बालोद। बालोद ब्लॉक के ग्राम निपानी में मध्यान्ह भोजन चलाने वाली धन्वंतरि स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बच्चों को सूखा राशन के तहत घटिया चावल बांट दिया गया है। इस बात की खबर किसी को भी नहीं होने दी गई। लेकिन गलत चीज छिपती नहीं है। आखिर सामने आ जाता है। वही हुआ जब अक्षय तृतीया अक्ति तिहार के तहत पूजा अर्चना के दौरान उक्त चावल को कुछ लोग लेकर पूजा स्थल पहुंचे थे। जब गांव के प्रमुख चावल आने वाले लोगों से बातचीत की तो बताया गया चावल उनके बच्चों को स्कूल द्वारा मिला है। जो कि महिला सदस्यों द्वारा बांटा जाता है। चावल देखने में प्लास्टिक की तरह लग रहा था। ग्रामीणों ने पहले तो इसे प्लास्टिक का चावल ही समझ लिया था। लेकिन बाद में पुष्टि हुई है कि देखने में ही प्लास्टिक लग रहा है। कई घरों में इस चावल का उपयोग भी किया जा रहा है। जिससे कुछ लोगों को पेट दर्द की शिकायत भी है। अक्ति पूजा के दौरान लाए गए इस चावल से आखिर घटिया चावल बांटे जाने का मामला खुल ही गया और संचालन कर रही महिला समूह जांच व सवालों के घेरे में आ गई।
क्या कह रही अध्यक्ष
जब मामले की जानकारी मिलने के बाद हमने उक्त समूह के अध्यक्ष निर्मला निषाद से बातचीत की। तो उनका कहना था शासन द्वारा सोसाइटी में चावल आता है। सोसायटी संचालक द्वारा स्कूल के नाम से जो आया था वही चावल दिया गया। हमने चावल की स्थिति देखकर कहा भी था कि यह तो बहुत ज्यादा खराब लग रहा है। कुछ चावल को हमने साफ़ भी करवाया था। फिर सभी बच्चों को वितरित करवाया गया। चावल खराब होने की जानकारी स्थानीय शिक्षकों को भी दी गई है।
ब्लॉक के अफसरों को नहीं होने दी गई खबर
मामले में बड़ी बात यह है कि बच्चों को दिलेरी से घटिया चावल बांट दिया गया। और ब्लॉक के अधिकारियों को इसकी खबर भी नहीं होने दी गई। अगर समय पर अधिकारियों को जानकारी दी जाती तो शायद इस चावल को बांटने से रोका जा सकता था और नया आवंटन किया जा सकता था। लेकिन समूह की महिलाओं ने मनमानी की और बच्चों को चावल बांट दिया। अब घटिया चावल की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई है और समूह की पोल खोल रही है। मामले में बीईओ बसन्त बाघ व मध्यान्ह भोजन प्रभारी रजनी वैष्णव ने कहा हमें कोई जानकारी नहीं दी गई थी। मीडिया के जरिए यह मालूम हुआ। अगर समूह द्वारा जानकारी दी जाती तो नया स्टॉक भेजा जाता। समूह ने गलती की। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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