी आपके आस पास के वतावरण से इंटरैक्ट कर सकती हैं। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन क्लास और मोहल्ला क्लास लेते समय ऑगमेंटेड रियलिटी का प्रयोग शुरू करने के उद्देश्य से एक वेबीनार का आयोजन किया गया।
इस ख़ास वेबिनार में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ शिक्षा सलाहकार सत्यराज अय्यर द्वारा एआर AR और व्हीआर VR जैसे आधुनिक तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । वेबिनार के दौरान उन्होंने लाईव डेमो देते हुए, ऑग्मेंटेड रियलिटी के मदद से सचमुच का शेर, गाय, हाथी, ड्रैगन को बनाकर दिखाया। साथ ही शिक्षकों को मानव शरीर संरचना, सौर मंडल जैसे विज्ञान से जुड़ें अवधारणाओं को समझाने के लिए थ्री डी सिम्युलेटेड वातावरण उपयोग हेतु लाईव डेमो दिया। उन्होंने बताया की हम सदियों से गणित पढ़ाते समय थ्री डी आकारों को ब्लैकबोर्ड एवं पेपर जैसे टू डी सतह पर बच्चों को सिखातें हैं, अब हमारे फ़ोन में ऐसे फ़ीचर्ज़ आ चुकें हैं कि शिक्षक थ्री डी माडल्ज़ को थ्री डी सतह पर सीधा दिखा कर पढ़ा सकते हैं। अब समय आ गया है कि छत्तीसगढ़ में हम ऐसे नवाचारों को अपनाए एवं विद्यार्थियों को भविष्य के लिए नवीनतम तरीक़े से तैयार करें।
इसी राज्य स्तरीय वेबिनार से प्रभावित होकर हमने ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग अपने मोहल्ला क्लास में करना प्रारंभ किया, जिससे बच्चों को किसी भी विषयवस्तु को समझने में बहुत आसानी हो रही है। बच्चे अपने सामने सचमुच का हाथी, शेर, घोड़ा, गाय, डायनासोर और अनेकों पात्र देखकर खुशी से झूम उठते है।