BIGBREAKING- दल्ली राजहरा का रेंजर हुआ ब्लैकमेलिंग का शिकार, निलंबित एंटी करप्शन ब्यूरो के एएसआई ने वसूले 10 लाख, अब मामला दर्ज जिसने की वसूली वह पहले भी पटवारी से रिश्वत के मामले में हो चुका निलंबित, पढ़िए पूरा मामला
बालोद/ रायपुर/ दल्ली राजहरा। एंटी करप्शन ब्यूरो का नाम सुनते ही अधिकारी क्यों कापने लगते हैं, कोई कार्यवाही को लेकर क्यों घबरा जाते हैं, इसी का फायदा शरारती तत्व भी उठाते हैं। ऐसा ही एक बड़ा मामला बालोद जिले के दल्ली राजहरा में सामने आया है। यहां पदस्थ रेंजर राजेश कुमार नान्दूकर के साथ एक एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर के ही एएसआई विनोद वर्मा व अन्य आरोपियों ने मिलकर 10 लाख रुपये वसूल लिए है। यह घटना अप्रैल 2020 की बताई जा रही है। तो डर के कारण देर से रेंजर ने अब मामले की रिपोर्ट रायपुर के टिकरापारा थाना में लिखवाई है। दरअसल में रेंजर भी रायपुर के रहने वाले हैं। पुलिस को लिखाई रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बताया है कि मैं राजा तालाब नवदुर्गा चौक रायपुर में रहता हूं। वर्तमान में बालोद वन मंडल की दल्लीराजहरा परिक्षेत्र में परिक्षेत्र अधिकारी के पद पर पदस्थ हूं। विनोद वर्मा एवं एक अन्य व्यक्ति के द्वारा मुझे जेल भेज देने का भय दिखाकर धमकी दिखाते हुए दस लाख रूपये की मांग करने पर मेरे द्वारा नगदी दस लाख रूपये दिया गया।
टिकरापारा थाना की पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 384, 34 भा0द0वि0 का केस फ़ाइल किया है। रेंजर ने बताया है कि माह फरवरी 2020 में एक व्यक्ति ने मुझे फोन किया कि मैं आर्थिक अपराध अनवेषण ब्युरो से ए एस आई विनोद वर्मा बोल रहा हूं। आपके खिलाफ आर्थिक अपराध में गंभीर शिकायत है तथा मामला सुलझाने के लिए कार्यवाही कर जेल भेज देने का भय दिखाते हुए दस लाख रूपये की मांग की गई। तब मैं डर के कारण अपने मित्रो से कर्ज एवं उधार लेकर दिनांक 05-04-2020 को विनोद वर्मा द्वारा बुलाये पचपेड़ीनाका के पास सेंट्रल एक्साइज कार्यालय के सामने दोपहर लगभग 01-00 बजे विनोद वर्मा एंव उसका एक अन्य साथी इनोवा कार में आये। तब मैने प्रथम किस्त नगद रूपये दो लाख रूपये विनोद वर्मा को दिया तथा शेष रकम अलग अलग स्थानो पर विनोद वर्मा एंव उसके साथ आये व्यक्ति को दिया। इस तरह कुल 10 लाख रूपये नगद 5, 6 किस्तो में दिया। तब उनके द्वारा मुझे बताया गया कि आपका फाइल एवं शिकायत को नस्तीबद्ध कर दिया गया है। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो। इस प्रकार विनोद वर्मा एवं उसके साथी ने कार्यवाही कर जेल भेज देने का भय दिखाकर मुझसे 10 लाख रू0 वसूल कर लिये हैं।
पटवारी को भी ब्लैकमेलिंग करने पर आरोपी एएसआई हुआ है निलंबित
एंटी करप्शन ब्यूरो में पदस्थ रहने के बाद जुलाई 2020 सिविल लाइन थाना रायपुर में पदस्थापना के दौरान एएसआई विनोद वर्मा ने एक पटवारी को एसीबी का प्रभाव दिखाते हुए लाखों रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस काम में उसके साथ एक आरक्षक भी शामिल था। उस एएसआई वर्मा को पुलिस ने 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा । इसके साथ ही एएसआई को निलंबित भी कर दिया गया था। दरअसल मामला बलौदाबाजार के कोतवाली थाना क्षेत्र का था। आरोपी एएसआई का नाम विनोद वर्मा था और पूर्व में एसीबी में तैनात रह चुका था। वर्तमान में विनोद वर्मा रायपुर के सिविल लाईन में पदस्थ है। एएसआई विनोद वर्मा ने एसीबी के आरक्षक गजानंद वर्मा और वकील अनिल वर्मा के साथ मिलकर रिसदा पटवारी से 5 लाख रूपये की मांग की थी। आरोपियों ने पटवारी को ये कहकर डराया था कि उसके खिलाफ एसीबी में शिकायत आई है और कभी भी उसके ठिकाने पर छापा पड़ सकता है।
घूसखोरों ने छापा न पड़ने देने की एवज में पांच लाख रूपए की डिमांड की थी, जिसकी शिकायत पटवारी ने सिटी कोतवाली थाने में की थी। सभी आरोपी इसकी पहली किस्त लेने के लिये बलौदाबाजार गये हुये थे। इस दौरान तीनों को सिटी कोतवाली बलौदाबाजार पुलिस ने रंगे हाथों धर दबोचा। जिसके बाद अफसरों ने एएसआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।