मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से बसा गरीब बेटियों का घर, गायत्री मंदिर परिसर में हुआ आयोजन, आशीर्वाद देने पहुंची विधायक संगीता सिन्हा
बालोद। गुरुर के गायत्री मंदिर परिसर में मंगलवार 1 मार्च को शासन के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। जिसमें 17 जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में विधायक संगीता सिन्हा शामिल हुई। सरकार की इस योजना से कई गरीब परिवार की बेटियों का नया घर बस गया। इस पहल के लिए नए जोड़ों ने विधायक संगीता सिन्हा व छत्तीसगढ़ सरकार का आभार जताया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत सामुहिक विवाह का आयोजन किया गया था। विशिष्ट अतिथि ललिता पीमन साहू, सदस्य, जिला पंचायत बालोद, मीना सत्येन्द्र साहू, सदस्य, जिला पंचायत , केदार देवांगन, सदस्य, जिला पंचायत, टिकेश्वरी साहू, अध्यक्ष, नगर पंचायत गुरूर प्रभात कुमार धुवे, अध्यक्ष, जनपद पंचायत गुरूर तोषण लाल साहू, उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत गुरूर, प्रमोद सोनवानी, उपाध्यक्ष, नगर पंचायत गुरूर, राजश्री, सभापति, जनपद पंचायत गुरूर सहित समस्त नगर पंचायत सदस्यगण एवं जनपद पंचायत सदस्यगण गुरूर शामिल रहे। विधायक संगीता सिन्हा ने नई जोड़ियों को आशीर्वाद देते हुए सरकार की इस योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण कई सारी ऐसी कन्याए हैं जो अविवाहित रह जाती हैं।
ऐसे में उनको अपना जीवन यापन करने में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना आरंभ की गई है। इस योजना के माध्यम से कन्या के विवाह के अवसर पर सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है इस योजना को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की कन्या के विवाह पर सरकार द्वारा ₹25000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। छत्तीसगढ़ के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस योजना का संचालन किया जाता है। इस योजना का लाभ केवल एक परिवार की 2 कन्याएं ही उठा सकती हैं। इस योजना के माध्यम से सामूहिक विवाह का आयोजन करवाया जाता है। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत विधवा, अनाथ तथा निराक्षित कन्याओं को भी शामिल किया गया है। इस योजना के माध्यम से परिवार को विवाह के समय आने वाली आर्थिक कठिनाइयों से निवारण मिलेगा। इसके अलावा यह योजना विवाह में होने वाली फिजूलखर्ची रोकने में भी कारगर साबित होगी। सामूहिक विवाह को प्रोत्साहन तथा विवाह में दहेज की लेनदेन पर रोकथाम भी इस योजना के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी।