स्वप्रेरित भाव से शिक्षा का अलख जगा रहे है शिक्षा सारथी आशीष,,, “cgschool.in पोर्टल” के लिए ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव द्वारा लिखा गया है यह सक्सेस स्टोरी
बलरामपुर-रामानुजगंज/वाड्रफनगर । छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित “पढ़ई तुंहर दुआर” पोर्टल में प्रतिदिन हमारे नायक के रूप में विभिन्न जिलों के एक शिक्षक एवं एक बच्चे का चयन किया जा रहा है। ऐसे ही हमारे नायक (विद्यार्थी) के रूप में चयनित हुए है बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम महुआरी पारा (सरना), संकुल केंद्र गैना, ब्लॉक वाड्रफनगर निवासी शिक्षा सारथी आशीष कुमार पांडेय, जो शासकीयरानी दुर्गावती महाविद्यालय वाड्रफनगर में अध्ययनरत है।
उनके सफलता की कहानी को बालोद जिले के ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला कोसा, विकासखंड गुंडरदेही ने लिखा है। शासन ने शिक्षकों व बच्चों के प्रेरक पहल को अन्य शिक्षकों व बच्चों तक पहुंचाने के लिए उनकी सक्सेस स्टोरी को cgschool.in पोर्टल में स्थान दिया जा रहा है ताकि दूसरे शिक्षक व बच्चे भी प्रेरित हो और वह भी उनका अनुसरण करें।
आइए जाने हमारे नायक (विद्यार्थी) शिक्षा सारथी आशीष कुमार पांडेय के बारे में
वर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से जब सभी शैक्षणिक संस्थानों को अचानक बंद करने का आदेश जारी किया। तब ऐसे विषम परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा “पढ़ई तुंहर दुआर” कार्यक्रम अंतर्गत “cgschool.in” पोर्टल के माध्यम से छत्तीसगढ़ के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए एक विकल्प प्रस्तुत किया गया। “पढ़ई तुंहर दुआर” कार्यक्रम को अन्य नए आयामो से जोड़ते हुए शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के उत्साही व नवाचारी शिक्षक व अधिकारियों के माध्यम से “ऑनलाइन क्लॉस,” “ऑफ़लाइन क्लॉस” अंतर्गत “पढ़ई तुंहर पारा,” “मोहल्ला क्लॉस,” “लाउडस्पीकर क्लॉस,” “बुलटू के बोल,” “मिस्डकॉल गुरूजी” जैसे अनेकों विकल्पों को क्रियान्वित कर बच्चों की शिक्षा जारी रखे हुए है।
सीखने-सिखाने के इन्ही विकल्पों में से एक मोहल्ला क्लॉस में छत्तीसगढ़ के शिक्षा सारथियों द्वारा स्वप्रेरित भाव से बच्चों में शिक्षा का अलख जगाया जा रहा है। आज के हमारे नायक में हम एक ऐसे ही शिक्षा सारथी आशीष कुमार पांडेय के बारे में चर्चा करेंगे। आशीष बीएससी प्रथम वर्ष का विद्यार्थी हैं। वह माता-पिता व दो अन्य भाइयों के साथ रहते है। आशीष की रूचि पढ़ाई में होने की वजह से आगे पढ़-लिख कर कॉलेज में प्रोफ़ेसर बनना चाहते है। वह लगातार सक्रिय रहना चाहते है। अभी भी खाली समय में अपने पिता के पुश्तैनी जजमानी कार्य में भी सहयोग देते है।
मोहल्ला क्लॉस की शुरूआत
cgschool.in के ब्लॉग लेखक श्रवण कुमार यादव से चर्चा करते हुए शिक्षा सारथी आशीष कुमार पांडेय में बताया कि जब लॉक डाउन की वजह से कॉलेज की पढ़ाई बंद हो गया, तब अपने गांव वापिस आ गया था। शासन द्वारा जब मोहल्ला क्लास हेतु शिक्षा सारथियों को जिम्मेदारी देने संबंधी निर्देश मिलने पर “गैना संकुल के समन्वयक संजय कुमार पाण्डेय” द्वारा मुझे मोहल्ला क्लास लेने हेतु प्रेरित किया गया। इसके बाद से आशीष मोहल्ला क्लॉस लेने लगा। उनके मोहल्ला क्लॉस में कक्षा एक से पाँच तक के बच्चे तो नियमित रूप से पढ़ने आते ही है, साथ ही मिडिल व हाईस्कूल के बच्चे भी आ जाते है, तो उनको भी पढ़ाते है।
मोहल्ला क्लॉस की विशेषता
शिक्षा सारथी आशीष कुमार पांडेय ने आगे बताया कि उनके मोहल्ला क्लॉस में प्राथमिक स्तर के अधिकांश बच्चे आते है। आशीष ज्यादा फोकस बेसिक नॉलेज पर देता देते है। इसके अलावा विषय आधारित लर्निंग आउटकम के आधार पर शिक्षा भी दिया जाता है। बच्चों को होमवर्क भी देते है, जिसे दूसरे दिन बनाकर लाते है। इस बीच बच्चों के डाउट्स भी क्लियर करते जाता हूँ। मोहल्ला क्लॉस में बच्चों के स्तर पर भी ध्यान दिया जाता है।
एक्टिविटी बुक से अभ्यास कार्य
मोहला क्लॉस/पढ़ई तुंहर पारा के बारे में चर्चा करते हुए गैना संकुल के समन्वयक संजय कुमार पांडेय ने बताया कि शिक्षा सारथी आशीष द्वारा महुआरी पारा (सरना) में संचालित मोहल्ला क्लॉस सहित उनके संकुल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अनेकों गांवों में मोहल्ला क्लॉस संचालित है। इन मोहल्ला कक्षाओं में शासन से उपलब्ध कराए गए एक्टिविटी बुक सहित अन्य संदर्भ शिक्षण सामग्रियों के माध्यम से बच्चों को सीखने सिखाने की प्रक्रिया में जोड़े रखते है। बच्चों को उनके स्तर अनुरूप एक्टिविटी बुक के माध्यम से अभ्यास कार्य कराने से उनके स्तर को शीघ्र ही अपग्रेड किया जा सकता है।
गत वर्ष भी संचालित किए थे निःशुल्क समर कैंप
शिक्षा सारथी आशीष कुमार पांडेय का प्रारंभ से ही शिक्षा के प्रति विशेष रूचि होने की वजह गत वर्ष भी ग्रीष्मकालीन अवकाश में समर कैंप का आयोजन कर अपने गांव के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के साथ साथ अनेकों गतिविधियों में पारंगत करने में सहभागिता दे चुके है। आशीष हमेशा बेहतर शिक्षा के लिए प्रयासरत रहते है। उनका मानना है कि सभी बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ लिख कर एक अच्छे नागरिक बने और देश की प्रगति में सहभागिता दे। उनको बच्चों को समझना-सिखाना अच्छा लगता है। इस गतिविधि में वे स्वयं भी बहुत कुछ नया सीखने की बात भी स्वीकार करते है।