ब्रेकिंग-ईडी के नोटिस पर राहुल गांधी के समर्थन में बालोद जिले में भी कांग्रेसी बैठे मौन धरना में, फिर गाएंगे राम भजन, पढ़िए पूरा मामला?
बालोद। प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल करते हुए राहुल गांधी और सोनिया गांधी को कटघरे में खड़े किए जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा समर्थित मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने नया दांव खेल दिया है. और राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेसी अलग-अलग क्षेत्र में प्रदर्शन पर उतर आई है। इस क्रम में बालोद जिले में भी कांग्रेसियों द्वारा मौन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जय स्तंभ चौक के पास कांग्रेस भवन के बगल में कांग्रेसी मुंह पर पट्टी लगाकर मौन धरना में बैठे हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिए गए नोटिस के विरोध में यह प्रदर्शन हो रहा है। जिसमें प्रमुख रुप से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर सहित विधायक संगीता सिन्हा व अन्य शामिल हैं।
नेता राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार के द्वारा ED का इस्तेमाल कर किए जा रहे हैं साजिश के खिलाफ में ये जिला स्तरीय एक दिवसीय मौन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। यह धरना प्रदर्शन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मार्गदर्शन एवं निगरानी में किया जा रहा है। इस धरना प्रदर्शन में जिला के समस्त कांग्रेस जन, समस्त विधायक गण, पूर्व विधायक गण, जिला पंचायत अध्यक्ष /उपाध्यक्ष एवं सदस्यगण, कांग्रेस नीत जनपद पंचायतों के अध्यक्ष एवं सदस्य गण, नगर पालिका के अध्यक्ष एवं पार्षद गण , नगर पंचायत के कांग्रेसी अध्यक्ष एवं पार्षद गण , समस्त प्रकोष्ठों के जिला एवं ब्लॉक के कार्यकारिणी सदस्यगण, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवादल, के समस्त जिला एवं ब्लाक पदाधिकारी उपस्थिति देने पहुंच रहे हैं।
जरा समझिए नेशनल हेराल्ड केस, क्या है आरोप
यह मामला नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा है। साल 1938 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसकी स्थापना की। अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड एजेएल के पास था जो दो और अखबार छापा करती थी हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज। 1956 में एजेएल को गैर व्यावसायिक कंपनी के तौर पर स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 से कर मुक्त कर दिया गया। कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई। कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया। इस बीच साल 2010 में यंग इंडियन के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई। जिसका 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।
कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।
23 को सोनिया की पेशी
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 13 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईडी ने इससे पहले राहुल गांधी को दो जून को पेश होने को कहा था, लेकिन उन्होंने पेश होने के लिए कोई दूसरी तारीख देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह देश से बाहर हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कोरोना संक्रमित होने के बाद ईडी की ओर से नया समन जारी किया गया है और 23 जून को पेश होने के लिए कहा गया है।